
शिवजी की रात है सुहानी, पर्वतों से जुड़ी है उनकी कहानी। नीलकंठ है उनका नाम, उनके भक्तों में है मेरा नाम। तन मन से निकली आवाज, शिवजी को पाना है मेरा ख्वाब। भक्त इस दिन शिवजी का व्रत है रखते, फिर अपनी मनोकामना को पूर्ण करते। भांग घोटा इस दिन पीते हैं, और खुशियों से झूम उठते हैं। शिवजी और पार्वती को नए वस्त्र पहनाते हैं, उनके विवाह के मंगलगीत गाते हैं। त्रयोदशी की यह रात्रि होती है महारात्रि, तभी सब इसे कहते हैं शिवरात्रि। संजना 11वीं कक्षा की छात्रा कांगड़ा /हिमाचल प्रदेश। शिवरात्रि की सभी को हार्दिक शुभकामना।
