पानी बचाइए वरना कुछ नहीं बचेगा

अनिल चौधरी (बैंक अधिकारी)-

चेन्नई की जल त्रासदी चिंता का विषय है।

बिल्कुल है- लेकिन चेन्नई वालों के लिए। हमारे लिए नहीं। हमारे यहाँ तो भरपूर पानी है। इतना पानी है कि हम रोज सुबह और शाम बिना चूके अपने घर के साथ साथ पड़ोसियों के घर के सामने की सड़क की धुलाई इतनी तन्मयता से करते हैं कि भले पानी कितना भी बर्बाद हो लेकिन मजाल है कि मिट्टी का एक कण दिख जाए। और साहब नहा तो हम 1 या 2 बाल्टी पानी से भी सकते हैं लेकिन शॉवर में घंटे भर नहाने का लुत्फ ही अलग है। भले ही पानी बर्बाद होता है लेकिन झरने वाली फीलिंग का आनन्द ही कुछ और है। और भइया भले ही नल खोलकर हम घंटों पानी बहाएँ पर उसका बिल भी तो देते हैं। फ्री में थोड़ी पानी बर्बाद करते हैं। मोटर चल रहा है। टंकी भर गई। पर पानी घंटे भर से बह रहा है। तो क्या हुआ। हो गई गलती, नहीं ध्यान रहा। बिजली और पानी का बिल तो हम दे ही रहे हैं।

!!!!ऐसा ही पहले चेन्नई वालों ने भी सोचा होगा!!!

पानी बचाइए वरना कुछ नहीं बचेगा।