दूध के काले कारोबार में लगे लोग पर फूड इंस्पेक्टर मेहरबान

Corruption Feature IV24

मंझनपुर, कौशाम्बी जिले में सफेद दूध का काला कारोबार बेखौफ तरीके से फल-फूल रहा है। चायल तहसील क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर दूध कलेक्शन सेंटर के आड़ में जहां दूध का काला कारोबार फल-फूल रहा है। वही फूड इंस्पेक्टर की अवैध वसूली भी चरम सीमा पर फल फूल रही है। दूध के काले कारोबार में लगे लोगों के फूड विभाग से सांठगांठ के चलते आम जनता जहर पीने को विवश है। लेकिन फूड इंस्पेक्टरों की मनमानी पर रोक लगता नहीं दिख रहा है।

बीते कई वर्षों से फूड इंस्पेक्टर बेलगाम हो चुके हैं और पूरे दिन फूड इंस्पेक्टर केवल खाने-पीने की दुकानों से अवैध वसूली में लिप्त पाए जाते हैं। सूत्रों की माने तो फूड विभाग के इंस्पेक्टरों द्वारा अवैध धंधे बाजो से कई लाख हुए महीने की अवैध वसूली की जा रही है। दूध के काले कारोबार की ओर लोगों ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अवैध तरीके से संचालित हो रहे दूध के धंधों पर रोक लगाए जाने की मांग की है।

दूध उत्पादन दिनोंदिन कम हो रहा है और लोगों की दूध की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है जिससे दूध की कमी हमेशा बनी रहती है और इसी का फायदा उठाकर मिलावट खोर दूधिए सिंथेटिक दूध तैयार कर लोगों की मांग पूरी कर रहे हैं। मोटी कमाई के चक्कर में लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और जहर बेचा जा रहा है। जिस तरह सिंथेटिक दूध से तैयार होने वाली मिठाई या पदार्थ पूरी तरह जहर का कार्य करते हैं। सिंथेटिक दूध से बनने वाले खोवा और पनीर में स्वाद भी नहीं होता है।

कुछ मिलावट खोर दूधिए यह काम तेजी से कर रहे हैं। दूध कलेक्शन सेंटर मिलावट खोरी के अड्डे बन चुके हैं लेकिन फूड इंस्पेक्टर इन पर कार्यवाही करने के बजाय नजरें मोड़ लेते हैं। ग्रामीण इलाकों में सिंथेटिक दूध तैयार कर बाजार में बेचा जा रहा है। बड़े पैमाने पर सिंथेटिक दूध तैयार किया जा रहा है। खाद्य विभाग, मिलावट पर रोक नहीं लगा रहे विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।कौशाम्बी से दूध की सप्लाई एजेंटों के माध्यम से की जा रही है। ग्राहक भी पहचान करने के बजाए सिर्फ अपनी आवश्यकता का ध्यान रख रहे हैं।

सिंथेटिक दूध को खपाने का जरिया इन दिनों शहरी क्षेत्र में खुली डेयरियां और घर-घर दूध पहुंचाने वाले दूधिए हैं। यह दूध डेयरियों तथा डोर-टू-डोर डिलेवरी में सप्लाई हो रहा है। इस दूध में केमिकल, यूरिया, स्टार्च रिफाइंड आदि घातक चीजों की मिलावट होती है। कौशाम्बी में बड़े पैमाने पर नकली और सिंथेटिक दूध का कारोबार चल रहा है। सभी डेरी पर उपलब्ध है, जिनका उपयोग लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। जगह – जगह पर दूध डेरिया खुली हुई है, जहां दूध कलेक्शन सेंटर भी बनाए गए हैं और इन दूध डेरियों के आड़ में दूध एकत्रित कर इनमें केमिकल मिलाकर बाहरी ट्रकों के जरिए बड़े शहरों में भेजा जा रहा है।

चायल तहसील क्षेत्र के दर्जनों कस्बे में फूड इंस्पेक्टर की मेहरबानी पर दूध कलेक्शन सेंटर चल रहे हैं। सूत्रों की माने तो पांच हजार रुपए महीने प्रति कलेक्शन सेंटर पर फूड इंस्पेक्टर की दूध सेंटरों से वसूली है जिसके चलते दूध के काले कारोबार में लगे लोगों के सारे गुनाह माफ है।

मंझनपुर से विजय करन की रिपोर्ट