आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 3, 2024 0

शब्द हैं :– रचयिता-रचयित्री। ★ रचयिता– ‘रचयिता’ पुंल्लिंग-शब्द है, जो किसी भी प्रकार की मौलिक रचना के लिए प्रयुक्त होता है। ‘रचयिता’ का अर्थ है, रचना/सर्जन करनेवाला वा रचनेवाला। ‘रचना’ करने के अर्थ मे ‘रच्’ […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 20, 2024 0

हमने ऊपर दिख रही सामग्री मे अशुद्ध शब्द-व्यवहार को यथाशक्य सकारण शुद्ध किया है। इसमे जिसकी रुचि हो, वे ग्रहण कर सकते हैं; किसी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं। वैसे भी शब्द मे शक्ति होती […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 19, 2024 0

शब्द हैं :– संकीर्ण, आकीर्ण, विस्तीर्ण, प्रकीर्ण तथा विकीर्ण। संकीर्ण– मूल शब्द ‘कीर्ण’ है, जिसका अर्थ ‘बिखरा हुआ’, ‘ढका हुआ’ तथा ‘ठहरा हुआ’ है। हम प्रयोग के आधार पर शब्दार्थ-चयन करेंगे। हम ‘संकीर्ण’ के अर्थ […]

जन-जन मे जाग्रत् हो रही, हिन्दी की वैश्विक चेतना

January 9, 2024 0

‘विश्व हिन्दी-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ‘सर्जनपीठ’ का अन्तरराष्ट्रीय आयोजन सम्पन्न ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे आज (९ जनवरी) ‘विश्व हिन्दी-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ‘सारस्वत सदन’, अलोपीबाग़, प्रयागराज से ‘हिन्दी की वैश्विक स्थिति’ विषयक एक आन्तर्जालिक […]

भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय १० जनवरी को १० हज़ार विद्यार्थियों को भाषाशुचिता का ज्ञान करायेंगे

January 8, 2024 0

‘हिन्दी-संसार’ एक ऐसा शैक्षणिक-दैक्षणिक संस्थान है, जहाँ से विद्यार्थी यथोचित अनुशासन और संस्कार ग्रहण करने के अनन्तर समाज को समुचित दिशाभान कराने की भूमिका मे लक्षित होते हैं। जो विद्यार्थी मेधावी और प्रतिभावान् होते हैं, […]

जी०जी०आई०सी०, गोमतीनगर का संकल्प ”तमसो मा ज्योतिर्गमय” का भव्य आयोजन

November 25, 2023 0

•••••••••••••••••••••••••••••••••• हमारे विद्यालय का अतीत स्वर्णिम रहा है और वर्तमान भी– डॉ० शशिकला राय •••••••••••••••••••••••••••••••••• उल्लासपूर्वक स्थापना-दिवस मनाया गया; विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेला एवं प्रदर्शनी आयोजित; पूर्व-छात्राओं की प्रभावपूर्ण भागीदारी लखनऊ। गत शनिवार को राजकीय […]

विद्यार्थी और अध्यापकों के लिए देशस्तर पर हिन्दी-भाषा की कर्मशाला हो― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

November 20, 2023 0

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बीसलपुर, पीलीभीत द्वारा ‘नयी शिक्षा-नीति एवं मातृभाषा के आलोक में शब्दसंधान’ विषय पर त्रि- दिवसीय (दिनांक २०, २१ तथा २२ नवम्बर) राष्ट्रीय कर्मशाला के प्रथम दिन का आयोजन किया गया। […]

ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी-क्षेत्र में हिन्दी ससीम से असीम की ओर

September 25, 2023 0

‘हिन्दी-पक्ष’ (पखवाड़ा) के अवसर पर विशेष प्रस्तुति ★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय(भाषाविज्ञानी और समीक्षक) देश की बहुसंख्य जनता देवनागरी लिपि मे हिन्दी लिखना, पढ़ना तथा समझना जानती है। सम्पूर्ण देश मे साहित्य की दोनो विधाओं […]

हिन्दी-उत्थान के लिए अथक प्रयास करने की ज़रूरत– विभूति मिश्र

March 13, 2022 0

हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के ७३वें राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन-समारोह सम्मेलन के राजर्षि टण्डन पण्डपम के सभागार मे १३ मार्च को आयोजित किया गया। द्विदिवसीय आयोजन के अन्तर्गत दूसरे और अन्तिम दिन प्रथम सत्र मे […]

“डंके की चोट पे” अब दो हज़ार बाईसवाँ वर्ष जीना है

December 31, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय पौने तेरह महीने तू-तू, मै-मै और न जाने क्या-क्या लोग करते रहे हैं और जैसे-जैसे तेरहवें महीने के गर्भ से दो हज़ार बाईसवाँ फुदकने की तैयारी मे है; लोग शिकवा-शिकायत-गिला […]

विद्या-अर्जित करने के लिए संस्कार की आवश्यकता— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

December 24, 2021 0

आज (२३ दिसम्बर) गढ़ाकोटा, सागर-स्थित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिन्दी-विभाग की ओर से ‘अध्ययन-अध्यापन मे हिन्दी-भाषा की उपयोगिता और महत्ता’ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय कर्मशाला का आयोजन महाविद्यालय-सभागार मे किया गया। इस कर्मशाला मे प्रयागराज […]

अध्ययन और अभ्यास-द्वारा शुद्ध लेखन करना सीखें– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

December 17, 2021 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’ “हिन्दी हमारी मातृभाषा है, इसलिए हमारा अपनी भाषा के प्रति उत्कट अनुराग होना चाहिए। हमे अपनी माँ के प्रति जितनी श्रद्धा होती है उतनी ही अपनी भाषा के प्रति भी होनी […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 20, 2021 0

••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••शुद्ध शब्दप्रयोग (उदाहरण-सहित)कहाँ ‘से’ के स्थान पर ‘में’ का प्रयोग होता है; समझें :–★ मेरी समझ ‘में’ ऐसा ही है।★ तीव्र गति ‘में’ गाड़ी मत चलाओ।★ देर ‘में’ मत आना।★ गाड़ी देर ‘में’ आयेगी।★ क्रम […]