संस्पर्श और संघर्षण मेरी देह के आचरण की पट-कथा लिख रहे हैं
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- एक —–पाप-बोध—- पाप का कण-कण मेरी जिह्वा से टकराता है और ले जाता है– एक ऐसे गह्वर में, जहाँ पुण्य का प्रताप आन्दोलित हो रहा है और मेरा पाप सिर चढ़ कर […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- एक —–पाप-बोध—- पाप का कण-कण मेरी जिह्वा से टकराता है और ले जाता है– एक ऐसे गह्वर में, जहाँ पुण्य का प्रताप आन्दोलित हो रहा है और मेरा पाप सिर चढ़ कर […]