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हमारे विद्यालय का अतीत स्वर्णिम रहा है और वर्तमान भी– डॉ० शशिकला राय
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उल्लासपूर्वक स्थापना-दिवस मनाया गया; विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेला एवं प्रदर्शनी आयोजित; पूर्व-छात्राओं की प्रभावपूर्ण भागीदारी
लखनऊ। गत शनिवार को राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, गोमतीनगर की ओर से विद्यालय-मुक्तांगन मे पूरे उत्साह और भव्यता के साथ विद्यालय का अपना स्थापना-दिवस मनाया गया था। उस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर, अपनी बहुमुखी प्रतिभा का शानदार परिचय दिया था।
उल्लेखनीय है कि वह अवसर उस विद्यालय के रजत जयन्ती वर्ष का भी रहा है। उक्त विद्यालय की २५ वर्षों की शिक्षण-यात्रा ऐतिहासिक और गर्वपूर्ण रही है, जहाँ से से अध्ययन कर, जाने कितनी छात्राएँ विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत रहकर आज देश का मान-वर्द्धन कर रही हैं, जो उस विद्यालयीय अध्ययन- अध्यापन-शैली की देन है। वे समस्त छात्राएँ इन दिनो समाज और राष्ट्रीय जीवन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहण करती दिख रही हैं।
ज्ञातव्य है कि उक्त आयोजन दो सत्रों में सम्पन्न हुआ था, जिसका शुभारम्भ “तमसो मा ज्योतिर्मय” के उल्लासमय घोष के साथ किया गया था। जैसे ही वह समवेत ध्वनि गूँजी, एक साथ शताधिक मोबाइल फ़ोन की ज्योति हाथों में जलते दीये की तरह झिलमिला उठी थी, जो नयनाभिराम लग रही थी। वही मूल मन्त्र शिक्षा का उद्देश्य भी होता है :– अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाना। यही ‘गुरु’ का भी अर्थ है। बच्चों को ज्ञान की ज्योति से युक्त करना। यह एक तरह से इसी उद्देश्य का सामूहिक संकल्प भी था, शिक्षण के सातत्य का; उसकी निरन्तरता का संकल्प। उसके पश्चात् छात्राओं ने रंगारंग प्रस्तुतियों से वातावरण को संस्कृतमय बना दिया था।
उस गौरवमय आयोजन मे सम्मिलित होने के लिए विद्यालय की कई प्राक्तन छात्राओं का पहुँचना, इस वास्तविकता का द्योतक था कि उक्त विद्यालय का अतीत और वर्तमान उच्च कोटि का रहा है। उन पूर्व-छात्राओं ने अपने जीवन के शिक्षाप्रद अनुभव साझाकर वर्तमान छात्राओं को स्वस्थ और सकारात्मक दृष्टिकोण और दृष्टिबोध अपनाते हुए, सारस्वत पथ पर अग्रसर बने रहने की ओर प्रेरित किये थे। उन प्राक्तन छात्राओं मे से जो किन्हीं अपरिहार्य कारणो से आयोजन मे सशरीर सम्मिलित न हो सकी थीं, आन्तर्जालिक माध्यम (गूगल मीट) से उपस्थित रहीं।
उपर्युक्त आयोजन का दूसरा सत्र रचनात्मक था, जो ‘बालमेला’ के रूप मे छात्राओं की प्रतिभा का परिचायक था। उसमे छात्राओं ने अपनी पाक-विद्या और कलात्मकता का सुपरिचय दिया था। वह पूर्णत: छात्राओं का आयोजन था, जिसमे उन्होंने अपनी अभिरुचि का प्रदर्शन करते हुए, खान-पान और कलात्मक वस्तुओं से मेला को समृद्ध और सम्पन्नयुक्त किया था। उनमे हस्तशिल्प और शिक्षण-अधिगम की सामग्री भी प्रदर्शनी के रूप मे शामिल थीं। छात्राओं और साथ आये अन्य बच्चों ने मेले और प्रदर्शनी का खूब आनन्द उठाया।
विद्यालय के रजत जयन्ती-वर्ष पर वर्ष २०२२-२३ की परीक्षा मे प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान अर्जित करनेवाली छात्राओं को पारितोषिक के रूप मे स्मृतिचिह्न प्रदान कर, प्रोत्साहन दिया गया था।
इस शुभावसर पर विद्यालय का सुन्दरीकरण किया गया था। उसे झालरों और गुब्बारों से खूबसूरत ढंग से सजाया गया था।
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्य डॉ० शशिकला राय ने आयोजन की सफलता के लिए सभी शिक्षिकाओं की प्रशंसा करते हुए, उनके प्रति धन्यवाद-ज्ञापन किया था। उन्होंने छात्राओं को आयोजन मे उनकी सकारात्मक भूमिका की सराहना करते हुए, उनके मंगलमय भविष्य की कामना की थी। प्राचार्य डॉ० राय ने भरोसा और विश्वास जताते हुए कहा, “हमारे विद्यालय का अतीत स्वर्णिम रहा है और वर्तमान भी अपनी उसी गरिमा की रक्षा करते हुए, नित्य सफलता-सोपान पर चढ़ता जा रहा है। हमारा विद्यालय आगे भी निरन्तर अपनी छात्राओं के समुज्ज्वल और भास्वर भविष्य के लिए सजग और जागरूक बना रहेगा, हमारा विश्वास है।”
प्राचार्य के इसी प्रेरणाप्रद उद्बोधन के साथ शैक्षिक, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक आयोजन का समापन हुआ था।