उत्तरप्रदेश के राज्यपाल ‘धृतराष्ट्र’ क्यों बने हैं ?

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय-


उत्तर प्रदेश के चिकित्सालयों में प्रतिदिन दहाई में बच्चे क्यों मर रहे हैं ? अभी तक मरने का ठोस कारण क्यों नहीं बताया गया है ? जाँच – रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि ऑक्सीजन के अभाव में बच्चे मारे जा रहे हैं और उत्तर प्रदेश तथा केन्द्र – शासन के संचालक कह रहे हैं- ऑक्सीजन के अभाव में बच्चे नहीं मर रहे हैं । ऐसे में, यक्ष प्रश्न है- किस कारण / किन कारणों से बालमृत्यु हो रही है ?
डी० एम०, सी० एम० ओ०, सी० एम० एस०, प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्य आदिक को निलम्बित और स्थानान्तरण करने से क्या यह मृत्युक्रम थम जायेगा ? सच तो यह है कि उक्त सन्दर्भ में न तो राज्य की सरकार गम्भीर दिखती है और न ही केन्द्र की सरकार चिन्तित है, अन्यथा गोरखपुर के बदनाम चिकित्सालय ‘बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज’ में पिछले एक वर्ष में एक हज़ार से अधिक बच्चों की मृत्यु के बाद भी कथित सरकारें सोती नहीं रहतीं । स्थिति यह है कि फ़र्रुख़ाबाद के आर० एम० एल० चिकित्सालय में पिछले एक माह में ४९ बच्चे मर चुके हैं । इन बच्चों के शव पर राजनीति करने वाले कहाँ छुप गये हैं ? सच को सामने लाकर सत्ताधारियों के मुँह पर प्रमाण मारने से क्यों बच रहे हैं ? राज्यपाल महोदय अपने दायित्व को भूल चुके हैं । अभी तक हज़ारों परिवारों के बच्चे चिकित्सालय – प्रबन्धन की लापरवाहियों के चलते अपने जीवन से हाथ धो बैठे हैं और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल अपनी आँखों पर गान्धारीवाली पट्टी बाँध चुके हैं और मौन व्रत धारण किये हुए, कानों के छिद्रों में ‘टेप’ लगा चुके हैं ! सत्यानाश हो, ऐसे राजनीतिक आचरण का !