● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
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लम्बे समय से प्रयागराज मे भू-माफ़ियाओँ के आतंक से वहाँ के सभ्य परिवार के लोग आशंकित और आतंकित रहे हैँ। अब उन भूमाफ़ियाओँ का आतंक मलाकहरहर, प्रयागराज तक पसर चुका है। मलाकहरहर और आस-पास के क्षेत्रोँ मे बड़ी संख्या मे ‘पटेल’ जाति के लोग भूमिधर हैँ और अवैध रूप से ज़मीन क़ब्ज़ा करनेवालोँ मे से भी। हाल ही मे प्रयागराज के ज़िलाधिकारी ने घोषणा की थी– अवैध क़ब़्ज़ा किये गये ज़मीन को मुक्त कराया जायेगा और अभियान भी प्रारम्भ हो चुका है।

भूमाफ़ियाओँ की दबंगई के क्रम मे मलाकहरहर, प्रयागराज मे भूमाफ़िया बृजेश पटेल पुत्र भगवती प्रसाद पटेल-द्वारा सोराँव तहसील के क़ानूनगो, लेखपाल तथा तत्कालीन उपज़िलाधिकारी से अवैध आदेश कराकर, लगभग एक दशक-पूर्व सुनीता देवी (पत्नी– अशोक पाण्डेय), श्रीनेत्र शुक्ल, निशा पाण्डेय (पत्नी– पृथ्वीनाथ पाण्डेय) गंगा सिँह (पत्नी– सुजीत सिँह), प्रियंका शुक्ल (पत्नी– रवि शुक्ल) तथा कृष्णमोहन कुशवाहा-द्वारा क्रय किये गये गाटा-संख्या ५०८ के एक पूरे भूभाग पर ‘पत्थर गढ़ी’ का क्रियान्वयन् करा दिया गया है। आरोपित पटेल उस समूचे भूभाग पर कोई और अवैध कार्य न करा सके, इसके लिए हमने ‘स्थागनादेश’ करा लिया है; परन्तु आश्चर्य का विषय है कि स्थागनादेश हो जाने के बाद भी मनबढ़ बृजेश पटेल ने ‘न्यायालय की अवमानना’ करते हुए, हम सबकी चारोँ ओर की दीवारेँ ध्वस्त करा दी हैँ, जिसकी पुष्टि विगत दिवस मौक़ा-ए-वारदात पर पहुँचे फाफामऊ-थाना, प्रयागराज के थानाध्यक्ष और हमारे इस प्रकरण को देख रहे एस० आइ० श्री सौमित्र सिँह ने कर दी है। बृजेश पटेल को थाना भी बुलवाया गया था, जहाँ उसने उक्त एस० आइ० के समक्ष अपने अवैध कृत्य की स्वीकारोक्ति भी की थी। जब आरोपित पटेल को २४ अक्तूबर, २०२५ ई० को फाफामऊ-थाने मे बुलाया गया तो वह आया ही नहीँ, जबकि हम सब वहाँ साक्ष्यसहित उपस्थित थे।
हमारे पास अकाट्य साक्ष्य है कि आरोपित बृजेश पटेल ने ‘भूचित्र’ के साथ छेड़छाड़कर भूमिधर के नाम पर जिन लोग को प्रतिवादी बनाकर अपने पक्ष मे आदेश कराया है, वह पूर्णत: अवैध है; क्योँकि २४ अक्तूबर, २०२५ ई० को जिन लोग के नाम प्रतिवादी के रूप मे हैँ, उन सबने इस आशय की बात बतायी थी :– हमारे नाम से न तो कोई नोटिस आयी थी और न ही हमारा कोई बयान लिया गया था। बृजेश पटेल ग़लत काम कर रहा है; क्योँकि उसकी वहाँ एक इंच ज़मीन नहीँ है।
आश्चर्य का विषय है! लगभग एक दशक तक हम छह लोग उस समूचे भूभाग पर क़ाबिज़ हैँ; नवीनतम खतौनी मे हम सबका नाम दाख़िल है और हमे ही सूचित किये बिना सारा खेल करा लिया गया?
ज्ञातव्य है कि उस समूचे भूभाग मे सर्वाधिक हिस्सा (१८४ वर्गमीटर) मेरी पत्नी निशा पाण्डेय के नाम से दर्ज़ है, सह-भूमिधरोँ का भूभाग भी अधिक है।
उल्लेखनीय है कि पहले मलाकहरहर का कथित क्षेत्र बीहड़ था, अब हाइवे, पुलादिक बन जाने और उसका सुन्दरीकरण हो जाने से उस क्षेत्र की ज़मीन लगभग पाँचगुनी महँगी हो चुकी है, जिससे समझते हुए, भूमाफ़िया बृजेश पटेल के मन मे लोभ समा गया है। हमारा भूभाग मुख्य सड़क-मार्ग से लगभग १५० मीटर की दूरी पर स्थित है।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २५ अक्तूबर, २०२५ ईसवी।)