अनुभूति के गह्वर मे

December 8, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–हिरणी कनखी ताकती, चण्ट व्याध की ओर।सोच डूबता प्रश्न मे, होगी कब अब भोर।। दो–चंचरीक-चितवन चतुर, डोल रहा हर छोर।चपल चंचरी लख रही, प्रणय-सूत्र की ओर।। तीन–धर्मयुद्ध अब है कहाँ, […]

पण्डित हेरम्ब मिश्र-स्मृति शिखर-सम्मानो की घोषणा

December 8, 2024 0

‘पण्डित हेरम्ब मिश्र-स्मृति पत्रकारिता-संस्थान’ की ओर से लब्धप्रतिष्ठ पत्रकार एवं विचारक पं० हेरम्ब मिश्र की स्मृति मे उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर प्रतिवर्ष मीडिया एवं साहित्य के क्षेत्रोँ मे दिये जानेवाले सम्मानो की घोषणा कर […]

‘मनुष्यता’ से बढ़कर कोई धर्म नहीँ

December 8, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज भारत मे जिस तरह से धर्म का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, उससे यही प्रतीत होता है, मानो धर्म-जैसा घृणित और अश्लील शब्द कोई हो ही न। इसका मुख्य […]

देयाद-देयादिन मैच के हाल

December 6, 2024 0

बोली :– भोजपुरीपरपंची काका – आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय बतकही मेटरो रेलगड़िया-लेखा सुरू हो जाला।”का हो लँगटुआ के माई! सुननी हाँ की लँगटुआ के चाचा कालकाता से काल्हु आव तारे।”” हँ हो गँढ़रुआ के माई! […]

विरामचिह्नो की उपयोगिता और महत्ता

December 5, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इसी परिप्रेक्ष्य मे नीचे दिये गये कुछ उदाहरणो को देखा-समझा और अनुभव किया जा सकता है :–★ पूर्ण, अल्प तथा सम्बोधन विरामचिह्नो के प्रयोग१– उसे रोको मत जाने दो।२– […]

आकाशलोक से सम्मोहक मेघदर्शन/मेघ-दर्शन

December 4, 2024 0

एक शब्दचित्र ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आकाशगामी वायुयान से आकाश-दर्शन मन-प्राण (‘प्राणों’ अशुद्ध है।) को आह्लादित कर देता है; मेघ का रूप-परिवर्तन होते रहने से मन-मस्तिष्क मे एक अद्भुत विचार-शृंखला कौँधने लगती है; विचार-प्रक्रिया […]

सुनो साँप!

December 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• साँप!तुम इतने भी असभ्य नहीँ,जो गाँव से शहर आ जाते हो।तुम गाँव-से-गाँव जाते होऔर वहाँ की संस्कृतिशहरोँ मे ले आते हो,तभी प्रतिवर्ष–नागपंचमी पर पूजे जाते हो।तुम रोज़गार के एक साधन […]

समयसत्य आह्वान

December 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• उखाड़ फेँकोउस बूढ़े बरगद को,जो समावेशी चरित्र भूलकरआत्म-केन्द्रित हो चुका है।उसका समन्वयवादी चरित्रएकपक्षीय बनकर रह गया है।वह अन्य बीजोँ केअंकुरण होने,पौधोँ के पनपने और वृक्ष होने तक कामार्ग–अवरुद्ध कर, फन […]

कूटनीतिक पहल से एलएसी पर सुधरे हालात

December 3, 2024 0

नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि कूटनीतिक पहल से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात सुधरे हैं और भारत तथा चीन हालात में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध हैं। जयशंकर […]

प्रख्यात चिन्तक-विचारक श्याम विद्यार्थी अब हमारे बीच नहीँ रहे!

December 2, 2024 0

देश के लब्ध-प्रतिष्ठ चिन्तक-विचारक, कई राज्योँ के आकाशवाणी-केन्द्रोँ मे कार्यक्रम-अधिशासी इलाहाबाद-दूरदर्शन-केन्द्र मे पूर्व-वरिष्ठ निदेशक श्याम विद्यार्थी अब हमारे बीच नहीँ रहे। उनके अनुज-सम आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने बताया कि विद्यार्थी जी १ दिसम्बर को […]

अभिव्यंजना

December 1, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• चमकता चाँद-सा बदन,न चुरा अनकहा कथन।पतंगी रूप अब अपना,उड़ाये कब कहाँ पवन? तेरा चुप भी इक सवाल है,हमे अब न कोई मलाल है।यहाँ हर ख़याल है सो रहा,अब यहाँ बोल […]

बेशक, मै एक सम्पादक हूँ

November 30, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जी हुजूर! मै एक सम्पादक हूँ;तरह-तरह का सम्पादक हूँ;किसिम-किसिम का सम्पादक हूँ।पूर्वग्रह से सहित सम्पादक हूँ।सवाल है–रूप-रुपये-रुतबे का;तलाश है, ऐसे दाताओँ की,फिर तो आपको फ़ीचर-पेज कास्तम्भकार बना दिया।आप इसे ‘कदाचार’ […]

मेरी तरह ‘अकेले’ चलिए; पग-पग पर ‘विजयश्री’ क़दम चूमेगी

November 30, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मै अपनी हर लड़ाई अकेले ही लड़ने के लिए समर्थ हूँ; लड़ भी रहा हूँ। जिन्हेँ विश्वसनीय समझता था, उनमे से लगभग सारे दग़ाबाज़ निकले। वाक्-कौशल का परिचय देते हुए, पीठ […]

बिखर रहा है देश, उसे जोड़िए हुजूर!

November 29, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• बेशर्म निगाहोँ की नज़र, तोड़िए हुजूर!बेईमान नज़रोँ की नीयत, छोड़िए हुजूर!मर रहा आँखोँ का पानी, देखिए एक बार,इंसानियत से नज़रेँ, न मोड़िए हुजूर!आँखेँ हैँ थक चुकीँ, सब्ज़बाग़ देखकर,फ़र्क़ कथनी-करनी मे, […]

कहानी– आत्मोन्नति की यात्रा

November 28, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– सौरभ एक साधारण परिवार का लड़का था, जो एक छोटे से गांव में रहता था। वह अपनी पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन हर समय असफलताओं का सामना करता रहता था। हर […]

लघुता मे ‘प्रभुता’

November 27, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• हमारे देश मे जाने कितने ऐसे लोग हैँ, जो सर्वप्रभुतासम्पन्न एक व्यक्ति के साथ फ़ोटो खिँचवाने वा फिर पुस्तकादिक लोकार्पण कराने वा किसी आयोजन मे निमन्त्रित करने के लिए ”एड़ी-चोटी […]

बिनब्याही अपूर्णता

November 27, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• सुनो न!तुम्हारी पूर्णताभाती नहीँ मुझे;क्योँकि तुम मुझसेद्रुत गति मे चलायमान हो।हाँ, मै अपूर्ण हूँ।तुम मुग्ध हो, अपनी पूर्णता परऔर मुझे गर्व है, अपनी अपूर्णता पर;क्योँकि आज मुझेएहसास हो रहा है […]

संविधान के बारे मे जाने

November 26, 2024 0

‘संविधान’ शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘सम’ तथा ‘विधान’ ( सम+ विधान) से हुई है। सम का अर्थ है – एकसमान, बराबर जबकि विधान का अर्थ है -नियम , कानून। अर्थात ऐसे नियम और […]

सीखिए और सिखाइए; जीवन व्यर्थ न गँवाइए!

November 26, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आत्मीय आभासी-अनाभासी मित्रवृन्द! आपमे से बहुसंख्य मित्र (शाब्दिक) ऐसे हैँ, जो भयवश मेरे सम्प्रेषण पर कोई टिप्पणी नहीँ करते। उन्हेँ आशंका रहती है कि उनके अशुद्ध लेखन पर सीधे अँगुली […]

ऑस्ट्रेलिया की विषम पिच पर भारतीय बल्लेबाज़ोँ और गेंदबाजोँ ने अपने प्रदर्शन से क्रिकेट-जगत् को चौँकाया

November 25, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• भारतीय क्रिकेटदल के ऑस्ट्रेलिया-दौरे पर जाने से पूर्व ऑस्ट्रेलिया की पिच और गेँदबाज़ी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई आतंक का वातावरण बना दिया गया था; परन्तु भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य ऑस्ट्रेलिया […]

पारमार्थिक भावना, समय का सदुपयोग और औदार्य: समाज के उत्थान की सच्ची संपदा

November 25, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– मनुष्य के जीवन में अनेक गुण और मूल्य होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ऐसे हैं जो उसे सच्चे अर्थों में महान और समाज के लिए उपयोगी बनाते हैं। इनमें पारमार्थिक […]

जीवन की सार्थकता और विचारशीलता : एक विश्लेषण

November 24, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’— जीवन की सार्थकता का प्रश्न हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। हम सभी अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण और उपयोगी बनाने की आकांक्षा रखते हैं। इस दिशा में विचारशीलता का महत्व सर्वोपरि […]

मन की दोहरी प्रकृति

November 23, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– मन एक बेचैन बंदर की तरह है, जो लगातार एक विचार से दूसरे विचार के मध्य झूलता रहता है। मन ही हमारी भावनाओं, आकांक्षाओं, भय और आसक्तियों का जन्मस्थान है। यह […]

भारत के नम्बर दो उद्योगपति आडानी पर दो देशोँ की गाज गिरी!..?

November 22, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इन दिनो वैश्विक क्षितिज पर गौतम आडानी और उनके भाई राजेश आडवानी का बेटा सागर आडानी-सहित कुल छ: लोग चर्चा के केन्द्र मे हैँ, जिन पर संयुक्त राज्य अमेरिका के […]

भारतीय बैडमिण्टन-खेलाड़िन पी० वी० सिन्धू का खेलकौशल अब शिथिल दिखता हुआ!

November 21, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इन दिनो शेनजेन (चीन) मे खेले जा रहे ‘चाइना मास्टर्स सुपर– ७५० बैडमिण्टन-टूर्नामेण्ट’ के अन्तर्गत अपने पहले लीग मैच मे पी० वी० सिन्धू २० नवम्बर को अपने से श्रेष्ठतर श्रेणीवाली […]

भारतीय महिला-हॉकीदल ने एशियाई हॉकी-चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी जीती

November 20, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• भारतीय महिला-हॉकीदल ने राजगीर (बिहार) मे आज (२० नवम्बर) सलीमा टेटे के नेतृत्व मे खेले गये बिहार महिला एशियाई हॉकी-चैम्पियन्स-ट्रॉफ़ी, राजगीर– २०२४ की प्रतियोगिता के फ़ाइनल मे चीन को १-० […]

भारतीय महिला-हॉकी दल जापान को हराकर फ़ाइनल मे पहुँचा

November 19, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज (१९ नवम्बर) राजगीर (बिहार) मे भारत-जापान के मध्य खेले गये एशियाई महिलाहॉकी- चैम्पियंस ट्रॉफ़ी मे भारत ने यद्यपि जापान को एक पेनाल्टि-स्ट्रोक और एक मैदानी गोल की सहायता से […]

अर्थव्याप्तिदोष का सम्मोहन

November 18, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ज़िन्दगी मे अर्थ की परिव्याप्तिसुरसुरी-सी लगने लगी है।देह की खुरचनसायास-अनायास,केंचुल की भाँतिउतरती आ रही है।कालखण्डस्थितप्रज्ञ की भूमिका मेअनासक्त योगी-सदृश“एकोहम् सर्वेषाम्” को अभिमन्त्रित कर,लोकजीवन को जाग्रत् कर रहा है।प्रार्थना–स्वीकृति-अस्वीकृति की धुरी […]

‘टूटते सन्दर्भ’ का एक अंश

November 18, 2024 0

“वह हँसती नहीँ, हँसी पीती है। मेरी दार्शनिकता से उत्पन्न उसकी अन्तः हँसी मुझ पर प्रभावी होने लगी। विगत पूरे वर्ष का अंश तो वही है। मुझे रास आने लगा। हम प्राय: अपने निशि-दिवा के […]

प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एक वरदान मे बरगद के औषधीय गुण

November 17, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार राघव (वैकल्पिक-प्राकृतिक चिकित्सक)— बरगद का पञ्चाङ्ग उपयोगी है। बरगद का प्रत्येक अंश अमृत के गुणो से भरा है। फल, पत्ते, दूध, छाल और जटा सबका आयुर्वेद मे रोगनाशक के रूप उपयोग होता है। […]

मै मंच से कह रहा हूँ कि मेरे शिष्य शाश्वत शर्मा को ‘समीक्षा अधिकारी’ बना देँ― रामभद्राचार्य

November 17, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• चित्रकूट (उत्तरप्रदेश) मे स्थित तुलसी-पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने विगत दिवस जयपुर (राजस्थान) मे आयोजित रामकथा विषय पर प्रवचन करने की अवधि मे उत्तरप्रदेशविधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना से आदेशात्मक स्वर मे […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 17, 2024 0

◆ प्रस्तुत वाक्य ऐसे हैँ, जिन्हेँ लेकर ९५ प्रतिशत से अधिक सुशिक्षितजन अशुद्ध लेखन करते आ रहे हैँ।◆ यह प्रतियोगिता १८-१९ नवम्बर, २०२४ ई० तक रहेगी। जिसका उत्तर सर्वशुद्ध रहेगा, उसे नीचे दी गयी कृति […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 16, 2024 0

अध: टंकित शब्दोँ मे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है?१– बँटाधार२– बण्टाधार३– बण्टाढार४– बँटाढार५– इनमे से कोई नहीँ। (फिर कौन-सा शब्द है?) उत्तर– १– बँटाधार शब्द-विवेचन– जो शब्द सर्वत्र प्रचलित है, वह ‘बंटाधार’ और ‘बण्टाधार’ है। […]

बैसवारा की कतकी : कार्तिक पूर्णिमा

November 15, 2024 0

करवा हैं करवाली,उनके बरहें दिन दिवाली।उसके तेरहें दिन जेठुआन ,औरफिर चुटिया- पुटिया बांध के चलो गंगा नहाय। मतलब की दीपावली की धूम और फिर जेठुआन के गन्ने की मिठास खत्म होते कतकी (गंगा स्नान) की […]

बालसाहित्य : मेरी रचना और लेखन का प्रथम सोपान

November 14, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मेरा आरम्भ से स्वभाव रहा है कि जिस क्षेत्र मे जाओ, वहाँ ऐसा कर्म करो कि तुम्हारी स्थापना करने के लिए वहाँ की परिस्थिति विवश और बाध्य हो जाये। दूसरे […]

उच्चतम न्यायालय ने जे० सी० बी० मशीन से घर गिराने को अवैध ठहराया

November 13, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज (१३ नवम्बर) उच्चतम न्यायालय की ओर से अकर्मण्य सरकारोँ-द्वारा अवैध ढंग से जे० सी० बी० (जोसेफ़ सायरिल बम्फोर्ड) (‘बुल्डोजर’ का प्रयोग ग़लत है।) से किसी के भी घर को […]

हिन्दुस्तान, लखनऊ-कार्यालय मे हमने भाषिक विमर्श किया

November 12, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• गत ११ नवम्बर को मै अपने प्रिय सम्पादक सुनील द्विवेदी जी, लखनऊ से मिला और उनके सम्पादकीय विभाग के लिए अपनी भाषिक कृति ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ प्रदान […]

लखनऊ मे सम्मान्य शम्भुनाथ जी के साथ किया गया सारस्वत विमर्श सुखद रहा

November 12, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाध पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• उत्तरप्रदेश मायावती-शासन मे निजी एवं प्रमुख सचिव एवं उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान मे निदेशक रहे, मेरे सारस्वत मित्र एवं ज्येष्ठ भ्राता-सम समादरणीय ७८ वर्षीय शम्भुनाथ जी को गत ११ नवम्बर को […]

एशियाई महिला हॉकी-चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी मे भारतीय दल प्रभावहीन रहा, यद्यपि एक गोल से जीता

November 12, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एशियाई हॉकी-चैम्पियनशिप मे आज (१२ नवम्बर) राजगीर (बिहार) मे खेले गये कोरिया के विरुद्ध भारतीय महिलादल की पेनल्टी-स्ट्रोक के कारण जीत हुई; परन्तु कुल मिलाकर, उसका प्रदर्शन प्रभावहीन रहा। उसके […]

दुनिया के लिए अच्छी साबित होगी भारत-रूस साझेदारी: जयशंकर

November 11, 2024 0

मुंबई। भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं और 8 प्रतिशत विकास दर वाले भारत और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज रूस के बीच साझेदारी दोनों देशों के साथ ही दुनिया के लिए भी […]

अब कोई सूरज किसी रूपा को छुप-छुप कर नहीं देखता

November 10, 2024 0

छोटा भाई : भैया क्या आपको पता है कि बड़े-बड़े कास्तकार जिनका धान खेत से कटकर घर तक पहुंचने में पहले महीनो लग जाते थे, पूरा कातिक बीत जाता था, अब उनकी पूरी सीर एक […]

पकवान रेस्टोरेण्ट का कारनामा

November 9, 2024 0

पहला चित्र–घटना आज (९ नवम्बर) की है। मै डोसा खाने के लिए गया था। यह है, लखनऊ का ‘पकवान रेस्टोरेण्ट’ (शुद्ध शाकाहारी भोजनालय), जो लखनऊ रेल स्टेशन से लगभग ४०० मीटर की दूरी पर मुख्य […]

शुष्क हुई संवेदना, मरता भाव-विभाव

November 9, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–अत्याचारी देश मे, दिखते हैँ चहुँ ओर।उनके पापाचार का, कोई ओर-न-छोर।। दो–रक्त उबलता देखकर, उनका नित्य कुकृत्य।दिखते हैँ पथभ्रष्ट सब, दिखता हर दुष्कृत्य।। तीन–शुष्क हुई संवेदना, मरता भाव-विभाव।मन चेतन से […]

‘परिक्षा’ शुद्ध शब्द है और परीक्षा भी

November 8, 2024 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला•••••••••••••••••••••••••• ★ परिक्षा– इस ‘परिक्षा’ शब्द की वर्तनी (अक्षरी) देखते ही कोई भी सुस्पष्ट शब्दोँ मे कह देगा– यह जो ‘परिक्षा’ शब्द दिख रहा है, पूरी तरह से ग़लत है; […]

दृष्टि परे दर्शन हुआ, योग-क्षेम अभिशाप

November 7, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–जीवन अब अनुवाद है, मूल रह गया भूत।भाव अर्थ से हीन है, कथ्य बना अवधूत।।दो–दृष्टि-परे दर्शन हुआ, योग-क्षेम अभिशाप।परे परा अपरा हुई, जल से जैसे भाप।।तीन–कुन्द प्रखरता ठोस है, प्रतिभा […]

‘छठि’ (छठ) के आवते अँखिया मे बचपन जीये लागल!

November 7, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ‘छठि’ के नउवा सुनि के आपन गाँव, घर, दुआरि, डेरा, खरिहान, बर-बनिहार आ पाँड़े पोखरा याद आवे लागल। मुँड़ी पर फल-फूल, सिंघाड़ा, ठेकुआ, पूआ-मलपुआ, पूड़ी, भीगल चाना, उखि के गेँड़, […]

कहे तोसे सजना ओ तोहरी सजनिया गाने वाली हुई चिर मौन

November 6, 2024 0

बैसवारा में छठ नहीं मनाई जाती, भोजपुरी और मैथिली भी नहीं बोली जाती। इसलिए भोजपुरी और मैथिली की प्रख्यात लोकगायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा को मैंने बहुत देर से जाना। उनकी जादुई आवाज मैंने पहली बार […]

अभी-अभी– प्रखर लोकगीतगायिका शारदा सिन्हा जी का शरीरान्त

November 5, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जनप्रिय लोकगीत-गायिका ७२ वर्षीया समादरणीया दीदी शारदा सिन्हा जी का अभी कुछ ही समय-पूर्व शरीरान्त हुआ है। कई दशक-पूर्व लखनऊ से प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘भोजपुरी लोक’ की ओर से लखनऊ […]

जज़्बातों का समन्दर

November 5, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’– अगर जज़्बातों का ये समन्दर न होताआदमजादे भी यहाँ जानवर बन जाते।कोई भी किसी के लिए परेशान न होताकिसी भी काम के न होते रिश्ते-नाते।न दिल मे किसी के लिए नफ़रत […]

जाने क्योँ-कैसा प्रतिबन्ध!

November 5, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पानी पर ठहरा सम्बन्ध,जाने कैसा क्योँ प्रतिबन्ध?होठोँ पर मृदु हास-रेखाएँ,हृदय दिखाता है अनुबन्ध।चिरसंचित अभिलाष खड़ा है,प्रश्न उठाता है सम्बन्ध।उम्र है घटती-कटुता बढ़ती,अनदेखी कर लेता अन्ध।अनाचार है आँख दिखाता,मुक्त दिख रहे […]

भारत-दुर्दशा का वर्तमान

November 5, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• छन्द :– चौपाईमंगल भवन अमंगल हारी। देश लुट रहा बारी-बारी।।जनता फिरती मारी-मारी। असर न होता अत्याचारी।।आपस मे है मारा-मारी। पापी दिखते सब पर भारी।।पाप घड़ा पापी भर आया। भगतोँ को […]

भाव-जगत् मे बस गये, सम्बन्धोँ के खेल

November 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–कैसा भाई दूज है, लिये प्रथा को संग।प्रेम-नेह दिखता नहीँ, रिश्ते होते तंग।।दो–छिटक रहे भाई-बहन, भौतिकता ले साथ।रोता भाई दूज भी, झुका-झुकाकर माथ।।तीन–बचपन बूढ़ा हो रहा, लकुटी ही अब साथ।बिछड़ […]

राजभाषा अधिकारी परीक्षा से सम्बन्धित मॉक टेस्ट का हुआ आयोजन

November 3, 2024 0

कोलकाता और आसपास के क्षेत्र के युवा वर्ग को राजभाषा हिंदी में रोजगार के अवसर और तदानुसार तैयारी के संबंध में जागरूकता फैलाने और युवा वर्ग को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से स्थापित नैहाटी शिल्पांचल […]

भोजपुरिया लिक्खाड़ लोगवा! एही क कहल जाला भोजपुरी

November 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ए चचिया! तोरा क उठि-बइठि आ सूति-जागि क उठक-बइठक करत परनाम करत बानी। आछा त, तू खाँड़ी-चूकी ना हउ, सोगहगवे बाड़ू। आपना लेखा एगही। तू आपन पूत खइलू; भतार कटलू, […]

संविधान विरुद्ध खड़े, लोकतन्त्र के अंग

November 2, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–मनहूस तारीख़ हुई, मानो गूलर-फूल।न्यायशील दिखते कहाँ, आस रही है झूल।।दो–देखो! कैसे मौन हैँ, न्यायतन्त्र के लोग।चिन्दी-चिन्दी हो रही, इज़्ज़त लगती भोग।।तीन–पट्टी खोली आँख की, संविधान अब हाथ।दिखता न्याय सुदूर […]

संविधान अब गौण है, केवल व्यक्ति प्रधान

November 1, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–जन का तेल निकाल कर, भरेँ दीप मे तेल।परवश कैसा राम है, खेल रहा है खेल।।दो–दृष्टि सयानी दिख रही, बढ़ा रही है प्रीति।घायल करती राज को, बना रही है नीति।।तीन–संविधान […]

Ode to Inner Light

October 31, 2024 0

Raghavendra Kumar Raghav– On the sacred festival of light, we come with open hearts, Seeking beauty’s true reflection, where the soul’s essence starts. Not in fleeting worldly forms, but in light that never fades, Shining bright, deep within—our […]

मेरा रेडियो-प्रेम

October 31, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मेरा रेडियो से जुड़ा संस्मरण एक रोचक पुस्तक का आकार ले लेगा। इतना समझ लेँ पार्श्व मे एक स्टूल होता था, जिस पर नितान्त मेरा ट्रांजिस्टर रखा रहता था और […]

शुद्ध शब्दप्रयोग के साथ शुचितापूर्वक ‘दीपमाला-उत्सव’ का आयोजन करेँ!

October 31, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• हम दीर्घकाल से देखते-समझते आ रहे हैँ कि दीप-उत्सव ‘दीपावली’ के अवसर पर भारतीय समाज आज भी भ्रम की स्थिति मे बना हुआ है। इसका मुख्य कारण है, ‘दीपावली’ त्योहार […]

सऊदी अरब में दूतावास ने पाँच भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा मिलने पर मनाया जश्न

October 30, 2024 0

रियाद। सऊदी अरब के रियाद में स्थित भारतीय दूतावास ने सभी 11 शास्त्रीय भाषाओं के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम सप्ताह भर चलने वाले प्रवासी परिचय-2024 का […]

सर्व समाज के आराध्य है भगवान परशुराम

October 29, 2024 0

हरदोई– बेनीगंज मे स्थानीय अयोध्या प्रसाद आदर्श विद्यालय परिसर में ब्राह्मण परशुराम संगठित समाज की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। साथ ही संगठन का विस्तार किया गया। ब्राह्मण संगठित समाज की ओर से […]

दीप

October 28, 2024 0

दीप जलते नहींजलाए जाते है।मोहब्बत की नहीं जातीनिभाई जाती है।खुशियां आती नहींलायी जाती है।अपने बनते नहींबनाए जाते है।कर्म दिखाए नहींकिए जाते है।हमसफर दिखाया नहींबनाया जाता है।सत्य समझाया नहींसमझा जाता है।श्री राम जन्म नहीं लेतेकर्मो से […]

कानपुर, दैनिक जागरण-कार्यालय मे ‘पत्रकारीय शब्दबोध-कर्मशाला’ का आयोजन प्रेरक रहा

October 27, 2024 0

कानपुर-प्रवास की अवधि मे मेरे समय का सदुपयोग होता रहा। विगत २४ अक्तूबर को दैनिक जागरण के राष्ट्रीय सम्पादक विष्णुप्रकाश त्रिपाठी जी के सौजन्य से दैनिक जागरण, कानपुर-कार्यालय के एक सभागार मे समाचारपत्रोँ मे व्यवहृत […]

तुम मात्र एक तार्किक हो

October 26, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• कहो!चित्त कोक्योँ ले गये संश्लिष्ट विचार-गह्वर मे?निर्द्वन्द्व करो अपने भाव को;शिथिल करो शब्द-बन्धन को;शब्द-शब्द होगा,करबद्ध मुद्रा मे;नतमस्तक हो,तुम्हारे आदेश की प्रतीक्षा मे।पात्रता ग्रहण करो;रिक्त रहकर,उद्विग्न रहोगे स्वयं से;अपरिपक्व विचारों से,फिर […]

प्राकृतिक चिकित्सा आधारित राघव की सलाह : 1

October 25, 2024 0

प्राकृतिक चिकित्सा ही मूल चिकित्सा है जो रोग की जड़ को खत्म कर शरीर को निरोग करती है। यह चिकित्सा पद्धति शून्य नुकसान वाली है और लाइलाज बीमारियों को भी ठीक करने की इसमें क्षमता […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 24, 2024 0

अध: टंकित वाक्य को सकारण शुद्ध करेँ :–● मैं दो दिन से गांव पर/पे है।सकारण उत्तर–सर्वप्रथम हम अपने प्रश्नात्मक वाक्य पर विचार करेँगे। यह वाक्य अशुद्ध है; क्योँकि वाक्य से निर्देश की ध्वनि आ रही […]

माया-सम सब दिख रहे, अभिधा करती शोर।।

October 23, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–संदेही इस जगत् मे, दिखते हैँ चहुँ ओर।समय दिखे शंकालु है, मोहग्रस्त है भोर।।दो–चतुर-सुजान सुभग यहाँ, कोई ओर-न-छोर।माया-सम सब दिख रहे, अभिधा करती शोर।।तीन–यही जगत् की रीति है, साधु बन […]

ब्रह्म सनातन एक है, जीव क्षणिक है रूप

October 22, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–कोण दृष्टि का बदलकर, लक्ष्य करो संधान।आडम्बर को त्यागकर, कर लो ग्रहण अपान (आत्मज्ञान)।।दो–कौन सनातन है यहाँ, क्षणभंगुर है कौन?न्यायी दिखता कौन है, अधिनायक है कौन?तीन–ब्रह्म सनातन एक है, जीव […]

पारुल देवी ने नीट यूजी परीक्षा उत्तीर्ण करके जनपद का बढ़ाया मान

October 22, 2024 0

ज्योति जूनियर हाईस्कूल कुरसठ हरदोई की पूर्व छात्रा पारुल देवी ने नीट यूजी परीक्षा उत्तीर्ण करके अपने जनपद व क्षेत्र का नाम रौशन किया है। पारुल देवी ने प्रदेश की आयुष काउंसलिग में 620वीं रैंक […]

कटुता कण्टक-सा चुभे

October 21, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–चिन्ता-चिन्तन शब्द हैँ, शब्द बने अविराम।शब्द-शब्द मन्थन करो, मानस हो अभिराम।।दो–शब्द-शब्द अश्लील है, शब्द बनाये श्लील।शब्द समादरयुक्त है, हरण है करता शील।।तीन–लोचन आलोचन लगे, दृष्टिबोध है मर्म।कटुता कण्टक-सा चुभे, औषध […]

विकल्परहित संकल्प

October 21, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–आग ‘आग’ से कह रही, दु:ख से मत हो दूर।सुख तो औरों के लिए, दु:ख जीना भरपूर।।दो–तिनका-तिनका जोड़कर, महल बनाया एक।आधी घड़ी न सुख मिला, रहने लगे अनेक।।तीन–कष्ट मिटाओ लोक […]

चंदा तेरे कितने रूप

October 20, 2024 0

चंद्रमा पूजनीय है क्योंकि हमारे शास्त्रों में चंदा को ब्रह्माजी का मानस पुत्र कहा गया है। चंद्रमा को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए सुहागिन स्त्रियां कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि […]

रीवा मे गुरु माँ करिश्मा शेट्टी का भव्य स्वागत

October 18, 2024 0

मध्यप्रदेश के रीवा में गुरु मां करिश्मा शेट्टी का भव्य स्वागत : बरौली पांडेय गाँव में पुष्पों व दूध की वर्षा से हुआ सम्मान मध्य प्रदेश के रीवा जिले के जवा कस्बे के बरौली पांडेय […]

दरोदीवार मे अपना हम नाम ढूँढ़ते हैँ

October 18, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय बेख़ुदी का हश्र कैसा, हम जाम ढूँढ़ते हैँ,ज़ख़्म बूढ़ा ही रहे, हम आराम ढूँढ़ते हैँ।चेहरोँ मे छिपा चेहरा, जाने बैठा है कहाँ,रावण के घर मे, हम ‘राम’ ढूँढ़ते हैँ।नख-शिख अत्याचार […]

आवर्त्तन और दरार

October 18, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–रूप-रंग की हाट मे, भाँति-भाँति-तस्वीर।राँझा बिकते हैँ कहीँ, कहीँ बिक रहीँ हीर।।दो–धर्म-पंथ औ’ जाति की, बिगड़ गयी है रीति।ऐसे मे कैसे भला, गले मिलेगी प्रीति।।तीन–रुपया-रुतबा-रूपसी, बहुत भयंकर रोग।सत्ता-धर्म गले मिलेँ, […]

कातिक का महीना

October 17, 2024 0

कातिक आने को है !! अब सुबह घास में पड़ने वाली ओस सूरज की पहली किरण पड़ते ही मोतियों सी चमकने लगी है। सुबह -शाम गुलाबी ठंडक पड़ने लगी है । शरद पूर्णिमा का चांद […]

साइबर सुरक्षा पर पुलिसवालों की पाठशाला

October 16, 2024 0

डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से सीडैक और इनोवेशन हब के सहयोग से वन डे मास्टर्स ट्रेनर ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑन साइबर सेफ उत्तर प्रदेश […]

“पाण्डे! तू मेरा ‘ट्यूटर’ बन जा”– डॉ० अब्दुल कलाम

October 15, 2024 0

आज (१५ अक्टूबर) श्रद्धेय भ्राताश्री, पूर्व-राष्ट्रपति अबुल कलाम जी का जन्म-दिनाङ्क है। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय डॉ० अब्दुल कलाम प्रेय थे तो श्रेय भी। उन्होँने जब राष्ट्रपति-पद की शपथ ली थी तब अपने ओजस्वी […]

हिन्दी के लिए गर्व और गौरव का विषय

October 15, 2024 0

बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं महाराष्ट्र-राज्योँ के चार शिक्षालयोँ के-की प्रधानाचार्य एवं हिन्दीविभागाध्यक्ष ने ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ नामक कृति की बड़ी संख्या मे प्रतियोँ का आदेश किया है, जिसके कारण अब कुल एक […]

नज़्म : आदमियत का क्या हुआ

October 15, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार ‘राघव’– किसी की तासीर है तबस्सुम,किसी की तबस्सुम को हम तरसते हैं।है बड़ा असरार ये,आख़िर ऐसा क्या है इस तबस्सुम में? देखकर जज़्ब उनका,मन मचलता परस्तिश को उनकी।दिल-ए-इंतिख़ाब हैं वो,इश्क-ए-इब्तिदा हुआ।उफ़्क पर जो […]

मनसा-वाचा-कर्मणा निराला थे, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

October 14, 2024 0

१५ अक्तूबर, १९६१ ई० निराला का निधन-दिनांक है। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इलाहाबाद साहित्यकार, कवि-कवयित्रियोँ के लिए विश्रुत रहा है। ऐसे सारस्वत हस्ताक्षर बहुसंख्या मे रहे हैँ, जिनका जन्म कहीँ और हुआ था; किन्तु […]

खट्टा-मीठा शहर : तेजपुर

October 13, 2024 0

असम राज्य का तेजपुर कस्बा वैसे तो बड़ा रमणीक स्थान है। अपने देश में सूरज देवता सबसे पहले इसी क्षेत्र से अपनी यात्रा शुरू करते हैं। तेजपुर में सुबह उठकर हिमालय की तरफ देखिए तो […]

महादेव के प्रतिनिधि : नीलकंठ

October 12, 2024 0

पौराणिक मान्यता है कि विजयदशमी की तिथि को भगवान श्रीराम ने राक्षस रावण का वध किया तो संसार को एक पापात्मा से मुक्ति मिली। लेकिन भगवान श्रीराम के ऊपर ब्रहम हत्या का पाप भी लग […]

परमात्मा को पाने का पर्व है विजयादशमी

October 12, 2024 0

बुराई के अन्त का पर्व है विजयादशमी।मन के पापों का शमन है विजयादशमी।विजय-हेतु कौशल तथा मन की शक्ति सर्वोपरि है। स्वयं की जय से विजय का मार्ग है विजयादशमी।राम हैं पावन प्रकाश कालकूट विष रावण […]

मन का भ्रम मिटाने के लिए रावण को कब तक जलाते रहोगे?

October 12, 2024 0

‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज का आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद-समारोह सम्पन्न ‘बौद्धिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक तथा सामाजिक संस्था ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे एक राष्ट्रीय आन्तर्जालिक बौद्धिक परिसंवाद समारोह का आयोजन १२ अक्तूबर को ‘सारस्वत सदन’, आलोपीबाग़, प्रयागराज […]

जगदंबा-स्तुति

October 11, 2024 0

सदा प्रसन्ना मां जगदंबामम हृदय तुम वास करो।लेकर खड्ग त्रिशूल हाथ मेंमाँ शत्रुदल संहार करो।चंड-मुंड के मुंड धारियेमम संकट का भी हरण करो।तंत्र विद्या की प्रारंभा देवीशत्रु तंत्र मंत्र यंत्र का शमन करो।चौसठ योगिनी संगी […]

भारतीय महिला-पुरुषदल ने अपने-अपने टी-२० मैच जीते

October 10, 2024 0

आज (९ अक्तूबर) का दिन क्रिकेट के संदर्भ मे भारत के महिला और पुरुषदल के लिए महत्त्व का रहा है।पिछले दिनो दुबई मे खेले गये विश्वकप महिला टी-२० क्रिकेट-प्रतियोगिता– २०२४ मे अपना पहला मैच न्यू […]

वक़्त के थपेड़े

October 9, 2024 0

वक़्त के थपेड़े यहाँ जीना सिखा देते हैं।वक़्त पर इंसान की पहचान करा देते हैं।दोग़लों को पहचानना आसान बहुत है।ज़रूरत के वक़्त ही ये लोग दगा देते हैं। गद्दारी आजकल रग-रग मे मानो भर गयी।बेहयाई […]

नवरात्र और माँ दुर्गा की अनुपम महिमा

October 8, 2024 0

“अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्द नुते।गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते।जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥“ आदरणीय बानी कुमार द्वारा सर्जित और पंडित बीरेंद्र कृष्ण भद्र की आध्यात्मिक वाणी और पंकज कुमार मलिक द्वारा […]

अपनी बहन-बेटियोँ के रक्षार्थ माँ-बाप और भाइयोँ को भी हथियार उठाना होगा

October 7, 2024 0

उत्तरप्रदेश मे दरिन्दगी चरम पर! बहनेँ-बेटियाँ सुरक्षित नहीँ। इस सच्चाई को अब हर व्यक्ति जान-समझ चुका है। आयेदिन योगीराज को ललकारते हुए, दरिन्दगी को अंजाम दिया जा रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण ६ अक्तूबर का […]

“केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय मे दिखता, पठन-पाठन के लिए अनुकूल वातावरण”– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

October 6, 2024 0

भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने गत दिवस ‘केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय’ (उ० प्र०), प्रयागराज एवं ‘क्षेत्रीय अभिलेखागार’, प्रयागराज का ‘हिन्दीसमाचार-सेवाप्रभाग, आकाशवाणी, दिल्ली मे सम्पादक अमित राजपूत के साथ शैक्षिक भ्रमण किया। आचार्य ने सर्वप्रथम ‘केन्द्रीय […]

ठगी-ठगी, शह-मात रही

October 5, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••` चिन्दी-चिन्दी रातेँ पायीँ,फाँकोँ मे मुलाक़ात रही।मुरझायीँ पंखुरियाँ देखीँ,सहमी-सकुची बात रही।बेमुराद हो आँसू छलके,याद पुरानी घात रही।बूढ़े ज़ख़्म कुरेद रहे थे,बची-खुची बस रात रही।दौड़ा-धूपा; हाथ न आया,परवशता की लात रही।पेट था […]

पीबीआर कॉलेज मे आयोजित हुआ स्काउट और गाइड का अभ्यास वर्ग

October 5, 2024 0

हरदोई– गुरुवार से पी०बी०आर इंटर कॉलेज गौसगंज हरदोई में स्काउट गाइड का प्रगतिशील प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। शनिवार को प्रगतिशील कैम्प का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शिविर का उद्घाटन विद्यालय […]

मन हो जाये बादल-बादल

October 4, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आसमान मे उड़ते बादल,रूप बदलकर छाते बादल।कभी दिखे हैँ-कभी छिपे हैँ,आँख-मिचौनी खेलेँ बादल।चेहरे उनके काले-भूरे,रंग बदलते रहते बादल।बरखा रानी रिमझिम नाचेँ,मनहर ताल लगाते बादल।दाँत दबाती क्रोध से वर्षा,आज्ञा पाने आते […]

“यह चिता नहीँ, राष्ट्रयज्ञ का ‘हवनकुण्ड’ है”– महात्मा गांधी

October 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• प्राय: देखा गया है कि जीवन मे ‘आकस्मिक’ और ‘अप्रत्याशित’ गमनागमन (‘आवागमन’ अशुद्ध है।) की विशेष भूमिका होती है; जैसा कि महात्मा गांधी जी के साथ हुआ था :– जाना […]

Can any person think about buy a country?

October 3, 2024 0

Disclaimer: This article is an unedited, unmodified extract from The Sydney Morning Herald article by award winning Australian journalist Nick McKenzie (who was won the Graham Perkin Australian Journalist of the Year twice and Kennedy […]

शुद्धाशुद्ध विस्तृत शब्दबोध करानेवाली कृति ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला (पहला भाग) अब उपलब्ध

October 2, 2024 0

चिर-प्रतीक्षित कृति ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ (पहला भाग) अब मुद्रित हो चुकी है। आकर्षक एवं अर्थपूर्ण आवरणपृष्ठ भी मुद्रण-प्रक्रियाओँ से युक्त हो चुके हैँ। इसी सप्ताह पुस्तक-प्रकाशन होने की पूरी सम्भावना है। पुस्तक […]

का रे संघतिया!

October 1, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••• ठेहुनाव;केहुनाव;पहुँनाव।आ केकर-केकर झँकब,होने से हेने आव।तनी खइनी बनाव,आ हे चुनौटिया-उठाव।मल भा मीज,आ धीरे से फटक।जीभिया के उठाव,आ खइनिया दबाव।आ धीरे-धीरे भीतरा,रसवा के घुलाव।आ माजा ना मिले–त मुँहवा फुलाव। (सर्वाधिकार सुरक्षित– […]

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