भाषा का पोषण की जगह शोषण करती पत्रकारिता
विश्व मे हिन्दी इकलौती ऐसी भाषा है जिसका अशुद्ध सम्भाषण लोग के लिए हास्य का विषय है और शुद्ध वाचन भी मूर्खतापूर्ण हँसी का विषय है। ग़लत बोलने पर वक्ता का मजाक उड़ाते हैं और […]
विश्व मे हिन्दी इकलौती ऐसी भाषा है जिसका अशुद्ध सम्भाषण लोग के लिए हास्य का विषय है और शुद्ध वाचन भी मूर्खतापूर्ण हँसी का विषय है। ग़लत बोलने पर वक्ता का मजाक उड़ाते हैं और […]
‘अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विकास परिषद्’, डिण्डिगुल, तमिलनाडु की आन्तर्जालिक व्याख्यानमाला सम्पन्न “आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय के ज्ञान का प्रभाव अनन्त काल तक रहेगा”– प्रो० पिलप्पा पिण्ड्या “माना कि आज विश्व में हिन्दी का बृहद् स्तर पर […]