हॉलीडे होमवर्क से बेपरवाह हमारा समर हॉलीडे

May 17, 2025 0

यह उन दिनों की बात है जब ‘हॉलीडे होमवर्क’ जैसी क्रूर प्रथा चलन में नहीं आई थी। ‘समर हॉलीडे’ मतलब कॉपी-किताब को बाय-बाय और फुल टू मस्ती को हैलो-हाय। ‘समर हॉलीडे’ मतलब पढ़ाई लिखाई को […]

मेरा रेडियो-प्रेम

October 31, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मेरा रेडियो से जुड़ा संस्मरण एक रोचक पुस्तक का आकार ले लेगा। इतना समझ लेँ पार्श्व मे एक स्टूल होता था, जिस पर नितान्त मेरा ट्रांजिस्टर रखा रहता था और […]

पापा का सहज स्वभाव

August 20, 2024 0

गंभीर स्वभाव, बड़ी सी बड़ी विपत्ति में शांत-चित्त बने रहना, अपना कार्य अत्यंत खामोशी से करना और कई बार गलत न होते हुए भी अपने से बड़ो यहां तक कि छोटों की भी खरी-खोटी सुन […]

गजोधर भाई की याद मे

September 22, 2023 0

मैं आज एक साल बाद भी यही सोच रहा हूं कि स्टैंड अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के जाने का इतना दुख क्यों है??????????क्या इसलिए कि वह हास्य कलाकार थे? लेकिन हास्य कलाकार तो सेकुलर कपिल […]

रेलगाड़ी की पहली यात्रा : चरन्ति वसुधां कृत्स्नां वावदूका बहुश्रुताः

December 10, 2022 0

संस्कृत की एक सूक्ति है- ‘चरन्ति वसुधां कृत्स्नां वावदूका बहुश्रुताः।’ यानी बुद्धिमान और वाक कुशल लोग सारी पृथ्वी घूमते हैं। भारतवर्ष पृथ्वी के सबसे सुंदर देशों में से एक है और इस खूबसूरत देश को […]

विनम्र, कृपालु तथा सहज व्यक्तित्व की स्वामिनी स्मृति-शेष डॉ० आशा द्विवेदी जी

October 4, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय सम्मानित कवयित्री और मेरी निकटतम सारस्वत मित्र डॉ० आशा द्विवेदी जी का आज ही के दिनांक/तिथि (४ अक्तूबर) मे निधन हुआ था। पीएच्० डी० और डी० लिट्०-उपाधिप्राप्त डॉ० आशा द्विवेदी […]

यादें : पापा की पार्टी और अम्मा की पार्टी

July 24, 2022 0

पापा रोज शाम को कहते- “मेरी पार्टी वाले लोग, मेरे पास आ आओ। अम्मा की पार्टी वाले, अम्मा की तरफ जाओ।” इतना सुनते ही मैं पापा की तरफ भागता और बड़े भैया अम्मा की तरफ। […]

आग लगाने की सज़ा

June 19, 2022 0

विनय सिंह बैस (अनुवाद-अधिकारी, लोकसभा सचिवालय)– बहुत समय पहले की बात है। तब मैं 6-7 साल का रहा होऊंगा! उन दिनों ज्यादातर घरों में भोजन पकाने के बाद आग को राख से ढक दिया जाता […]

वैचारिक दृढ़ता के साथ सरल व्यक्तित्व के धनी थे राजनारायण मिश्र जी

February 5, 2022 0

डॉक्टर चतुरानन ओझा ने डॉ .एस .पी .तिवारी जी को धन्यवाद कि उन्होंने कामरेड स्वर्गीय राजनारायण मिश्र जी को उनके मर्म के साथ याद किया। मेरी उनसे मुलाकात पी यू एच आर के मीटिंग में […]

दाऊजी ने सीबी गुप्ता के साथ मिलकर लखनऊ को एक नई पहचान दी

May 2, 2021 0

(शाश्वत तिवारी) लखनऊ के पूर्व मेयर, पूर्व एमएलसी एवम् इतिहासविद डॉ0 दाऊजी गुप्ता के आकस्मिक निधन पर गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट परिवार शोकाकुल है। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा […]

जयन्ती पर प्रो. आर्थर लेवेलिन बाशम का पुण्य स्मरण

May 24, 2020 0

डॉ॰ निर्मल पाण्डेय (इतिहासवेत्ता) ‘मैं हिन्दुओं के ज्ञान के बारे में बात नहीं करूँगा… ना ही ग्रीक और बेबीलोन वासियों से ज्यादा बढ़िया ज्योतिष विज्ञान के क्षेत्र में किये गए उनके कुशाग्र अन्वेषणों के बारे […]

“मैंने अतीत को ध्यान से पढ़ा है; वर्तमान को मनोयोग से सुना है तथा भविष्य को प्रत्यक्ष की भाँति देखा है” – श्रीमती इन्दिरा गान्धी

October 31, 2019 0

●आज (३१ अक्तूबर) इन्दिरा जी की बलिदान-तिथि है। ◆ आज देश को इन्दिरा जी-जैसी प्रधानमन्त्री की आवश्यकता है। विश्व की राजनीतिक क्षितिज पर देदीप्यमान महानायिका इन्दिरा प्रियदर्शिनी की पुण्यतिथि (३१ अक्तूबर) पर हमारा मुक्त मीडिया […]

संस्मरण : लब पे आती है दुआ बनके….

October 18, 2019 0

महेन्द्र महर्षि, गुरुग्राम (से.नि. वरिष्ठ प्रसारण अधिकारी, दूरदर्शन) मैंने अपनी हाई स्कूल की परीक्षा अजमेर नगर के स्टेशन रोड पर स्थित गवर्नमेंट मोइनिया स्लामिया हाई स्कूल से 1957 में पास की। श्री मुज़फ़्फ़र अली तब […]

गीत ऋषि गोपाल दास नीरज का हिन्दी साहित्य में स्थान

July 21, 2019 0

राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी साहित्य संगम संस्थान दिल्ली हिन्दी फिल्मों में आपने कई गीत लिखे। गीतों के लिए तीन बार फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला। इटावा उत्तरप्रदेश के पुरावली गाँव में बाबू बृजकिशोर सक्सेना […]

महापण्डित राहुल सांकृत्यायन का स्मरण ‘हम’ वाराणसी में करेंगे : डॉ. पृथ्वीनाथ पाण्डेय

April 5, 2019 0

राहुल जी की तिब्बत-यात्रा सर्वाधिक साहसिक और अद्भुत खोजपूर्ण थी। वे भूमिगत होकर नेपाल के मार्ग पहली बार तिब्बत की राजधानी ल्हासा पहुँचे थे। उन्हें तो तत्कालीन अँगरेज़ सरकार ने यात्रा करने की अनुमति ही […]

‘सर्जनपीठ’ की ओर से आयोजित ‘श्रद्धांजलि-सभा नीरज के गीतों में प्राणों का स्पन्दन बोलता है : श्याम विद्यार्थी

July 20, 2018 0

गोपाल दास नीरज ने कठोर और गहन साधना की थी, जिसके कारण उन्हें गीत-क्षेत्र में ऐसी सिद्धि मिली, जिसके आस-पास भी उनके समय का कोई कवि नहीं ठहरता। इसका प्रमुख कारण यह है कि शिल्प […]