● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
सम्मानित कवयित्री और मेरी निकटतम सारस्वत मित्र डॉ० आशा द्विवेदी जी का आज ही के दिनांक/तिथि (४ अक्तूबर) मे निधन हुआ था।
पीएच्० डी० और डी० लिट्०-उपाधिप्राप्त डॉ० आशा द्विवेदी जी ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ प्रयाग मे संग्रहालय-प्रमुख थीं। उनके द्वारा लिखित प्रमुख कृतियों मे से ‘विश्व-साहित्य में पाप’ नामक शोधात्मक कृति विश्रुत रही है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ‘शुक का ज्ञान’, ‘ब्रह्माण्ड के घेरे में’, ‘सफेद फूल’, ‘लक्ष्मी का घमण्ड’ आदिक कृतियों का प्रणयन कर, अपनी सर्जनयात्रा पूर्ण की थी।
अनेक उल्लेखनीय पुरस्कार-सम्मान से आभूषित डॉ० आशा द्विवेदी जी का कैंसर से जूझते हुए, आकस्मिक शरीरान्त हो गया था। डॉ० द्विवेदी जी एक आध्यात्मिक महिला थीं।
हमने उनकी चिर-संचित अभिलाषा को जीवन्त बनाये रखने के लिए ‘डॉ० आशा द्विवेदी-स्मृति-संस्थान’ का गठन किया है, जिसके अन्तर्गत उनके जन्मदिनांक/ जन्मतिथि के अवसर पर प्रतिवर्ष साहित्यकारों-पत्रकारों को पुरस्कृत-सम्मानित किया जाता है। इधर, कुछ वर्षों से उपस्थित होते रहे अनेक व्यतिक्रम के कारण हम आयोजन नहीं कर पा रहे हैं।
सदाशयता और सौजन्य की प्रतिमूर्ति डॉ० आशा द्विवेदी जी अपने जीवन मे अतीव विनम्र, कृपालु, सहज तथा सरस थीं, जो नयनों के कोरों से झाँक-झाँक जाती हैं।