33 हजार केवीए का तार मकान में टच होने से उतरा करेंट बड़ा हादसा टला, तख्त पर बैठकर दम्पति ने बचाई जान

शाहाबाद (हरदोई)- शनिवार की सुबह अल्हापुर सैदीखेल में 33 केवीए के तार डाक्टर के मकान से टच होने पर आग लग गई। डाक्टर के पूरे मकान में करन्ट उतर आया। डाक्टर दम्पति ने तख्त पर बैठकर अपनी जान बचाई। डाक्टर के मकान के बाहर सुबह सवेरे मोहल्ले वासियों में कोहराम मच गया। आस पास के तमाम लोग अपने घरों से बाहर भाग खड़े हुये। लाइन काटे जाने के बाद बमुश्किल मोहल्लावासियों की जान में जान आई। इस तरह एक बड़ा हादसा टल गया।
खंभा ठीक करने पहुंचने कर्मचारियों को मोहल्ला वासियों ने काम नहीं करने दिया और मोहल्ले से 33 हजार की लाइन हटाने की मांग पर अड़े रहे। सूचना पाकर हालांकि पुलिस भी मौके पर पहुंची मोहल्लेवासियों के विरोध के आगे पुलिस भी कुछ नहीं कर सकी। जेई ने खंभे दो फिट दूर हटाकर लगाने की बात कही है। शनिवार की सुबह 5 बजे अल्हापुर सैदीखेल में बड़ा हादसा टल गया। पूरा मोहल्ला रात भर हुई मूसलाधार बारिश के बीच सो रहा था। अचानक डाक्टर दिनेश अग्निहोत्री के मकान के सामने लगा 33 केवीए का खम्भा बरसात के कारण तिरछा हो गया जिससे उसका तार डाक्टर के मकान में टच हो गया। मकान में तार टच होते ही आग लग गई। डाक्टर के घर के सारे इलेक्ट्रिक उपकरण जलकर राख हो गये और पूरे मकान में करेन्ट उतर आया। 33 केवीए की लाइन से कभी भी अनहोनी होने की सचेत डाक्टर अग्निहोत्री और उनकी पत्नी तख्त पर चढ़कर बैठ गये और चीख चीख कर चिल्लाने लगे। डाक्टर की आवाज सुनकर मोहल्लेवासी जाग गये। 33 केवीए का तार मकान में टच होकर निकलने वाली आग से मोहल्ले में कोहराम मच गया। आसपास के लोग अपने घरों से बाहर भाग गये। 33केवीए सब स्टेशन को सूचना देने का बाद लाइन काटी गई तब डाक्टर दम्पति की जान बची। इस तरह एक बड़ा हादसा टल गया। विभागीय अधिकारियों के प्रति मोहल्ला वासियों में भयंकर आक्रोश व्याप्त हो गया।

मोहल्लावासियो के विरोध के चलते बैरंग लौटे कर्मचारी


हादसे के बाद खंभा सीधा करने पहुंचे विभागीय कर्मचारियों को मोहल्लेवासियों का जमकर विरोध झेलना पड़ा। मोहल्लेवासियों ने मकानों के
सामने से हैवी लाइन हटाने की मांग को लेकर खंभा सीधा नहीं करने दिया। विभागीय अधिकारियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन मोहल्लेवासी अड़े रहे आखिरकार कर्मचारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा।

दिन के वक्त हो सकता था बड़ा


यह तो ऊपर वाले का लाख लाख शुक्र ही कहा जायेगा कि हादसे मूसलाधार के बारिश के वक्त सुबह पांच बजे हुआ। अगर दिन के वक्त यह होता तो बड़ा हादसा हो जाता। क्योंकि जिस जगह यह हादसा होने से बचा है वह बहुत ही घनी बस्ती है।

दो फिट पीछे हटाये जायेगें खंभे


दिन का वक्त होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। ठेकेदार को बुलाया गया है और खंभे मकानों से दो फिट दूर लगाये जायेगे। ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।