अशोक चक्र से सम्मानित शहीद कर्नल हर्ष उदय सिंह गौर को बिहार रेजिमेंट ने दी सलामी

शहादत दिवस पर शहीद को दिया गया सम्मान, 700 किलोमीटर चलकर आने के बाद दी श्रद्धांजलि

29 नवंबर 1994 को जम्मू कश्मीर के बारामूला जनपद के बाजीपुरा गांव में आतंकवादियों से लड़ते हुए श्री गौर शहीद हो गए थे। शहीद होने से पहले उन्होंने 4 आतंकवादियों को ढ़ेर कर दिया था ।
यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे हरदोई जिले के एक गांव में जब बुधवार को बिहार रेजिमेंट की एक टुकड़ी पहुंची तो लोगों के भीतर एक अलग तरीके का उत्साह देखने को मिल रहा था। गांव वालों के चेहरे पे ख़ुशी थी लेकिन अपने बीच शहीद कर्नल हर्ष उदय सिंह गौर को ना पाकर एक गम भी था। बिहार रेजिमेंट की टुकड़ी ने शहीद हुए कर्नल के पैतृक गांव पहुंचकर उनके शहीद दिवस पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। शहीद को बिहार रेजिमेंट ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी।29 नवंबर 1994 को जम्मू कश्मीर के बारामूला जनपद के बाजीपुरा गांव में आतंकवादियों से लड़ते हुए श्री गौर शहीद हो गए थे।शहीद होने से पहले उन्होंने 4 आतंकवादियों को ढ़ेर कर दिया था।
बता दें कि हरदोई जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र के नीर गांव में रहने वाले कर्नल हर्ष उदय सिंह गौर 19 जुलाई 1973 में बिहार रेजीमेंट की 10वीं बटालियन में भर्ती हुए थे।29 नवंबर 1994 को जम्मू कश्मीर के बारामूला जनपद के बाजीपुरा गांव में आतंकवादियों से लड़ते हुए श्री गौर शहीद हो गए थे।शहीद होने से पहले उन्होंने 4 आतंकवादियों को ढ़ेर कर दिया था।उनकी इस शहादत को सम्मान देने के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।आज उनका शहीद दिवस था।इसलिए उन्हें सलामी देने के लिए कर्नल संजय कुमार के नेतृत्व में 700 किलोमीटर से चलकर आयी 10 बिहार रेजीमेन्ट ने उन्हें सलामी दी।गौरतलब है कि 2 अक्टूबर 2016 को आप और हम चेतना मंच की ओर से गांधी मैदान में राज्यपाल राम नाईक ने भी नमन किया था।