जायसवाल ढाबा संचालक का आतंक, ग्राहक और उसके दलित साथी पर प्राणघातक हमला कर सोने की जंजीर और नगदी लूटी

कौशाम्बी : कोखराज थाना क्षेत्र के थाने के पास हाईवे पर स्थित जायसवाल ढाबा संचालक का आतंक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । ढाबा संचालक का बीते डेढ़ दशक से कोखराज थाना पुलिस से गहरा रिश्ता रहता है, जिससे ढाबा संचालक के हौसले बुलंद है और उसके सभी गुनाह कोखराज पुलिस माफ कर देती है । ढाबे पर बीते डेढ़ दशक से विभिन्न जरायम के धंधे बेखौफ तरीके से चल रहे हैं । थाने से कुछ दूरी पर स्थित ढाबे में चल रहे जरायम के धंधे को कोखराज पुलिस डेढ़ दशक बाद भी नहीं देख सकी है।

सोमवार को दोपहर दो बजे दिन के आसपास ढाबा पर खाना खाने गए फूलचंद और उसके अनुसूचित जाति के साथी पर ढाबा संचालक और उनके गुर्गों ने लाठी डंडे से प्राणघातक हमला कर दिया है इस हमले में फूलचंद और उसके दलित साथी को चोटे आई हैं । आरोप है कि ढाबा संचालक ने ग्राहक फूलचंद के गले में पहनी सोने की जंजीर और जेब में रखा बीस हजार नगद भी छीन लिया है । फूलचंद के घायल होने की जानकारी जब उनके परिजनों को लगी तो मौके पर परिजन पहुंचे हैं और ढाबा संचालक के हमले में घायल फूलचंद और उसके साथी को परिजन लेकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं ढाबा संचालक के मारपीट से घायल हुए फूलचन्द्र और उसके दलित साथी का इलाज चल रहा है । मामले की सूचना फूलचंद ने कोखराज थाना पुलिस को दिया है। कोखराज थाने की पुलिस को ढाबे में ढाबा मालिकों द्वारा निशुल्क भोजन उपलब्ध करा दिया जाता है जिससे ढाबा संचालक के संपूर्ण गुनाह माफ हो जाते हैं ढाबा में भोजन करने के लिए रुकने वाली ट्रक और कारें सड़कों पर खड़ी हो जाती है; जिससे सड़कों पर जाम लग जाता है; आए दिन हादसे भी होते है । इस मामले को भी डेढ़ दशक से कोखराज पुलिस नजरअंदाज करती आ रही है ।

जायसवाल ढाबा के पास फूड विभाग का भी लाइसेंस नहीं है । ढाबे में भोजन करने वालों को जीएसटी पैड बिल की रसीदें भी नहीं दी जाती है । लाखों रुपया प्रतिदिन के हो रहे इस ढाबे में व्यवसाय को भी व्यापार कर के अधिकारियों ने नजरअंदाज कर रखा है । आखिर ढाबा संचालक का वह कौन सा गुण है जो विभिन्न विभागों के अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोक देता है ? यह एक बड़ा जांच का विषय है । आला अधिकारियों ने जयसवाल ढाबा मालिकानों के कारनामे पर यदि मामले में संज्ञान लिया तो बड़े खुलासे होने तय है।