कमीशनखोरी के चलते नहीं तौल पाता है किसानों का धान

कछौना हरदोई – शासन-प्रशासन की ढुलमुल नीतियों के चलते किसान हमेशा ठगा जाता है | चुनाव के समय बड़े-बड़े लुभावने वायदे करके किसान राजनीति की भेंट चढ़ जाता है |रात दिन परिश्रम करने के बाद भी उसकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है | धान खरीद केंद्र किसानों के लिए केवल छलावा साबित है |
नवीन पटेल बालामऊ निवासी किसान ने बताया कछौना में मात्र एक केंद्र आवश्यक वस्तु निगम का है | जो केंद्र प्रभारी के बीमार होने के कारण बंद पड़ा है | किसान दर दर भटकने को विवश है | वहीं किसान महेश गुप्ता ने बताया किसानों को केंद्रों पर नमी का बहाना बताकर बरगलाकर लौटा दिया जाता है | बिना कमीशन किसानों का धान तौलना संभव नहीं है |
केंद्र प्रभारी व राइस मिल के गठजोड़ के चलते चुनिंदा किसान (व्यापारी) की खरीद दिखाकर धान खरीद का लक्ष्य पूरा कर लिया जाता है | ये किसान अन्नदाता अपनी उपज को औने पौने दामों में बेचने को विवश होता है |जहां पर आढ़तियों से 1150 से 1200 रुपये के मूल्य में बेचता है | जबकि केंद्रों पर बिचौलियों की तौल हमेशा होती रहती है |
नाम ना छापने की शर्त पर विभागीय अधिकारी ने बताया कमीशनखोरी के चलते किसानों का धान नहीं तौल पाता है | कागजों पर सब आंकड़ा खरीद का दुरुस्त रहता है | जबकि इस समस्या पर स्थानीय जनप्रतिनिधि किसान संगठन मूकदर्शक बने रहते हैं |अशिक्षा और गरीबी के चलते अन्नदाता का शोषण होता है | रामदयाल किसान ने रोते हुए बताया इस सरकार से बहुत उम्मीद थी | उसकी फसल का सही वाजिब मुल्य मिल जाता तब वह अपनी बेटी की शादी अच्छी तरीके से कर लेगा | लेकिन जब वह केंद्र पर गया तब उसे टरका दिया गया | उसने कहा सभी पार्टियों की कथनी-करनी एक सी होती है | अन्नदाता तुझे सलाम का नारा कोसों दूर है |