जिसने भी अभिमान किया है, उसने हमेशा मुँह की खायी

आज दशहरे की घड़ी आयी।
झूठ पर सच की जीत है आयी।
रामचंद्र ने रावण मारा।
तोड़ दिया अभिमानी का
अभिमान सारा।
एक बुराई रोज हटाओ।
और दशहरा रोज मनाओ।
विजय सत्य की हुईं हमेशा
हारती सदा बुराई आयी।
जिसने भी अभिमान किया है
उसने हमेशा मुंह की खायी।

जामिनी संधू, दसवीं कक्षा की छात्रा
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक
गाहलिया, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश