An eternal Sacrificer Bhagat Singh

September 28, 2023 0

Raghavendra Kumar ‘Raghav’— Speaking the truth, courage immense, Fighting for justice, resilience. For two months, hunger and thirst withstood, Courage to give his life, grand, good. Apart from those who begged for rights, Isolated from […]

सरस्वती-वन्दना

May 16, 2022 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’- ओ! वीणापाणि मा, ओ! पुस्तक धारिणि मा। ओ! ज्ञान दायिनी मा, ओ! हंसवाहिनी मा। कर तम का संहार, ज्ञान की ज्योति देती मा। ओ! वीणापाणि मा, ओ! पुस्तक धारिणि मा॥ विद्या की […]

कैप्टन अनुज नैय्यर की कहानी, उनकी माँ मीना नैय्यर की जुबानी : “द टाइगर ऑफ़ द्रास”

March 29, 2022 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’— कारगिल युद्ध के अमर नायकों मे से एक नायक कैप्टन अनुज नैय्यर आपको याद हैं! टाइगर हिल की सोलह हजार फ़ीट ऊँची पश्चिमी चोटी प्वाइंट 4875 (जिसे पिंपल-टू भी कहा जाता […]

जीवन क्या है ? एक बहती हुई नदी

August 26, 2021 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’ जीवन क्या है ?एक बहती हुई नदी है ।कंकरीले और पथरीले रास्तोंपर बहती हुई,सर्दी और गर्मी सहती हुई।जैसे नदी चलना नहीं छोड़ती है ऐसे ही ये जिन्दगी है ।अनेक रूकावटें और अनेक […]

अपसंस्कृति है कट्टरवादी-वहाबी आतंकवाद

August 14, 2021 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी “राघव”- जब अकर्मण्यता को छिपाकर जीवन जीने के लिए आवश्यक संसाधनों को सच्चाई और पुरुषार्थ से जुटाने की बजाय हिंसा से छीन लिया जाता हैए चोरी कही जाती है । इससे चोर […]

कविता : दहेज दानव

November 30, 2019 0

कब तक अपनी बहू बेटियाँ चढ़ती रहेंगी बलिवेदी पर । इस दहेज दानव के मुख का कब तक रहें निवाला बनकर ? कब तक इनके पैरों में जकड़ी रहेंगी बेड़ियाँ ? कब तक हम सब […]

  बदलते गांव

January 3, 2018 0

राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’- मेरा गांव मेरा देश मेरा ये वतन , तुझपे निसार है मेरा तन मेरा मन । आदित्य कुछ सोचते हुए कहता है कि ऐसा ही होता है गांव ? जहाँ हर […]

धर्म और दर्शन

November 17, 2017 0

राघवेन्द्र कुमार ”राघव”- प्राचीन धर्म ग्रन्थ कहते है ” जो धारण करने योग्य हो ” वह धर्म है | लेकिन आज के परिप्रेक्ष्य में धर्म आडम्बर से ज्यादा कुछ नहीं | हम किसी भी धर्म की […]