वट सावित्री व्रत के निहितार्थ
वट सावित्री व्रत के निहितार्थ:- 1.सत्यवान के अल्पायु होने की बात ज्ञात होने पर पिता की आपत्ति पर सावित्री कहती हैं :-“आर्य कन्याएं अपने पति का एक बार ही वरण करती हैं, राजा एक बार […]
वट सावित्री व्रत के निहितार्थ:- 1.सत्यवान के अल्पायु होने की बात ज्ञात होने पर पिता की आपत्ति पर सावित्री कहती हैं :-“आर्य कन्याएं अपने पति का एक बार ही वरण करती हैं, राजा एक बार […]
‘साहित्यांजलि प्रज्योदि’, प्रयागराज के तत्त्वावधान में ३० नवम्बर को ‘सारस्वत सभागार’, लूकरगंज, प्रयागराज में दो चरणों में आयोजित सारस्वत समारोह की अध्यक्षता भाषाविज्ञानी-समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने की थी। प्रख्यात शाइर अनवार अब्बास मुख्य […]