भारत के युवा सितारों ने ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की औक़ात बता दी

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

भारत के लिए १८ जनवरी, २०२१ ई० की तिथि विश्व-क्रिकेट-इतिहास में कीर्तिमानपूर्ण रही है; क्योंकि इसी तिथि में ब्रिस्बेन के ‘गाबा’ के मैदान में भारत के युवा सितारों ने अपनी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी का जानदार प्रदर्शन करते हुए, ‘बॉर्डर-गावस्कर’ ट्रॉफ़ी जीतकर अपना लोहा मनवा लिया है।

एक समय था, जब भारतीय खिलाड़ी क्रिकेटमैच खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने से कतराते थे; ऑस्ट्रेलिया की धारदार और उछालभरी क्रिकेट पिच पर खड़े होने से घबराते थे; बल्लेबाज़ी करते समय स्टम्प छोड़कर खड़े होते थे। यहाँ तक कि सचिन रमेश तेन्दुलकर ने एक बार ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ‘कप्तानी’ करने से मना कर दिया था।

विराट कोहली, बुमराह, उमेश यादव, रवीन्द्र जडेजा, आर० अश्विन, मो० शमी आदिक महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी घायल रहने और मांपेशियों के खिंचाव के कारण अनुपस्थित थे। इसके बाद भी हमारे युवा खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया के अत्यन्त ख़तरनाक पिच पर ‘ऑस्ट्रेलिया’ को लगातार दो मैचों में हराकर उन क्रिकेट-पण्डितों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच लिया है, जो उनके प्रदर्शन के प्रति आश्वस्त नहीं दिख रहे थे। अनेक खिलाड़ी ऐसे थे, जो पहली बार अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट टेस्टमैच खेल रहे थे; ऐसे भी खिलाड़ी थे, जो ऑस्ट्रेलिया की अत्यन्त उछालभरी पिच पर पहली बार प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद भी उन सभी भारतीय खिलाड़ियों ने ३२८ रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, १८ गेंद-शेष रहते हुए, ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेटों से पराजित कर, अपनी जिस क्षमता और सामर्थ्य का क्रिकेट-मैदान में परिचय दिया था, उससे ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी और उनका प्रबन्ध-तन्त्र हतप्रभ रह गया है।

स्मरणीय है कि ऑस्ट्रेलिया पिछले ३३ वर्षों से ब्रिस्बैन पराजित नहीं हुआ था, जो कि अब उक्त कीर्तिमान ध्वस्त होकर भारत के पक्ष में आ चुका है।

उल्लेखनीय है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ‘ऑस्ट्रेलिया’ में जाकर अन्तिम टेस्टमैच (ब्रिस्बैन) में अन्तिम दिन के तीसरे सत्र में तीन विकेटों से पराजित कर, क्रिकेट टेस्टमैच की वर्तमान शृंखला और ‘बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी’ २-१ से जीत ली है। इस तरह से भारत ने इस ट्रॉफ़ी को तीसरी बार जीती है। उसने ऑस्ट्रेलिया को भारत में वर्ष २०१६-१७ में खेली गयी शृंखला में २-१ से पराजित किया था।

भारत के जाने-माने खिलाड़ियों के अभाव में युवा खिलाड़ियों ने घायल होने के बाद भी ‘सिंह-गर्जना’ करते हुए, ऑस्ट्रेलिया में अपना विजयस्तम्भ स्थापित कर दिया है।

मो० सिराज, शार्दुल गुप्त, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, ऋषभ पन्त, वेंकटसुन्दरम् आदिक ने यह संकेत कर दिया है कि भारत जाने-माने खिलाड़ियों के अभाव में भी अपना गौरवपूर्ण प्रदर्शन करने में समर्थ है।

भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में जाकर हराया है। भारत ने इसके पहले वर्ष २०१८-१९ में ऑस्ट्रेलिया को २-१ से पराजित किया था।

ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहली बार बल्लेबाज़ी करते हुए प्रथम और द्वितीय पारियों में क्रमश: ३६९ और २९४ बनाये थे, जिसके उत्तर में भारत ने क्रमश: ३३६ और ३२९ रनों का स्कोर खड़ा किया था। यद्यपि ऑस्ट्रेलिया को प्रथम पारी में ३३ रनों की अग्रता प्राप्त हो चुकी थी, इसके बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने पहला विकेट शीघ्र गिर जाने बाद जिस तरह से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों पर क़रारा प्रहार किया था, वह देखने और समझने-लायक़ था।

भारत अब अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरे क्रम का खिलाड़ी-देश बन चुका है।

शुभमन गिल ने ९१, ऋषभ पन्त ने ८९ अविजित तथा पुजारा ने ५६ रनों का योगदान कर, विश्व के सबसे सफल दल ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध विजय का शंखनाद कर दिया है।

‘भारतीय क्रिकेट नियन्त्रण बोर्ड’ की ओर से इन सभी विजेता खिलाड़ियों को पाँच करोड़ रुपये प्रोत्साहन-धनराशि के रूप में देने की घोषणा की गयी है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १९ जनवरी, २०२१ ईसवी।)