बांधों से लगातर छोड़ा जा रहा पानी, पलायन के लिए मजबूर ग्रामीण

हरिद्वार और नरौरा से लगातार छोड़ा जा रहा पानी, छोड़े जा रहे पानी से दर्जनों गांव बाढ़ में घिरे

हरदोई के सवायजपुर व बिलग्राम तहसील के दर्जनों गांव में बाढ़ के पानी से पूरे इलाके में हाहाकार मचा हुआ है। गंगा, रामगंगा व गर्रा सहित क्षेत्र की सभी नदियों के जलस्तर में हो रही लगातार बृद्धि से अरवल सहित कटियारी इलाके के सैकङो गांव पूरी तरह तबाही के मंजर से जूझ रहे हैं और हजारो बीघे फसलें पूरी तरह जल में समाहित हो जाने से लोगों को भुखमरी और पशुओं के लिए हरे चारे की चिंता सताने लगी है।वहीं लोग पलायन के लिए मजबूर हो रहे है।हालांकि भाजपा विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह रानू बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंचे औ हालातों का जायजा लिया।
गंगा नदी में हरिद्वार से 1,18.93 क्यूसेक  और नरौरा से 2,004.83 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।वहीं गुरुबार को छोड़ा गया पौने दो लाख क्यूसेक पानी ही अभी लोगो को तबाही के लिए काफी साबित हो रहा है जबकि तीन लाख क्युशेक पानी छोड़ा गया जो आज शाम तक आने की संभावना है।इसके अतिरिक्त शनिवार को छोड़े गए लगभग ढाई लाख क्यूसेक पानी के कल शाम तक आने की उम्मीद से लोग भयभीत थे लेकिन रविवार को भी तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से स्थिति महा बिकराल होने की संभावना है।बाढ़ की तबाही से इलाके के आहत नागरिकों के सामने अपने निवालों को लेकर भी चिंता सताने लगी है।पियारीपुर,अलीशेर पुरवा, सुलखामऊ, मूर्वा शाहबुद्दीन पुर गंगा एवं रामगंगा नदी के बीच टापू बन गए है।हालांकि प्रशासन उन्हें किसी तरह बाढ़ से फंसे होने की बजह से नाव द्वारा सुरक्षित स्थान पर निकालने का प्रयास कर रहा है।
अरवल इलाके के सभी प्रमुख मार्गों पर दो से तीन फीट पानी चल रहा है।यहां के लोगों के सामने संकट के बादल छाए हुए हैं।क्षेत्रीय विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया और क्षेत्र में पशुचिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातर सक्रिय हो गयी हैं जो क्षेत्रो में कैम्प लगा रही हैं।उधर तहसीलदार मूसाराम थारू और नायब तहसीलदार आशीष सिंह भी राजस्व टीम के साथ बाढ़ राहत चौकियों पर निगरानी बनाये हुए हैं और बाढ़ में फंसे एक दर्जन गांवों के सैकङो लोगो को सुरक्षित स्थान पर नावों की सहायता से पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
अरवल और हरपालपुर इलाके के आधा दर्जन से अधिक परिषदीय स्कूलों में बाढ़ का पानी पहुंचने से पूरी तरह बंद कर दिए गए है या फिर उनको दूसरे विद्यालयों में सम्बद्ध कर दिया गया है।अरवल के वेहटा व मुरचिया के परिषदीय स्कूलों में पानी भरा हुआ है।जबकि हरपालपुर के अर्जुनपुर व गोरिया के प्राथमिक स्कूलों को अन्य विद्यालयों में सम्बद्ध कर दिया गया है।