टूट रहे तटबन्ध हैं, जल का हाहाकार!

July 18, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–टूट रहे तटबन्ध हैं, जल का हाहाकार।प्रलय आँख मे नाचता, लिये मृत्यु आकार।।दो–चाहत पूरी कर रहा, ले निर्मम-सा रूप।जनता मरती देश मे, कितना निर्मम भूप।।तीन–हा धिक्-हा धिक्! कर रहा, क्रन्दन […]