दिल में प्यार उमड़ पड़ा
डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ यूँ फँसा पड़ा था उलझनों में कहीं इक अर्सा बीत गया अब जब देखी है तस्वीर तेरी दिल में प्यार उमड़ पड़ा मोहब्बत की गहराई मेरी मालूम है उसे या ख़ुदा क्यों खुद ही में वो उलझ के रह गया ।
डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ यूँ फँसा पड़ा था उलझनों में कहीं इक अर्सा बीत गया अब जब देखी है तस्वीर तेरी दिल में प्यार उमड़ पड़ा मोहब्बत की गहराई मेरी मालूम है उसे या ख़ुदा क्यों खुद ही में वो उलझ के रह गया ।