फर्जीवाड़ा कर बैंक से बीस लाख ऋण लेने के मामले में जिम्मेदारों को बचाने की कवायद

       पाली ( हरदोई ) – फर्जीवाड़ा कर बैंक से ऋण के नाम पर लिये गये बीस लाख रुपये हडपने के मामले में एक महिला सहित सात लोगों के विरुद्ध थाने में बैंंक आफ इंडिया के शाखा प्ररबंधक द्वारा अभियोग पंजीकृत कराया गया है । जिस कार्यवाही पर सवाल खडे हो रहे हैं । बैंक कर्मचारियों की मिली भगत से फर्जीवाड़े की चर्चाएं हो रही हैं लोगों का कहना है कि पूर्व में रहे शाखा प्रबंधक द्वारा मोटा कमीशन लेकर अमान्य व्यक्तियों को ऋण निर्गत किया गया है ।
        कस्बा स्थित बैंक आफ इंडिया के शाखा प्रबंधक मदन कुमार सिंह द्वारा देवेश पुत्र रामदत्त निवासी बैजूपुर,   कुंवरपुर निवासी राजपाल, लंकुश, सहुआपुर नेवादा निवासिनी सुमन देवी पत्नी राजेश कुमार विल्सर निवासी विपिन कुमार, बाबरपुर निवासिनी सुमन देवी पत्नी संजीव कुमार के विरुद्ध पाली थाने में बैंक शाखा से फर्जी दस्तावेज लगाकर बीस लाख से अधिक ऋण लेकर हडपने की एफआईआर दर्ज कराई गई है । शाखा प्रबंधक मदन कुमार ने बताया कि उक्त लोगों ने तीन तीन लाख रुपये किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण लिये , शाखा में लगाये गये दस्तावेज गहनता से जांच करने पर फर्जी पाये गये लिहाजा सातों लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई । पता चला है कि उक्त लोगों ने पूर्व में शाखा प्रबंधक रहे गौरव गुप्ता के कार्यकाल में ऋण प्राप्त किया था जिसमें मोटे कमीशन के बूते फर्जीवाड़ा अंजाम तक पहुंचा । बताते चलें दो वर्ष पूर्व विमुद्रीकरण ( नोटबंदी ) दौरान उक्त गौरव गुप्ता की अनियमितताओं की शिकायत नगर के बिरहाना निवासी शोभित मिश्रा पुत्र रामप्रकाश मिश्रा व अरविंद बाजपेयी पुत्र घनश्याम बाजपेई द्वारा उच्चाधिकारियों से की गई थी जिसमें भी शोभित मिश्रा व अरविंद बाजपेयी के फर्जी हस्ताक्षर बना कर शिकायत निस्तारित कराने की बात सामने आई थी । विमुद्रीकरण के दौरान गौरव गुप्ता द्वारा नोट बदलने में किए गये गोलमाल की शिकायत शोभित मिश्रा द्वारा संयुक्त सचिव आर्थिक कार्य प्रभाग वित्त मंत्रालय भारत सरकार, संस्थागत वित्त बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय भारत सरकार व निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक से की गई थी । संस्थागत वित्त बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय भारत सरकार में विमुद्रीकरण के दौरान कुल 39 शिकायतें गई जिसमें दो शिकायतें शोभित मिश्रा द्वारा उक्त बैंक आफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक गौरव गुप्ता द्वारा किए गये गोलमाल के बाबत की गई ।फिलहाल कहा जा सकता है कि बैंक कर्मचारियों की मिली भगत से फर्जी दस्तावेज लगाकर बीस लाख से अधिक रुपयों का बैंक को चूना लगाने के मामले में जिम्मेदार तत्कालीन शाखा प्रबंधक गौरव गुप्ता को बचा के कार्यवाही का आडंबर कर रहे हैं । पूरे प्रकरण में गौरव गुप्ता की संलिप्तता बताई जा रही है ।