“अथ से इति” का मर्म धारण करें

May 18, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय साम्प्रतिक काल विघटन और संक्रमण का है, जो काल का चक्रीय अनुशासन है। ऐसी स्थिति में, संघटन, सह-अस्तित्व तथा सदाशयता की भावना और सद्इच्छा के साथ प्रबल जिजीविषा (जीने की […]