एक अभिव्यक्ति
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- तुम्हारी पूर्णता भाती नहीं मुझे क्योंकि तुम मुझसे द्रुत गति में दूर हो रहे हो। हाँ, मैं अपूर्ण हूँ। तुम मुग्ध हो, अपनी पूर्णता पर और मैं गर्वित हूँ, अपनी अपूर्णता पर […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- तुम्हारी पूर्णता भाती नहीं मुझे क्योंकि तुम मुझसे द्रुत गति में दूर हो रहे हो। हाँ, मैं अपूर्ण हूँ। तुम मुग्ध हो, अपनी पूर्णता पर और मैं गर्वित हूँ, अपनी अपूर्णता पर […]