मेरी कहानी के सभी किरदार विविध रंगों की भांँति हैं ,
विसंगतियाँ होते हुए भी आपसी तारतम्यता की उनमें पराकाष्ठा
लक्षित है ।
मेरी कहानी की सभी किरदार मूक नहीं ,
सीधा सपाट बयानी में प्रत्युत्तर देते हैं,
सामाजिक परिवर्तन के साथ बदलते हुए नूतनता को अपनाते हैं।
मेरे कहानी के सभी किरदार अवसाद में नहीं ,
आंतरिक शक्तियों से भरपूर वे ऊर्जावान हैं।
मेरी कहानी के सभी किरदार का मन मस्तिष्क चेतनायुक्त है,
झंझावातों में भी किंचित मात्र विचलित नहीं होतें हैं।
मेरी कहानी के सभी पात्र यथार्थवादी हैं,
गगनचुंबियों को स्पर्श करना , किसी पर बोझ न बनना , स्वावलंबी हैं।
चेतना प्रकाश चितेरी की कहानी के सभी किरदार स्वावलंबी हैं।
–चेतना प्रकाश चितेरी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश