साधू का आग के बीचों बीच धूनी लगाना बना चर्चा का विषय देखने को उमड़ रहा लोगों का हुजूम

जन कल्याण के लिए कण्डों की धूनी के बीच साधु ने शुरू की तपस्या

            हरदोई– हरियावां थाना क्षेत्र के कुरसेली गांव में एक साधू द्वारा आग के बीच बैठ कर अनोखी पूजा करना कौतूहल का विषय बना हुआ है।इस बाबा के चमत्कार को देखने दूर दूर से लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।सोचने बाली बात जरूर बनती है कि आखिर आग के बीच मे कोई कैसे बैठ सकता है ये क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। बाबा अपने आप को इटावा का रहने बाला बताता है और उसका ये दावा भी है अगर कोई व्यक्ति किसी मर्ज से पीड़ित है तो वो अपने यहां मेरी धूनी लगवाए उसे अदभुत लाभ मिलेगा।
            गर्मी के इस मौसम में लोग जहां धूप का सामना नहीं कर पाते वहीं इस जिले में एक साधु 84 कंडे जलाकर अग्नि साधना कर रहा है। नीचे तपती रेत, ऊपर से आग उगलता सूरज और चारों ओर से कंडों की आंच के रक्त- तप्त वातावरण के बीच साधक की साधना अग्नि की परीक्षा लेती हुई प्रतीत होती है।जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर कुरसेली गांव में बाबा की अग्नि परीक्षा देखी जा सकती है।बाबा का कहना है कि उनकी यह साधना पिछले 30 साल से चल रही है। हर साल वे यह कठोर साधना करते है।
             बाबा के आसन के चारों ओर वृत्त के आकार में 84 कंडे सजाते हैं और फिर उन्हें सुलगा कर बाबा साधना में लीन हो जाते हैं। बाबा का कहना है कि वे वसुधैव कुटम्बकम् और लोक कल्याण व सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के लिए साधना कर रहे हैं।स्थानीय लोगो की माने तो साधू द्वारा की जाने बाली साधना कोई साधारण नही है लोग इसे बाबा का चमत्कार ही मान रहे है तो वही कुछ लोग इसे अंधविश्वास भी नाम दे रहे हैं। बाबा की माने तो ये सब वो करीब तीस वर्षों से कर रहे हैं उनका कहना है कि आग में उनको बर्फ जैसी ठंढ का एहसास होता है उन्हें आग की गर्मी का पता ही नही चलता है जबकि मजूद लोग उस आग की गर्मी के चलते उसके आस पास भी नही टिक पा रहे थे दूर से ही खड़े होकर बाबा का करिश्मा देख रहे थे।
               अब इसे चमत्कार कहे या अंधविश्वास ये कह पाना मुश्किल है क्योकि जो देखा गया उससे सबकी आंखे खुली रह गई कैसे कोई आग के बीच बैठ सकता है साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि आग के बीच बैठने के दौरान बाबा बड़ी मात्रा में पानी ही पिया इस दौरान बाबा ने कुछ भी नही खाया।