प्रतिभाशाली बच्चे निर्धनता, विपन्नता एवं संसाधनो के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे – जिलाधिकारी

’पुस्तक दान-महादान’’ का अभियान 30 सितम्बर तक

जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा जनपद में की जा रही अनूठी पहल “पुस्तक दान-महादान’” का अभियान 30 सितम्बर तक चलाया जा रहा है। इस अवधि में आने वाली पुस्तके कलेक्ट्रेट स्थित नगर मजिस्टेªट के कार्यालय में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक पहुॅचायी जा सकती है। इन पुस्तको को गाॅधी जयन्ती 2 अक्टूबर को जनपद के 20 कस्तूरबा गाॅधी आवासीय बालिका विद्यालयों, सम्प्रेक्षण गृह तथा अल्प वयस्क बन्दीगृह में लघु पुस्तकालय (मिनी लाइब्रेरी) की स्थापना की जायेगी, ताकि इन संस्थाओं के बालक/बालिकायें पुस्तको के अभाव में वंचित न रह जाये।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त नागरिको का ध्यान एक ऐसे संवेदनशील एवं विचारणीय मुद्दे की ओर आकृष्ट किया है जो मानवता के साथ साथ सामाजिकता से भी जुड़ा है। आप सभी ने अनुभूत किया होगा कि बहुत से प्रतिभाशाली बच्चे निर्धनता, विपन्नता एवं संसाधनो के अभाव में शिक्षा से वंचित रह जाते है ऐसे बच्चे युवा होने पर शिक्षित न होने के कारण समाजिक व आर्थिक स्तर से असफल होने पर कुंठा से ग्रस्त हो जाते है और उनमें से कुछ पथ भ्रष्ट होकर दुर्व्यसनी व अपराधी बन जाते है, जो सभ्य समाज के लिए अभिशाप है।
उन्होने बताया कि जिला प्रशासन ने ऐसे बच्चों को शिक्षित बनाकर उनके उत्थान हेतु प्रतिबद्ध है। इस सम्बन्ध में जनपद के सभी सम्भ्रान्त  नागरिको, व्यापारियों, बैंकर्स, चिकित्सको, शिक्षको, अधिवक्ताओं, स्वयं सेवी संस्थाओं तथा जनमानस आदि से अपील की है कि ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए अधिक से अधिक पुस्तकों का संकलन करके जिला प्रशासन के इस मानवतापरक कार्य में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे।
उन्होने कहा कि जनपद के बहुत से अभिभावकों के बच्चे उच्च कक्षाओं में पहुॅच गये होगें और उनकी पिछली कक्षाओं की पुस्तके निष्प्रयोज्य पड़ी होगी। ऐसे अभिभावकों से विनम्र आग्रह है कि पुरानी पुस्तको का दान करके निर्धन बच्चों की शिक्षा में सहभागी बने। इस कार्य के लिए श्रद्धानुसार नई पुस्तके भी दान स्वरूप दी जा सकती है। जनपद का हर व्यक्ति एवं परिवार यदि एक/अधिक पुस्तक दान करता है तो उस किताब के ज्ञान से किसी बच्चे के जीवन में प्रकाश लाया जा सकेगा। इस पुनीत कार्य में आपकी सहभागिता पूज्य बापू जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।