प्रधानमंत्री ग्राम सड़क निर्माण में मानकों की अनदेखी

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कछौना, हरदोई। सड़क निर्माण की आस में वर्षो से आस लगाये लखनऊ हरदोई पी०एल० मार्ग से होते हुए तुसौरा तक मार्ग की लंबाई/दूरी गलभग 8 किलोमीटर हैं। इस मार्ग पर स्थित दर्जनों गांवों के ग्रामीणों का सपना तब पूरा होता दिखा। जब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भारी भरकम धनराशि से निर्माण कार्य शुरू हुआ। परंतु अब मार्ग निर्माण में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाये जाने के चलते कई ग्रामीण चोटहिल हो चुके हैं। जिससे विभाग के प्रति ग्रामीणों में भारी रोष देखा जा रहा है। मार्ग 630.38 लाख की लागत से आठ किमी लंबी सड़क का निर्माण शुरू हुआ, तब लोगों की आस बंधी, लेकिन जब ठेकेदार की लापरवाही इस प्रकार दिखी कि सड़क की खुदाई कर उसपर मानक के विपरीत गिट्टी बिछाकर उसपर रोलर नही चलाया गया। जिससे राहगीरों की समस्याएं काफी बढ़ गई है।

क्षेत्रीय नागरिकों के आवागमन का मात्र यही रास्ता है, इस मार्ग को तय किये बगैर न ब्लाक मुख्यालय, कछौना कस्बे की मार्केट व तहसील व जिला मुख्यालय सहित कहीं भी नहीं जा सकते। लोगों का कहना है कि सड़क उजाड़ने बाद उस पर जमकर मानकों की अनदेखी की जा रही हैं। बंधन की गिट्टी 21480.00 घन मी0 से कम (1075 ट्रक के समतुल्य) पानी डालकर रोलर से दबाने की अनदेखी। दानेदार उप आधार 826.63 घन मी० (१९. ट्रक के समतुल्य ) से कम रोलर से दबाया भी कम जा रहा है। मिट्टी या नदी की रेत (ग्रेवल) की बजाय क्षेत्र की मिट्टी डालकर हल्का फुल्का रोलर चलाकर खानापूर्ति की जा रही है। 1461-90 घन मी० (76 ट्रक के समतुल्य) पत्थर का पूरा 365.63 घन मी० ( 19 ट्रक के समतुल्य ) से भी पत्थर डाला गया है। गिट्टीकृत परत या 2 परतों में डब्लूबीएम 4691.25 घन मी० प्रत्येक परत अलग अलग निर्मित करने का प्रावधान परन्तु ऐसा नहीं किया जा रहा है।

गिट्टी 3753.00 घन मी0 (188 ट्रक के समतुल्य )पत्थर का पूरा / मूरम 935.25 घन मी० (47. ट्रक के समतुल्य) गिट्टी सूची गिट्टी रोलर से दबाई जायेगी, पत्थर का चूरा या मूरम डालनी चाहिए परंतु इसकी भी अनदेखी हो रही है। उसके बाद पुनः रोलर से पानी डालकर दबाई जाये परंतु ऐसा नहीं किया जा रहा है। उक्त कार्य सही तरीके से पूर्ण होने के बाद मार्ग पर डामरीकरण का कार्य होने का प्रावधान है, परंतु शुरुआत के सभी मानकों को दरकिनार कर ठेकेदार/जिम्मेदार मनमानी कर रहे हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों को कहना है कि उक्त कार्यों में यदि सही ढंग से रोलर चला दिया जाता तो शायद इतनी समस्या न होती। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जितनी सड़क उजाड़ी जाये उतनी की कुटाई मिस्कट , डस्ट व पानी डालकर की जाये ताकि राहगीरों को आवागमन में परेशानी न होने पाये। लेकिन यहां तो मानक का जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वही इस मार्ग पर पड़ने वाली जर्जर नौ पुलियों का भी निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। जबकि मार्ग बनने के बाद पुलिया टूटने से लाखों रुपए की लागत से बनी सड़क बर्बाद हो जाएगी, इसका भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। वही मार्ग के दोनों तरफ फुटपाथ को भी बराबर नहीं किया जा रहा है। फुटपाथ पर गहरे गहरे गड्ढे हैं, मार्ग पर पत्थर पड़ा हुआ है, राहगीर फुटपाथ पर चलें तो गड्ढों में गिरकर चोटहिल होते हैं, अगर मार्ग पर चलें तो पत्थर पड़े होने से गिरकर चोटहिल हो जाते हैं। उक्त मार्ग के निर्माण को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों ने सड़क निर्माण मानक के अनुसार कराये जाने की मांग उच्चाधिकारियों से की है।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता