जगदंबा-स्तुति

सदा प्रसन्ना मां जगदंबा
मम हृदय तुम वास करो।
लेकर खड्ग त्रिशूल हाथ में
माँ शत्रुदल संहार करो।
चंड-मुंड के मुंड धारिये
मम संकट का भी हरण करो।
तंत्र विद्या की प्रारंभा देवी
शत्रु तंत्र मंत्र यंत्र का शमन करो।
चौसठ योगिनी संगी कर्ता
मम योग विद्या उत्थान करो।
रक्तबीज की रक्तपानकर्ता
मम शत्रुदल रुधिर पान करो।
भैरव के संग नृत्यकर्ता
मम शत्रुदल का ध्वंस करो।
जय जय जय मां जगदंबा काली
मम हृदय तुम सदैव वास करो।

डॉ. राजीव डोगरा
(हिंदी अध्यापक)
पता-गांव जनयानकड़
पिन कोड -176038
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश