आज (९ अक्तूबर) का दिन क्रिकेट के संदर्भ मे भारत के महिला और पुरुषदल के लिए महत्त्व का रहा है।
पिछले दिनो दुबई मे खेले गये विश्वकप महिला टी-२० क्रिकेट-प्रतियोगिता– २०२४ मे अपना पहला मैच न्यू ज़ीलैण्ड से ५८ रनो से हारने के बाद भारतीय महिलादल का रनदर बहुत घट चुका था, यद्यपि वह अपना दूसरा मैच जीत चुका था; परन्तु आजके मैच मे भारतीय खेलाड़िनो (‘खिलाड़िनो’ अशुद्ध है।) ने श्रीलंका के विरुद्ध बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी तथा क्षेत्ररक्षण मे शानदार प्रदर्शन करते हुए, पिछले मैच मे किये गये अत्यन्त लचर प्रदर्शन पर विराम लगा दिया है, ऐसा समझा जा सकता है।
भारतीय दल को प्रतियोगिता मे बने रहने के लिए श्रीलंका के विरुद्ध ४५ रनो से जीतना था, जबकि उसने आशा से भी बढ़कर प्रदर्शन करते हुए, श्रीलंका के विरुद्ध ८२ रनो से जीत हासिल कर ली है। अब भारतीय महिलादल का रनदर न्यू ज़ीलैण्ड और पाकिस्तान से भी बढ़कर हो गया है तथा वह चौथे स्थान से अपने ‘ग्रुप ए’ मे चार अंकोँ के साथ +०.५७६ रनदर की उछाल के साथ दूसरे स्थान पर पहुँच चुका है। वह केवल ऑस्ट्रेलिया के ठीक नीचे है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय महिलादल ने पहले विकेट के लिए ९८ रनो की साझेदारी की थी, जो विश्वकप-क्रिकेट के लिए एक कीर्तिमान है। भारतीय दल ने २० ओह्वरोँ मे ३ विकेटोँ पर कुल १७२ रन बनाये थे, जिसका पीछा करते हुए, श्रीलंका-दल कुल विकेट खोकर १९.५ ओह्वरोँ मे मात्र ९० रन बना सका था।
अब भारतीय महिलादल का मुक़ाबला छ: बार के टी-२० क्रिकेट विश्वकप जीतनेवाले दल ऑस्ट्रेलिया के साथ १३ अक्तूबर को शारजाह मे होगा।
दूसरी ओर, भारतीय पुरुषदल दिल्ली मे बांग्लादेश के साथ खेले गये दूसरे मैच मे बांग्लादेश को ८६ रनो से पराजित कर, तीन मैचोँ की शृंखला मे २-० जीतते हुए, अपराजेय अग्रता ले ली है।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ९ अक्तूबर, २०२४ ईसवी।)