शिवराज सिंह चौहान ! उत्तर दीजिए

उन ज़िम्मेदार नौकरशाहों को नौकरी से हटाया क्यों नहीं गया, जिनके कुकृत्यों के कारण आज समूचे मध्यप्रदेश में आग लगी हुई है

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

आपने जब किसानों की फ़सल के लिए समर्थन मूल्य घोषित किया था तब किसानों की फ़सल आपने नहीं ख़रीदी थी, क्यों? किसान के खाद्यान्न बिचौलिये औने-पौने मूल्य में ख़रीद रहे थे तब आप मौनी बाबा क्यों बने रहे? आपकी गन्दी नीतियों के कारण किसानों को अभी तक उनका अपना लागत-मूल्य भी नहीं मिल सका है। आपके नौकरशाहों ने हर बार किसानों के साथ विश्वासघात किया है, जिसकी जानकारी आपको भी थी, फिर भी आप चुप रहे? और अब जब आप और आपके नौकरशाहों के घृणित आचरण से किसानों का धैर्य जवाब दे चुका है और फलस्वरूप वे आक्रोशित होकर हिंसा और आक्रामकता का परिचय देने लगे हैं तो आपकी कुम्भकर्णी नींद कुछ-कुछ टूटती हुई-सी दिख रही है। सच तो यह है कि इस समूची अराजकता के लिए आप ही उत्तरदायी हैं। सही समय पर आपकी आँखें बन्द क्यों रहीं? उन ज़िम्मेदार नौकरशाहों को नौकरी से हटाया क्यों नहीं गया, जिनके कुकृत्यों के कारण आज समूचे मध्यप्रदेश में आग लगी हुई है? आपकी आँखें अब भी बन्द क्यों है?

आपकी पार्टी का शीर्षस्थ नेता ‘खाये-पिये-अघाये’ लोग के हज़ारों करोड़ रुपये माफ़ कर सकता है तो उन अन्नदाता किसानों का क्यों नहीं? वैसे किसानों की ओर से सही समय पर आपको ज़ोरदार झटका मिलना सुनिश्चित है।
अपने राज्य के बेईमान और भ्रष्ट पटवारियों, क़़ानूनगो, पेशकारों, रजिस्ट्रारों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, ब्लॉक-प्रमुखों, विकास खण्ड अधिकारियों, परियोजनाधिकारियों, थानाधिकारियों आदिक से लेकर कमीश्नरों तक को अच्छी तरह से समझा दीजिए कि नीति और नीयत में ज़रा भी खोट न आने पाये।

(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, इलाहाबाद; ११ जून, २०१८ ई०)