क्रिकेट टेस्टमैच-इतिहास में भारत की सबसे बड़ी जीत

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (क्रीड़ा-समीक्षक)

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

भारत ने आज (६ अक्तूबर, २०१८ ईसवी) वेस्टइण्डीज़ को राजकोट में खेले गये प्रथम क्रिकेट टेस्ट मैच में एक पारी दो सौ बहत्तर रनों से पराजित कर, भारत के क्रिकेट टेस्ट मैच के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी विजय अर्जित की है। इस मैच में भारत की ओर से तीन खिलाड़ियों– पृथ्वी शॉ, विराट कोहली तथा रवीन्द्र जडेजा ने शतक बनाये थे। दिलीप ट्रॉफ़ी, रंजी ट्रॉफ़ी में अपने पहले ही मैच में शतक बनानेवाले पृथ्वी शॉ ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में मात्र १८ वर्ष ३२९ दिन की अवस्था में शतक बनानेवाले प्रथम और विश्व के चतुर्थ बल्लेबाज़ हैं; जबकि भारत के कप्तान विराट कोहली का यह चौबीसवाँ टेस्ट शतक था।पृथ्वी शॉ को ‘मैन ऑव़ द मैच’ पुरस्कार दिया गया था।

भारत ने प्रथम पारी में ९ विकेट पर ६४९ रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी थी, जिसके जवाब में वेस्टइण्डीज़ के सभी खिलाड़ी मात्र १८१ रन बनाकर आऊट हो गये। भारत ने वेस्टइण्डीज़ को फालोऑन खेलने के लिए बाध्य कर दिया। इसप्रकार दूसरी पारी में वेस्टइण्डीज के खिलाड़ी ५०.५ ओवरों में मात्र १९६ रन बना सके थे। भारत की ओर से कुलदीप यादव ने ५७ गेंदों में ही ५ खिलाड़ियों को अपनी फिरकी में फँसाकर आऊट करते हुए, पैवेलियन भेज दिया था। यह कुलदीप का उत्कृष्ट प्रदर्शन था।

जिस तरह से वेस्टइण्डीज़ के खिलाड़ी बल्लेबाज़ी कर रहे थे, उससे लग रहा था कि वे टेस्टमैच नहीं, बल्कि टी-20 मैच खेल रहे थे। बिना गेंदों को समझे हुए, बल्लेबाज़ी की जा रही थी। खिलाड़ियों में अनुभव की कमी दिख रही थी। यही कारण था कि ढाई दिनों में ही वेस्टइण्डीज़ को पराजित कर दिया। यदि खिलाड़ी गेंदों के स्वभाव को समझ कर खेले होते तो ‘फालोऑन’ से बच सकते थे।
भारत का क्षेत्ररक्षण सन्तोषजनक नहीं था। ऐसा इसलिए कि भारतीय खिलाड़ी वेस्टइण्डीज़ के खिलाड़ियों को बहुत हलके में ले रहे थे।

(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, इलाहाबाद; ६ अक्तूबर, २०१८ ईसवी)