भारतीय महिला क्रिकेट-दल का एकमात्र टेस्ट-क्रिकेट मे ऐतिहासिक विजय!

आज (१ जुलाई) भारतीय महिला क्रिकेट-दल ने दक्षिणअफ़्रीका के विरुद्ध चेन्नई मे खेले गये एकमात्र टेस्ट मैच मे १० विकेटोँ से जीत अर्जित कर ली है। भारतीय दल की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपने दल-द्वारा पहली पारी मे ६ विकेटोँ पर ६०३ रन बनाये जाने के बाद पारी की घोषणा कर दी थी, जिसके उत्तर मे दक्षिणअफ़्रीका-दल पहली पारी मे मात्र २६६ रनो पर ढेर हो गया था।

भारतीय कप्तान ने दक्षिणअफ़्रीका की खेलाड़िनो को ‘फॉलो-आन’ खेलने पर विवश कर दिया था। ‘फॉलो-ऑन’ खेलते हुए, दक्षिणअफ़्रीका के दल ने दूसरी पारी मे कुल विकेट खोकर ३७३ रन बना लिये थे, जिसमे उसे मात्र ३६ रनो की मामूली बढ़त हासिल थी। जीत के लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारतीय दल ने मात्र ९.२ ओह्वरोँ मे १० विकेट शेष रहते हुए, ऐतिहासिक विजय प्राप्त कर ली थी। आरम्भिक बल्लेबाज़ शुभा सतीश १३ और शेफाली वर्मा २४ रन बनाकर अविजित रहीँ।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि भारतीय दल आरम्भिक बल्लेबाज़ शेफाली वर्मा के २०५ और स्मृति मन्धाना के १४९ रनो की आक्रामक बल्लेबाज़ी के कारण ३ विकेटोँ पर ६०३ रन बनाने मे सफल रहा, जोकि महिला-टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सर्वोच्च स्कोर है। स्मरणीय है कि इससे पूर्व इसी वर्ष ऑस्ट्रेलियाई महिला-क्रिकेट-दल- द्वारा दक्षिणअफ़्रीका के विरुद्ध पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) मे बनाया गया ९ विकेट पर ५७५ रन का स्कोर सर्वाधिक था। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि भारतीय महिला-दल ने पहले दिन ४ विकेट पर ५२५ रन बना लिये थे, जो टेस्टमैच मे एक दिन का अबतक का सर्वाधिक स्कोर है।

भारतीय महिला-दल इस एकमात्र मैच को एक पारी कुछ रनो से जीत लेता; मगर दक्षिणअफ़्रीका की पहली पारी और फॉलो-ऑन की पारी मे आसान-से दिखनेवाले कई कैच भारतीय खेलाड़िनो ने छोड़े थे, जिनमे विकेट के पीछे, स्लीप मे, सिली प्वाइण्ट, प्वाइण्ट, गली कवर, फॉलो-थ्रू के कैच शामिल हैँ। ऐसा लग रहा था, मानो लगातार कई घण्टोँ तक खेलने के कारण भारतीय खेलाड़िने थक गयी थीँ।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १ जुलाई, २०२४ ईसवी।)