छुट्टा गोवंशो को 31 मार्च तक गोशालाओं में पहुँचाने का लक्ष्य कैसे होगा पूर्ण?

कछौना, हरदोई। प्रदेश की सरकार ने निराश्रित पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए सतत प्रयासरत है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते छुट्टा गौवंश एक ज्वलंत समस्या बनी है। छुट्टा गौवंशो के कारण किसान आम जनमानस बेजुबान परेशान हैं। जबकि सरकार ने 31 मार्च तक विभागीय अधिकारियों को डेड लाइन दी गई हैं। किसी भी नगर, ग्राम पंचायतों व सड़कों पर छुट्टा गौवंश नजर नहीं आने चाहिए। उसके लिए विभाग नगर निकाय, ग्राम पंचायतों को शपथ पत्र देना होगा कि उसके यहां छुट्टा गौवंश नहीं है। परंतु अभी तक अमलीजामा नहीं पहन पा रही है। जिसके कारण लखनऊ नेशनल मार्ग पर कोतवाली कछौना, केदारनाथ पेट्रोल पंप के पास, डबल नहर महरी, सुन्नी, बघौली चौराहा, लोधी आदि स्थानों पर सैकड़ों की संख्या में छुट्टा गौवंश विचरण करते हैं। जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा है। प्रतिदिन कोई न कोई राहगीर चुटहिल होता है। वही बेजुबान पशु चुटहिल होकर तड़प तड़प पर मरते हैं।

वही विकासखंड कछौना के ग्रामसभा हथौड़ा, मतुआ, मरेउरा, दीननगर, पुरवा, कलौली, गौहानी, बरवा सरसण्ड, महरी, सुन्नी, लोन्हारा, बघौड़ा, पतसेनी देहात, टिकारी आदि ग्राम सभाओं द्वारा छुट्टा गौवंशो की समस्या बनी है। किसान रात-रात जागकर अपनी फसलों को बचाने को विवश है। बेजुबान पशुओं को हिंसक किसान भाला मारकर घायल कर देते हैं। उसके बाद ग्रामसभा में तड़प तड़प कर मर जाते हैं, कोई उसे दफनाने वाला नहीं है। जिसके कारण उनसे उठने वाली बदबू से लोगों को जीना दुश्वार होता है। बदबू से संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना रहती है। वही बेजुबान पशुओं से किसानों ने फसल को बचाने के लिए प्रतिबंधित होने के बावजूद ब्लेड वाले तार लगा रखे हैं, जिनमें पशु व राहगीर चपेट में आने से घायल हो जाते हैं। काफी गहरे व जंग लगे होने के कारण सेप्टिक हो जाता है और घाव का इलाज कराना मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण पशु व आम जनमानस प्रभावित हो रहे हैं। वहीं क्षेत्र में अस्थाई पशु आश्रय स्थलों में अव्यवस्थाओं के कारण चारा पानी के अभाव में बेजुबान पशुओं की कब्रगाह बने हैं। कुछ दिन पशुओं को बंद करने के बाद चारा-पानी के अभाव में असमय मृत्यु हो जाती है।

खंड विकास अधिकारी मानवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि छुट्टा गौवंशो की समस्या के निजात दिलाने के लिए चार अस्थाई गौशाला निर्माणाधीन है। ग्रामसभा त्यौरी मतुआ, गौरी फखरुद्दीन, टिकारी, भानपुर में निर्माण कार्य चल रहा है, सभी शीघ्र चालू हो जाएंगे। किसानों को काफी हद तक राहत मिलेगी।

क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने बताया। छुट्टा गौवंशो की काफी दुर्गत है। भूखे प्यासे लावारिस सड़कों पर घूम रहे हैं। कूड़े की पॉलीथिन खाकर निर्मम मौत के शिकार हो रहे हैं। सरकार को प्रभावी योजना बनाना चाहिए, पशुओं की उपयोगिता को बढ़ावा देना होगा। जिससे किसानों पशुपालकों की आय में इजाफा हो, उनके गोबर मूत्र की उपयोगिता हो। सार्वजनिक चारागाह, पशुचर, खलिहान पर अवैध कब्जा खाली कराकर हरे चारे की व्यवस्था की जाए। जिससे छुट्टा गौवंशो को हरा चारा मिल सके। बिना ठोस उपाय के छुट्टा गौवंशो की ज्वलंत समस्या बनी रहेगी।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता