जोगिरा : मै बन जाऊं भाजपा, पिय मेरे काँग्रेस

डॉ. प्रिया मिश्रा

Dr. Priya Mishra (Poet&Writer)

राजनीति के रंग में अजब गजब का खेल
लोकतंत्र के राज में देखो पंचतंत्र का मेल…
जोगीरा सा रा रा रा रा रा…।
हाथी चढ़के बुआ आयी खूब मची हुङदंग,
बबुआ जी के पप्पा ने भी खूब दिखाया रंग….
जोगीरा सा रा रा रा रा रा….।
अबकी होली बहना आयी जिनके गोरे गाल,
रंगो ने गठबंधन कर ली जम केे मला गुलाल….
जोगीरा सा रा रा रा रा रा….।
सत्ता में सांसद इतरायें चढ़ा भंग का रंग,
जूतों की बौछार से भीगा नेताजी का अंग..
जोगीरा सा रा रा रा रा रा….।
अबकी बंगालन दीदी ने चली सियासी चाल,
धरने पर वो बैठ बैठ कर ठोंक रही है ताल…
जोगीरा सा रा रा रा रा रा रा…।
मफलर वाले बाबू ने भी किया खूब मनुहार,
गोरे -गोरे गालों को क्या हम भी रंग दे लाल…
जोगीरा सा रा रा रा रा रा..।
इस होली में सोचा मैंने खेलूं रंग विशेष,
मैं बन जाऊं भाजपा, पिय मेरे काँग्रेस….
जोगीरा सा रा रा रा रा रा…।