विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

प्रचार-प्रसार के अभाव में खानापूर्ति तक रहा सीमित

कछौना, हरदोई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदोई द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने के तहत ग्राम सभा महरी के ग्राम सेमरा कला में ग्रामीणों को डोर टू डोर जानकारी दी गई।

टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। ग्रामीणों को नशा उन्मूलन के बारे में जागरूक किया गया। नशा हमारे जीवन को बर्बाद करती है। लड़ाई झगड़ा का हम कारण नशा ही है। महिला सुरक्षा के लिए महिलाओं को शिक्षित होना पहली प्राथमिकता है। शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिससे व्यक्ति को समाज में सम्मान के साथ जीने का हक मिलता है। महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा, छेड़खानी और कोई अन्य समस्या होने पर शासन द्वारा जारी किए गए टोल फ्री नंबर 181, 1090, 112, 1076 आदि पर तत्काल अवगत कराके न्याय पा सकती हैं। पात्र लाभार्थियों को शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया गया। जिससे वह बिना किसी बिचौलिए के अपना आवेदन करके योजना का लाभ उठा सकते हैं। वहीं ग्रामीणों से टीम द्वारा अपील की गई स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें व खुले में शौच न जाएं।

विधिक टीम द्वारा बताया गया बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करें। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। जिससे वह देश का अच्छा नागरिक बन सके। इस दौरान उक्त गांव निवासी अंकित वर्मा (राजकुमार) पत्रकार ने बताया जूनियर हाईस्कूल सेमरा कलां में मानक के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं है। जूनियर हाईस्कूल में 35 छात्रों पर एक शिक्षक होना अनिवार्य है। परंतु उक्त विद्यालय में 118 छात्रों पर दो शिक्षक ही है। जिससे शिक्षा कार्य प्रभावित होता है। विकास खण्ड कछौना में शिक्षकों के समान वितरण न होने का कारण शिक्षकों का अभाव है। कई विद्यालय बन्द पड़े हैं। वहीं कई विद्यालय ऐसे हैं जहां पर सैकड़ों छात्र संख्या होने पर भी एक ही शिक्षक के सहारे संचालित है। कार्यक्रम रस्म अदायगी तक सीमित रहा। टीम द्वारा पर्याप्त मात्रा में पंपसेट नहीं उपलब्ध कराए गए। पहले से कोई प्रचार-प्रसार नहीं कराया गया। गांव की सरकार में ग्राम न्यायालय की भावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। ग्राम न्यायालयों ने ग्राम के छोटे-छोटे मामले गांव के पंच परमेश्वर द्वारा हल कर देते थे। जिससे गांव का आपसी भाईचारा व सौहार्द बना रहता था। वर्तमान समय में पंचायती व्यवस्था को पूरी तरीके से खोखला कर दिया गया है। ग्राम पंचायत गांव के विकास के लिए कोई भी निर्णय लेने में समर्थ नहीं है। ग्राम सभा में चुने गए प्रतिनिधि सरकारी मशीनरी के कठपुतली बनकर रह गए हैं।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता