न जाने क्यों ये दुनिया मेरी आँखों से जलती है

बहे काव्य की गंगा धारा, राष्ट्र जागरण धर्म हमारा के ध्येय वाक्य का अनुसरण करते हुए कविता के माध्यम से राष्ट्र जागरण करने वाली देश में कवियों की सबसे बड़ी और अग्रणी संस्था राष्ट्रीय कवि संगम का तीन दिवसीय नवम् राष्ट्रीय अधिवेशन ‘बहे काव्य की गंगा धारा, राष्ट्र जागरण धर्म हमारा’ के ध्येय वाक्य देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित अग्रसेन धाम में सम्पन्न हुआ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल और स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के पावन सानिध्य में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के लगभग 29 प्रांतों के 400 से ज्यादा कवि एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। मुख्य अतिथि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रहे। उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल, सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, उत्तराखंड सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ , प्रसिद्ध कवि हरिओम पवार एवं उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित गणमान्य शामिल हुए। राष्ट्रीय कवि संगम हिमाचल प्रांत के मार्गदर्शक प्रो. एस.पी. बंसल के मार्गदर्शन में प्रांत के अलग-अलग जिलों से 9 पदाधिकारी अधिवेशन में शामिल हुए। जिनमें प्रांत अध्यक्ष डॉ. संदीप शर्मा, प्रांत महामंत्री एवं प्रांत प्रभारी जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख सर्वेश कुमार मिश्र, प्रांत मीडिया प्रमुख युद्धवीर टण्डन व जिला पदाधिकारियों में जिलाध्यक्ष चम्बा विक्रम कौशल ‘प्रयास’, जिला संरक्षक प्रभात राणा, जिला महामंत्री चम्बा उत्तम सूर्यवंशी, राष्ट्रीय कवि संगम कांगड़ा की प्रमुख सहयोगी कमलेश सूद, अनीता भारद्वाज व सिरमौर जिला संयोजिका रविता चौहान ने भाग लिया। प्रांत प्रभारी वरिष्ठ साहित्यकार शक्ति चंद राणा ‘शक्ति’ ने सभी को शुभकनाएं दी।
अधिवेशन में प्रांतों द्वारा द्विवार्षिक कार्यवृत्त और आगामी योजना प्रांतों द्वारा प्रस्तुत किया गया तथा अलग-अलग सत्रों में कार्यकर्ता कवियों और कवयित्रियों को काव्यपाठ का भी अवसर मिला।

अधिवेशन में काव्यपाठ के दौरान हिमाचल के कवियों और कवयित्रियों द्वारा अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें चम्बा के कवि उत्तम सूर्यवंशी ने गंगा मैया के घाट पर अपनी देशभक्ति कविता “देश के लिए दिल समंदर होना चाहिए” प्रस्तुत करके पूरी महफिल में रंग जमा दिया और खूब वाहवाही लूटी। कवि विक्रम कौशल ‘प्रयास’ ने “शहीदों का वतन है मेरा मैं वतन सजाने आया हूँ ” से समां बांधा, कवयित्री कमलेश सूद ने “परीक्षा मत लेना सब्र की मेरे “व अनीता भारद्वाज बेटा तेरे पास रहे मां, बेटी तुमसे दूर” कविता से सबको भावुक कर दिया। रविता चौहान ने अपनी कविता ,शायरी “हम माँ -बाप का चेहरा जो देखकर घर से निकलते है”व “न जाने क्यों ये दुनिया मेरी आंखो से जलती है ” मुक्तकों से महफिल में खूब जादू बिखेरा और सब को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया , प्रभात सिंह राणा व युद्धवीर टण्डन ने भी अपनी रचना के माध्यम से बेहतरीन प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध किया।

अधिवेशन में दूसरे दिन राष्ट्रीय कवि संगम हिमाचल प्रांत का विस्तार भी किया गया। जिसकी घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने किया। जिसमें चम्बा जिला अध्यक्ष विक्रम कौशल ‘प्रयास’ और पालमपुर की वरिष्ठ कवयित्री कमलेश सूद को प्रान्त उपाध्यक्ष और चम्बा जिला महामंत्री उत्तम सूर्यवंशी को प्रांत मंत्री का दायित्व दिया गया।