स्वास्थ्य केंद्र पर नवजात शिशु की मौत, परिजनों ने ठहराया अस्पताल स्टाफ को जिम्मेदार

दीपक श्रीवास्तव-


कछौना (हरदोई) – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना में स्टाफ की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है । बृहस्पतिवार सुबह अस्पताल स्टाफ द्वारा बरती गई घोर लापरवाही के कारण दो दिन पूर्व जन्मा एक नवजात शिशु काल के गाल में समा गया । परिजनों के अनुसार जन्म से ही शिशु की हालत काफी गंभीर थी । परिजनों द्वारा अस्पताल स्टाफ और डॉक्टर से लाख मिन्नतों के बाद भी उसे जिला मुख्यालय नहीं रेफर किया गया । परिजनों का कहना है की लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और नर्स को निलंबित कर उन पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए ।


जानते हैं आख़िर क्या है मामला ?


विकासखंड कछौना की ग्राम सभा गाजू के ग्राम फत्तेपुर निवासी शांति देवी(23) पत्नी आनंद कुमार को चार जून को उसके परिजन प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना पर ले गए थे । परिजनों का आरोप है कि प्रसव के दौरान स्टाफ नर्स ने उनसे पैसे मांगे जिस पर उन्होंने मना कर दिया । परिजनों के अनुसार स्टाफ नर्स का कहना था कि 500₹ दे दोगे तो कोई दिक्कत नहीं होगी । मंगलवार सुबह शांति ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया । परिजनों के अनुसार जन्म से ही बच्चे की स्थिति गंभीर थी वह निरंतर रो रहा था । परिजन नवजात शिशु को लेकर सीएचसी में मौजूद डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने बताया की चिंता की कोई बात नहीं है बच्चा एकदम स्वस्थ है । एक ड्रॉप लिख रहा हूं इसे पिलाओ ठीक हो जाएगा । परिजनों ने बताया कि दवा पिलाने के बाद नवजात की स्थिति कुछ घंटों तक सामान्य हो गई । परंतु बुधवार शाम को पुनः नवजात शिशु की हालत बिगड़ गई । जिस पर परिजनों ने अस्पताल स्टाफ व डॉक्टर से बच्चे को जिला अस्पताल रिफर करने के लिए कहा । जिससे वह अपने बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाकर उचित परामर्श व इलाज करा सकें । सीएचसी पर मौजूद एचसीएल फाउंडेशन की स्टाफ नर्स पुष्पा ने परिजनों से कहा कि यदि आप शिशु को रेफर कराएंगे तो आपको अस्पताल द्वारा एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी । परिजनों की लाख मिन्नतों के बावजूद सीएचसी पर मौजूद डॉ अमित कुमार श्रीवास्तव ने नवजात शिशु को रेफर करने से मना कर दिया और कहा कि बच्चा एकदम स्वस्थ है घबराने की कोई बात नहीं है । जिसके बाद नवजात शिशु की हालत निरंतर बिगड़ती गई और बृहस्पतिवार सुबह उसकी मृत्यु हो गई ।

नवजात शिशु की मौत पर भले ही अन्य को दुख ना पहुंचा हो, परंतु मां शांति देवी और पिता आनंद कुमार को गहरा आघात पहुंचा है । विवाह के बाद शांति देवी व अनंत कुमार का यह पहला बच्चा था । मां शांति देवी तो नवजात शिशु के शव सीने से चिपकाकर काफी देर तक विलाप करती रही । परिजनों द्वारा नवजात के शव को गांव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया ।


अधीक्षक ने कहा की स्टाफ की लापरवाही से नहीं बल्कि बाहरी दूध या अन्य तरल पदार्थ पिलाने से हुई नवजात की मृत्यु


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना में स्टाफ की घोर लापरवाही से हुई नवजात शिशु की मौत हो जाने के बाद जब इस संबंध में अधीक्षक डॉक्टर साहनी से दूरभाष पर बात हुई तो उन्होंने बताया की नवजात शिशु की मृत्यु अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण नहीं बल्कि परिजनों द्वारा वाह्य तरल पदार्थ या दूध पिलाने के कारण हुई है । जब उनसे पूछा गया कि सीएचसी पर कोई बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक है या नहीं तो उन्होंने बताया की वर्तमान समय में सीएचसी पर कोई भी बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है ।


महिला चिकित्सक रहती है अधिकतर नदारद


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना में परामर्श व इलाज के लिए आने वाली महिलाओं से मिली जानकारी के अनुसार सीएचसी कछौना में तैनात महिला चिकित्सक डॉक्टर पूनम गुप्ता अधिकतर ड्यूटी से नदारद रहती हैं, वह सप्ताह में एक या दो दिन ही ड्यूटी पर आती हैं । प्रसव के दौरान भी स्टाफ नर्स के द्वारा प्रसूता का प्रसव कराया जाता है । इस संबंध में कई बार विभाग को अवगत कराया जा चुका है परंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में प्रशासनिक पकड़ व मजबूती के कारण आज तक उनपर किसी प्रकार की कोई विभागीय कार्यवाही नहीं हो पाई है ।


सरकार के दावे साबित हो रहे हवा


घटना के बाद परिजन सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था को कोसते नजर आए । परिजनों का कहना था कि यदि डॉक्टर नवजात शिशु को जिला मुख्यालय रिफर कर देते तो शायद नवजात की जान बच जाती । प्रदेश की सरकार जहाँ अस्पतालों को स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस व हाईटेक बनाने का दावा कर रही है । परंतु प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण हो रही ऐसी घटनाओं से उसके सभी दावे हवा साबित हो रहे हैं ।