गड्ढा मुक्त सड़कें : अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा सेमरा कलां संपर्क मार्ग

कछौना, हरदोई। लखनऊ-हरदोई नेशनल हाईवे से एक किलोमीटर की दूरी पर ग्राम सेमरा कला स्थित है। जो दलित बाहुल्य गांव है। इस गांव को जाने वाला मार्ग काफी जर्जर व गड्ढायुक्त है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।

नौनिहाल, वृद्ध पुरुष, महिलाएं, बीमार मरीजों, गर्भवती महिलाओं को आवागमन में काफी दिक्कत उठानी पड़ती हैं। आयेदिन कोई न कोई राहगीर इन गड्ढों की चपेट मे आने से चुटहिल होते रहते हैं। ग्रामीणों की इस पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं है।

इस मार्ग का निर्माण डामरीकरण के तहत दो दशक पूर्व हुआ था। दशकों से ग्रामीण इस जर्जर मार्ग पर चलने को विवश हैं। जय हिंद जय भारत मंच के संयोजक सुरेंद्र पाल सिंह व सामाजिक कार्यकर्ता अंकित कुमार ने इस मार्ग का जीर्णोद्धार कराने का बीड़ा पांच वर्ष पूर्व उठाया। इसके लिए ग्रामीणों के हस्ताक्षर करा कर एक पत्र जिला प्रशासन, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सांसद को दिया। लेकिन कोई सार्थक जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुनः जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की जिसमें जवाब अधिशासी अभियंता निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग बिलग्राम ने बताया, इस मार्ग का निर्माण वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होते ही कराया जाएगा। लेकिन लंबी अवधि के बाद कार्य नहीं शुरू कराया गया था। इसके बाद पुनः जनसुनवाई के माध्यम से शिकायत की गई। जिसमें बताया गया था, यह मार्ग विशेष मरम्मत योजना अंतर्गत स्वीकृत है। निविदा प्रक्रिया के बाद कार्य कराना संभव है। इसके बाद ग्रामीणों ने जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत विभाग से अभी तक इस मार्ग निर्माण न होने की सूचना मांगी है। जिस पर प्रशासन हरकत में आया।

इस मार्ग का निर्माण विशेष मरम्मत के तहत 2018 में करा दिया गया। परंतु ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कराए जाने के कारण एक वर्ष के अंदर यह मार्ग काफी जर्जर व गड्डा युक्त हो गया। यह जर्जर मार्ग होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं, बीमार वृद्ध पुरुष महिलाओं व स्कूली बच्चों को होती है। इस मार्ग पर स्कूली वाहन फंस कर पलट चुके हैं। वही गर्भवती महिलाओं को ले जा रही एंबुलेंस में कई महिलाओं को प्रसव भी हो चुका है। इस मार्ग पर पड़ने वाली दो पुलिया भी टूटी हुई हैं। जिनमें आए दिन वाहन फंसकर पलट जाते हैं। जिससे चालक व सवार गंभीर रूप से घायल होते हैं। दर्जनों ग्रामीणों ने बताया मार्ग के जीर्णोद्धार हेतु कई बार शासन प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं, परंतु किसी जिम्मेदार ने सुध लेना मुनासिब नहीं समझा। हम सभी का धैर्य टूट चुका है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है। जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। वहीं उक्त मामले को लेकर अवर अभियंता लोक निर्माण विभाग से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता