नगर की अधिकतर सड़कें जर्जर, आखिर कैसे आदर्श नगर पंचायत का सपना होगा साकार?

कछौना, हरदोई। नगर पंचायत कछौना पतसेनी की प्रमुख सड़कें विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते बदहाल हैं। एक वर्ष से ज्यादा समय से नगर पंचायत की बोर्ड की बैठक न होने के कारण विकास कार्य ठप हो गए थे। काफी जद्दोजहद के बाद सदस्य विधान परिषद अशोक अग्रवाल ने नगर की बैठक को शुरू कराया।

नगरवासियों द्वारा सड़कों के जीर्णोद्धार के लिये उठी आवाज की कोई सुध लेने वाला नहीं हैं। नगर की सड़कों के जीर्णोद्धार के लिए सामाजिक कार्यकर्ता बैजनाथ ने शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की है। स्टेशन से चौराहे तक रोड का दुरुस्तीकरण हो गया है। कस्बे के अधिकतर अन्य मार्ग जर्जर व ध्वस्त हैं। कस्बे की दूसरी प्रमुख सड़क बाबा कुशीनाथ मंदिर से बस्ती होते बाबूलाल पुलिया तक जर्जर है, जिसमें जगह-जगह गड्ढे हो चुके है। नालियां भी टूट चुकी हैं। तीसरी प्रमुख सड़क बाबूलाल अग्रवाल के घर से नटपुरवा, ठाकुरगंज तक मार्ग भी दयनीय हालत में है। जिसमें जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं, डामर, बजरी, गिट्टी गायब है। चौथी सड़क गोल बिल्डिंग से सुठेना बाईपास पर अंत्येष्टि स्थल तक काफी जर्जर है। जल निकासी हेतु बना नाला भी टूट चुका है । पूरे मार्ग से गुजरना दुष्कर है। यह लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है। वही के मोहल्लों की अधिकतर सड़के जर्जर हैं। इस नगर का कोई पुरसाहाल नहीं है।

नगर अध्यक्ष हमेशा में नदारद रहती हैं। शायद जनता की समस्याओं के प्रति वह जिम्मेदार नहीं है, जिसका खामियाजा आमजनमानस को उठाना पड़ रहा है। शासन-प्रशासन के जिम्मेदार सुध लेना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। अपने को नगर के नुमाइंदे व सामाजिक कार्यकर्ता व लोगों की समस्याओं को लेकर राजनीति करने वाले जिम्मेदार भी मूकदर्शक बने हैं।

सबसे ज्यादा नौनिहाल व वृद्धजनों व महिलाओं को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ती है। नगरवासियों का धैर्य जवाब दे चुका है। नगरवासियों का गुस्सा आंदोलन के रूप में फूट सकता है। शायद कोई अनहोनी घटना घटने से प्रशासन नींद से जागे।

एक ओर शासन नगर पंचायतों को आदर्श नगर बनाने के लिए प्रयासरत है। विभागीय अधिकारी सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बैजनाथ ने बताया सड़कों की दुर्दशा नहीं सुधरी तो वह आंदोलन और धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता