दिल्ली-सरकार का उपनिदेशक, बलात्कार का आरोपित, प्रेमोदय खाखा की गिरिफ़्तारी क्यों नहीं हुई?

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

प्रेमोदय खाखा (उप-निदेशक― महिला एवं बाल-विकासविभाग, दिल्ली-सरकार) पर उसके एक मित्र की अवयस्क पुत्री के साथ बलपूर्वक शारीरिक दुष्कर्म करने का पीड़िता के स्वजन की ओर से आरोप लगाया गया है। इतना ही नहीं, उस अधिकारी की पत्नी को भी उस वयस्क का गर्भपात करने का आरोपित बनाया गया है।

ज्ञात हुआ है कि कथित अधिकारी उस १४ साल की नाबालिग (‘नाबालिक’ अशुद्ध है।) लड़की का पिछले दो वर्षों से शारीरिक शोषण कर रहा था; शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना कर रहा था, जिसमें उसकी पत्नी की भी सहभागिता थी।

दिल्ली-पुलिस की माने तो उसने कथित अधिकारी पर पॉस्को-सहित कई गम्भीर धाराओं मे एफ० आइ० आर० दर्ज़ किया है; लेकिन आश्चर्य है, उस आरोपित के विरुद्ध दिल्ली-पुलिस ने अभी तक अधिकृत रूप मे कोई आरोपपत्र तैयार नहीं किया। ऐसे मे, उसकी गिरिफ़्तारी कैसे हो?

आरोप की गम्भीरता को देखते हुए, दिल्ली के मुख्यमन्त्री केजरीवाल ने आज (२१ अगस्त) उस बलात्कारी के निलम्बन करने का निर्देश कर दिया है। दिल्ली-महिला-आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने आज ही घटना के प्रति आक्रोश और क्षोभ व्यक्त करते हुए, अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है; परन्तु अरविन्द केजरीवाल और स्वाति मालिवाल की प्रतिक्रिया विलम्ब मे आयी है। इसका कारण यह भी हो सकता है कि घटना से वे अब अवगत हुए हों।

इस विषय पर आम आदमी पार्टी के नेताओं वा प्रवक्ताओं के अलावा किसी भी राजनैतिक दल के नेता वा उसके प्रवक्ताओं को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का कोई अधिकार नहीं है; क्योंकि एक सिरे से सब चरित्रहीन हैं। चरित्रहीन इसलिए कि उनके सरकारी राज्यों मे इससे भी बदतर घटनाएँ हो चुकी हैं और होती रहती हैं; परन्तु उनके विरोध मे ‘एक शब्द’ तक नहीं निकलता।

सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २१ अगस्त, २०२३ ईसवी।)

चित्र– प्रेमोदय खाखा
(उप-निदेशक– महिला एवं बालविकास, दिल्ली-सरकार)