सबको रंगों से सराबोर कर दीजिए- मंत्र

दिल्ली- योगशाला मंच साहित्य संगम संस्थान दिल्ली में आज 08 मार्च 2023, को शाम 05 बजे से छंदोत्सव बसंतोत्सव आहुति महोत्सव सारगर्भित ढंग से संचालन किया गया। सर्वप्रथम संयोजिका इंदू शर्मा शचि, डॉ कुमुद श्रीवास्तव कुमुदिनी, मुख्य अतिथि मिथिलेश मिलिंद, देव अतिथि कविराज तरुण, सारस्वत अतिथि प्रशांत करण, सम्माननीय अतिथि डॉ ओमप्रकाश मधुव्रत, विशिष्ट अतिथि नंदिता माजी शर्मा, कार्यक्रम अध्यक्ष राजवीर सिंह मंत्र, शंखनाद अर्चना जायसवाल सरताज, गणेश सरस्वती स्थापना बजरंग केजड़ीवाल, रंजना बिनानी काव्या के द्वारा माल्यार्पण किया गया। दीप प्रज्वलन लता खरे सगुण भोपाल के द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना शारदा इंदोरिया, गणेश वंदना छाया सक्सेना प्रभु, स्वागत गीत पम्मी पारीक, संचालन निशा अतुल्य के द्वारा संचालित किया गया।

इस कार्यक्रम में रीतू गुलाटी ने “प्यार में डूबी हुई अब जिंदगानी हो”, सिलीगुड़ी असम से सुशीला शर्मा के द्वारा “ये पर्व है उल्लास का”, मुंबई से रवि रश्मि अनुभूति ने “द्वार सभी खोले बसंत ने”, राजेश कुमार शर्मा पुरोहित भवानी मण्डी “राधा मोहन से कहे रंग न डालो श्याम, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर सिंह मंत्र जी की शानदार प्रस्तुति “सबको रंगों से सराबोर कर दीजिए”, विनोद कुमार ने “रंग लगाएं प्रेम का सेवा रूप गुलाल” प्रेषित की। बिलासपुर से सरोज ठाकुर ने “होली के रंग में रंग गया देखो अपना भारत देश,” संगीता अग्रवाल ने “देखो देखो ऋतुराज आया रे” गुनगुनाई। भगवती बिनानी ने अपनी अभिव्यक्ति “जीवन के कुछ पल” प्रस्तुत की। गणेश केष्टवाल महिला दिवस पर सार्थक रचना पढी। रंजना बिनानी काव्या ने बसंतोत्सव होली पर्व की बधाई देते हुए अभिव्यक्ति “होली आई रे पिया के संग खेलूं होली।” योगशाला संयोजिका इंदू शर्मा शचि ने योग की सारगर्भित भरी घनाक्षरी के माध्यम से काव्य को गति प्रदान कर आगे बढाया। सारस्वत अतिथि आदरणीय प्रशांत करण ने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम संयोजक इंदू शर्मा शचि का आभार वंदन कर आज के कार्यक्रम व योगा से होने वाले फायदे छोटी छोटी परिभाषा के साथ काव्य प्रस्तुति “व्यर्थ न हो जाये यह यौवन”, विशिष्ट अतिथि मिथलेश सिंह ने अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से होली की कामना देते हुए सार्थक ढंग से हो रहे नित कार्यक्रम की सराहना कर बधाई दी। विशिष्ट अतिथि नन्दिता माजी शर्मा द्वारा उद्बोधन में कार्यक्रम संयोजिका की श्रम साधना को नमन करते हुए आभार व्यक्त कर अपनी अभिव्यक्ति “ऋतुओं का राजा कहो या कह दो मधुमास” गुनगुनाया। महासचिव कविराज तरुण आज के कार्यक्रम के उपलक्ष्य के सभी को बधाई प्रेषित कर कार्यक्रम का संचालन की सराहना कर अभिव्यक्ति “रंग जो चमन में मुस्कुराते फूल में होते है” प्रेषित की।

योगशाला कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को सम्बोधित करते हुए अर्चना सरताज ने मंच के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामना देते हुए राधा कृष्ण की कविता “रंगो कृष्णा के रंगों में डूबकर” प्रस्तुत की। सम्मानीय अतिथि आदरणीय डॉ ओम प्रकाश मिश्र मधुव्रत जी का काव्यपाठ के अलावा उद्बोधन शाब्दिक ढंग योगा पर प्रकाश देते हुए आज के पदाधिकारियों व कार्यक्रम संचालन की सराहना की, राम प्रकाश अवस्थी घनाक्षरी के माध्यम से उपस्थित पदाधिकारियों का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया। योगशाला मंच पे आयोजित कार्यक्रम को कवरेज करते हुए नवीन कुमार भट्ट नीर से बताया कि योगशाला मंच मे जुड़े साहित्यकारों, श्रोताओं के द्वारा कवियों के द्वारा दी गई प्रस्तुतियों का श्रवणपान कर बसंतोत्सव में छंदों की बरसात के साथ होली पर्व में रंगोत्सव की झूम धाम बेहतर प्रस्तुति सुनने को मिला। संयोजक इंदू शर्मा शचि सभी को विशेष धन्यवाद जिनके मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम सुचारू ढंग से संचालन किया गया। आज के कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों, कवि-कवयित्री एवं पाठको को धन्यवाद देती हूं, साथ ही रांची झारखंड में आहूत होने वाले महोत्सव में आप सादर आमंत्रित करती हूं। एक बार पुनः धन्यवाद देती हूं। मैं स्वयं गौरवान्वित हूं कि साहित्य संगम संस्थान में एक सदस्य होकर हिन्दी में सेवा कर रही हूं। जय हिन्दी जय हिन्द।