साहित्यांजलि प्रज्योदि की सुरमयी शाम, संगीतकारों का किया गया सम्मान

■ “सजा दो घर को गुलशन-सा, मेरे सरकार आये हैं”

‘साहित्यांजलि प्रज्योदि’ की ओर से ‘चित्रगुप्त-जन्मोत्सव’ के अवसर पर ‘सुरमयी शाम’ का आयोजन ‘सारस्वत सभागार’, लूकरगंज मे किया गया। इस संगीतमय समारोह की अध्यक्षता भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने की थी। शाइर विश्वनाथ प्रसाद श्रीवास्तव समारोह के मुख्य अतिथि थे तथा सामाजिक कार्यकर्त्री सुनीता दरबारी और नवीन सिन्हा विशिष्ट अतिथि थे।

दो सत्रों मे आयोजित समारोह का प्रथम सत्र संगीतमय था, जिसमें देश के जाने-माने गिटारवादक और गायक आर० एस० चित्रांशी, तबलावादक राजेश श्रीवास्तव तथा ‘लिटिल चैम्प’ की प्रतियोगी गायिका लक्ष्मी श्रीवास्तव उर्फ़ पलक श्रीवास्तव ने अपनी सांगीतिक कला से दर्शकों के मन मोह लिये। इसी अवसर पर आर० एस० चित्रांशी और राजेश श्रीवास्तव को आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय और विश्वनाथ प्रसाद श्रीवास्तव ने अंगवस्त्र धारण कराकर उनका भावपूर्ण सम्मान किया था।

इससे पूर्व समारोह के अध्यक्ष और मुख्य अतिथि ने दीप-प्रज्वलन कर, समारोह का उद्घाटन किया था
आर० एस० चित्रांशी के गायन “सजा दो घर को गुलशन-सा मेरे सरकार आये हैं” सुनकर श्रोता वाह-वाह कर उठे थे। नवोदित गायिका लक्ष्मी श्रीवास्तव ‘पलक’ ने सरस्वती और गणेश की संगीतमय वन्दना कर, अपनी प्रतिभा का प्रभावपूर्ण प्रदर्शन किया था। डॉ० प्रदीप चित्रांशी-द्वारा रचित चित्रगुप्त चालीसा का समस्त मत और समुदाय के श्रोताओं और दर्शकों ने समवेत स्वर मे खड़े होकर सस्वर पाठ किया था, जो ‘सर्वधर्म समभाव’ को रेखांकित कर रहा था।

दूसरे सत्र मे गीत और मुशाइरा-सम्मेलन हुआ था, जिसमे फ़र्मूद इलाहाबादी, शैलेन्द्र ‘जय’, सेलाल इलाहाबादी, योगेन्द्र मिश्र, शम्भुनाथ श्रीवास्तव, हृदयनाथ पाण्डेय, एस० पी० श्रीवास्तव, असलम आदिल इलाहाबादी आदि ने गीत और ग़ज़ल सुनाकर वातावरण को विविध रस से परिपूर्ण कर दिया था।

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे कहा, “देवी-देवता किसी मत, समुदाय तथा जाति-विशेष के नहीं होते, बल्कि उनका प्रतीकात्मक आशीर्वाद समस्त जड़-चेतन के लिए होता है। इस आयोजन मे विभिन्न मत और समुदाय के बुद्धिजीवि-वर्ग की सक्रिय सहभागिता इस कथन की पुष्टि करती है।”

समारोह का संयोजन और संचालन डॉ० प्रदीप चित्रांशी ने किया। केशव सक्सेना ने कृतज्ञता-ज्ञापन किया।

इस अवसर पर ज्योति चित्रांशी विनीता, गरिमा, जया, प्रेम सिंह, रामशरण चित्रांशी, अनन्या, पृथा, ईशान, ऋदम आदि उपस्थित थे।