वित्तविहीन प्रबंधक व शिक्षक महासभा के बैनर तले सरकार से होगी आरपार की लड़ाई

नए संगठन के गठन के साथ शिक्षकों ने भरी हुंकार

ऊंचाहार (रायबरेली) : कोरोना काल के दौरान बर्बाद हुई शिक्षण व्यवस्था और वित्तविहीन शिक्षकों के सामने खड़े हुए जीविका के संकट पर सरकार का नकारात्मक रवैए पर अब शिक्षक उग्र हो गए है । शुक्रवार को नए संगठन के गठन के साथ शिक्षकों ने सरकार से दो दो हाथ करने का ऐलान भी कर दिया है ।

शुक्रवार को महासभा की बैठक दिव्याभा गर्ल्स डिग्री कालेज आलापुर में संपन्न हुई । जिसकी अक्ष्यक्षता संजीव कुमार वाजपेई ने की । जिसमे प्राइमरी स्कूल से उच्च शिक्षा तक के पूरे प्रदेश में लगभग 15 लाख शिक्षकों के संकट को देखते हुए ।सरकार की तानाशाही रवैये को लेकर एक निर्दल संगठन का निर्माण किया गया। जिसका नामकरण वित्तविहीन प्रबंधक एवं शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश रखा गया। जो शिक्षकों को सम्मान जनक मानदेय दिलाने व उनकी सुरक्षा ,सेवानीयमावली ,पुरानी पेंशन, तदर्थ शिक्षकों को बचाने के लिए सरकार से दो -दो हाथ करने को तैयार है । अब जल्दी ही सरकार को ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी जाएगी कि यदि चुनाव के पहले सम्मानजनक मानदेय व सभी शिक्षकों के समस्या का समाधान नही किया तो 22 के चुनाव में हर संभव बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया जाएगा।

बैठक में यह तय किया गया कि इस अराजनैतिक संगठन के द्वारा प्रदेश सरकार से शिक्षक और विद्यालय संचालन हित की हर लड़ाई को लड़ा जाएगा । बैठक में प्रमुख रूप से बृज किशोर शुक्ल ,डॉ प्रशांत शुक्ल ,गजेंद्र कुमार सिंह,कृष्ण मोहन चतुर्वेदी, महफूज आलम,शिव करण, बाल मुकुंद तिवारी ,राम लवट यादव,रीमा मिश्रा, डॉ गोपाल शुक्ल,राम गरीब,मुहम्मद उबेदुरहमान,रामानंद शुक्ल ,ओम प्रकाश पटेल,प्रकाश चंद्र मिश्र,दिनेश मिश्र,राघवेंद्र सिंह,कमल यादव ,प्रविन्दर सिंह आदि रहे।