देश की संसद् में ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ की प्रकारान्तर से जय-जयकार हुई


हमने सबसे पहले ‘सोसल डिस्टैंसिंग’ और ‘सामाजिक दूरी’ का मुखर विरोध करते हुए, स-तर्क ‘शारीरिक दूरी’ नामकरण किया था, जिसका हमारे ‘मुक्त मीडिया’ के सदस्यवृन्द ने स्वीकार भी किया था, वहीं अपने स्वभाव से विवश कतिपय जन ने कुछ पृथक् ही प्रस्तुति की थी। ‘दैनिक जागरण’ ने जब ‘सोसल डिस्टैंसिंग’ और ‘सामाजिक दूरी’ का प्रयोग करना आरम्भ किया था तब हमने सकारात्मक आपत्ति करते हुए, उसे ‘शारीरिक दूरी’ कराया था।

कल (१५ सितम्बर) देश की संसद् में ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ से निष्क्रान्त (निर्गत) ‘शारीरिक दूरी’ को उपयुक्त ठहराया गया।

आप समस्त प्रखर और मुखर शिष्यवृन्द ‘शब्दसंधान’ में प्रवृत्त रहें; आपका प्रयास रेखांकित होता रहेगा।