आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 3, 2024 0

अब हमें देवनागरी लिपि के अन्तर्गत हिन्दीभाषा मे प्रयुक्त किये जानेवाले उन शब्दों पर विचार करना होगा, जो लुप्तप्राय हो चुके हैं तथा जो यदा-कदा व्यवहार मे लक्षित होते रहते हैं; और वह भी अशुद्धि-रूप […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 25, 2023 0

■ प्रतिक्रिया करके हमने ‘होने’ का परिचय अवश्य दें; क्योंकि ‘शब्दसर्जन’ और ‘शब्दसंधान’ श्रमसाध्य और ‘कष्टसाध्य’ कर्म है। अभिक्रिया के अभाव मे भविष्य मे इस पाठशाला से आप सभी वंचित रहेंगे। ★ हमारी पाठशाला की […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 22, 2023 0

यहाँ एक शब्द है, खेल। इसी शब्द से दो शब्द का सर्जन (‘सृजन’ अशुद्ध शब्द है।) होता है :―१– खिलाड़ी२– खेलाड़ी। इनमे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है और क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं, दोनो शब्द […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का संदेश

July 17, 2022 0

शब्द :– भारी बहुमत से; प्रचण्ड बहुमत से; बहुत भारी बहुमत से; भयंकर बहुमत से। ये सभी शब्द अब सार्वजनिक सम्पत्ति हो चुके हैं; ज़ाहिर है, इन्हें पंचायती माल बना दिया गया है; यों (‘यूँ’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 8, 2022 0

निर्देश– एक शब्द मे प्रयुक्त अक्षरों की सहायता से सार्थक शब्द बनायें (‘बनाएँ’ अशुद्ध है।) और उसका अर्थ भी बतायें—जैसे— आराधना = पूजा-अर्चना-उपासना।आराधना मे चार अक्षर हैं। इस शब्द के अन्तर्गत इन्हीं चार अक्षरों की […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 3, 2022 0

एक आभासी मित्र के लेखन पर मैने एक टिप्पणी की थी :—“ध्यातव्य– व्यक्ति का निर्माण कोई नहीं कर सकता; निर्माण केवल ‘कृत्रिम वस्तु’ का होता है। आप कर सकते हैं– व्यक्तित्व का विकास/संवर्द्धन।”इस पर उनकी […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 25, 2022 0

यहाँ उन शब्दों के प्रयोग पर सम्यक् विचार किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। आप उच्चारण और लेखन-स्तर पर उन शुद्ध शब्दों को भक्तिभाव के साथ ग्रहण करते हुए, समाज का भाषिक […]

‘यू ट्यूब’ पर शीघ्र ही ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ नामक सारस्वत आयोजन होगा शुरू

April 16, 2022 0

विशेष सूचना•••••••••••••••• ‘दैनिक जागरण-प्रतिष्ठान’ ने समाचारपत्र के काग़ज़ मे कटौती करते हुए, ‘सप्तरंग’ पृष्ठ (‘झंकार का पृष्ठ दो) मे कटौती कर दी है, इसलिए आप अब प्रतिरविवार प्रकाशित की जा रही ‘भाषा की पाठशाला’ से […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 11, 2022 0

इनमे से कौन-से शब्द शुद्ध हैं?(क) आनुशासनिक (ख) अनुशासनिक (ग) अनुषांगिक (घ) आनुषंगिक (ङ) अन्तर्रात्मा (च) अन्तरात्मा (छ) चामत्कारिक (ज) चमत्कारिक (झ) समाचारिक (ञ) सामाचारिक (ट) प्रामाणिक (ठ) प्रमाणिक (ड) सख्योचित (ढ) सख्युचित (ण) आनुषांगिक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 19, 2022 0

कल (२० फ़रवरी) रविवार रहेगा। आप ‘दैनिक जागरण-परिवार’ की रविवारीय/ रविवासरीय प्रस्तुति ‘भाषा की पाठशाला’ में कल ऐसे अनेक शब्दों का अध्ययन करेंगे, जिनके अर्थ को न समझते हुए, अधिकतर जन मौखिक और लिखित भाषाओं […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 18, 2022 0

आप प्रत्येक वर्ण के पञ्चमाक्षर/पंचमाक्षर का प्रयोग सम्बन्धित प्रत्येक शब्द में ‘लेखनी’ के माध्यम से तो कर सकते हैं; किन्तु ‘टंकण-माध्यम’ से वैसा सम्भव नहीं हो पा रहा है। ऐसा इसलिए कि सम्बन्धित ‘सॉफ़्टवेअर’ की […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 27, 2021 0

कल के शब्द :– रेल और रेलवे। कल (२८ नवम्बर) रविवार रहेगा और आपको देश के शीर्षस्थ दैनिक हिन्दी-समाचारपत्र ‘दैनिक जागरण’ और मध्यप्रदेश के पाठकप्रिय दैनिक हिन्दी-समाचारपत्र ‘नई दुनिया’ और ‘नव दुनिया’ के कल के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 26, 2021 0

निम्नांकित शब्दों को सविस्तार समझने के लिए अपने स्वस्थ तर्क-चिन्तन को बोध का आधार बनायें। शुद्ध और उपयुक्त शब्द :– समाधि, उठावनी, पंचतत्त्व में विलीन, पार्थिव शरीर तथा पन्ना-पृष्ठ/पेज। ★ समाधि– इस शब्द को लेकर […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 17, 2021 0

विचारणीय शब्द :– ● पूर्वाग्रह● पूर्वग्रह● प्रणाम ● पूर्वाग्रह– यह दीर्घ स्वर सन्धि का उदाहरण है और षष्ठी तत्पुरुष समास का भी। पूर्वाग्रह में प्रामाणिक-अप्रामाणिक और अविवादित-विवादित विषय आते हैं। ऐसे में, कौन कब अप्रामाणिक-विवादास्पद […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 18, 2021 0

कल (१९ जून) ‘शनिवार’ रहेगा और आप ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ के समस्त संस्करणों में कल एक साथ प्रकाशित साप्ताहिक स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत ‘जन्मजयन्ती’, ‘जयन्ती’, ‘जन्मदिन’, ‘जन्मतिथि’ तथा कई […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 17, 2021 0

••••••••••••••••••••••••••••••••••◆ निम्नलिखित अशुद्ध वाक्य को कारण-सहित विशद (स्पष्ट) रूप में शुद्ध करें।■ अशुद्ध वाक्य है– प्राधानाचार्या महोदय! आपके दर्शनों को पाकर मैं अभिभूति हूँ।● अब इस वाक्य की अशुद्धियों को विस्तारपूर्वक समझते हुए, इसके शुद्ध […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 11, 2021 0

कल (१२ जून) ‘शनिवार’ रहेगा और आप ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ के समस्त संस्करणों में कल एक साथ प्रकाशित साप्ताहिक स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत ‘भोग’-‘उपभोग’, ‘उपयोग’, ‘प्रयोग’, ‘वियोग’ तथा ‘संयोग’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 10, 2021 0

अशुद्ध और अनुपयुक्त शब्द-प्रयोग :– सगुण-दुर्गुण, कपूत-सपूत। यहाँ शुद्ध और उपयुक्त शब्द ‘सुगुण’ है। ‘सुगुण’ और ‘दुर्गुण’ ही एकसाथ प्रयोग किये जानेवाले विपरीतार्थक शब्द हैं। सगुण का अर्थ है, ‘गुणसहित’ और सुगुण का अर्थ है, […]

‘अमर उजाला उड़ान’ के ‘मार्गदर्शन’ में कल (९ जून)

June 8, 2021 0

कल (९ जून) बुद्धवार रहेगा और आप कल की ‘अमर उजाला उड़ान’ पत्रिका में हमारे साप्ताहिक स्तम्भ ‘मार्गदर्शन’ के अन्तर्गत ‘प्रेरणाप्रद विचार’– ‘ज़िन्दगी की किताब पढ़ना सीखें’ का अनुशीलन करेंगे। सच, मनुष्य वेद-वेदान्त तथा अन्य […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 4, 2021 0

कल (५ जून) शनिवार रहेगा और आप ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ के समस्त संस्करणों में कल एक साथ प्रकाशित साप्ताहिक स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत ‘कि’, ‘की’, दी, ‘किया’, ‘लिया’ आदिक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 2, 2021 0

जो भी लोग :– साहित्यकार, लेखक, कवि, पत्रकार, अध्यापक-अध्यापिकाएँ, प्रकाशक, प्रूफ़-संशोधक आदिक ‘गया’ से ‘गये’, ‘दिया’ से ‘दिये’, ‘लिया’ से ‘लिए’, ‘बताया’, ‘दिलाया’, ‘हिलाया’, ‘रुलाया’ का क्रमश: बताए’, ‘दिलाए’, ‘हिलाए’, ‘रुलाये’; ‘हुए’ का ‘हुये’, ‘हूँ’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 28, 2021 0

कल (२९ मई) शनिवार रहेगा और आप ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ के समस्त संस्करणों में कल एक साथ प्रकाशित साप्ताहिक स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत ‘बर-वर’, बरात-बारात, बराती-बाराती’ तथा अन्य शब्दों […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 23, 2021 0

‘ललकार’ के साथ सुनें-पढ़ें खरी-खरी हमारे देश के ख़ूब पढ़े-लिखे-कढ़े लोग से एक रोग के उपचार के लिए चिकित्सककक्ष में पहुँचने से पूर्व ही ‘पाँच सौ रुपये’ परामर्शशुल्क के रूप में रखवा लिये जाते हैं […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 20, 2021 0

••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••शुद्ध शब्दप्रयोग (उदाहरण-सहित)कहाँ ‘से’ के स्थान पर ‘में’ का प्रयोग होता है; समझें :–★ मेरी समझ ‘में’ ऐसा ही है।★ तीव्र गति ‘में’ गाड़ी मत चलाओ।★ देर ‘में’ मत आना।★ गाड़ी देर ‘में’ आयेगी।★ क्रम […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 14, 2021 0

कल (१५ मई) शनिवार रहेगा और आप ‘दैनिक जागरण-परिवार’ की साप्ताहिक ‘भाषा की पाठशाला’ में ‘पाँच शब्दों’ का अध्ययन करेंगे। आप मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदिक स्थानों से प्रकाशित होनेवाले वहाँ के प्रमुख समाचारपत्रों :– ‘नई दुनिया’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 13, 2021 0

देश के अधिकतर लोग देवनागरी लिपि में ‘Vaccine’ की वर्तनी का अशुद्ध लेखन कर रहे हैं और उच्चारण भी। इसकी शुद्ध वर्तनी ‘वैक्सिन’ है, जिसे हिन्दी में ‘टीका’ कहते हैं। कृपया इसके वर्तनी-प्रयोग करते समय […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 7, 2021 0

••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••कल (८ मई) ‘शनिवार’ रहेगा और आपको ‘दैनिक जागरण’ के ‘सप्तरंग’ पृष्ठ पर ‘दैनिक जागरण-परिवार’ की शनिवासरीय भाषिक प्रस्तुति ”हिंदी हैं हम’ के अन्तर्गत ‘भाषा की पाठशाला’ में पाँच उपयोगी शब्दों को सोदाहरण समझने को […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 15, 2021 0

यहाँ उन शब्दों के प्रयोग के लिए अनुरोध किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। कृपया अपने लेखन में उन शुद्ध शब्दों को स्थान देकर, समाज का भाषिक मार्गदर्शन करें। ★ ‘प्रावधान’ के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 12, 2021 0

अशुद्ध वाक्य का शुद्धीकरण (‘शुद्धिकरण’ अशुद्ध शब्दप्रयोग है।) वाक्य– होली की आपको हार्दिक/ अनन्त अनन्त/बहुत/बहुत बहुत/ढेर सारी शुभ कामना/ शुभकामनाएं। होलिकोत्सव (होलिका+उत्सव) पिछले दिनों सम्पन्न हुआ था। ‘मुक्त मीडिया’ (सोसल मीडिया) नामक मंच पर बहुसंख्या […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 9, 2021 0

••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••कल (१० अप्रैल) ‘शनिवार’ रहेगा और आपको ‘सप्तरंग’ पृष्ठ पर ‘दैनिक जागरण-परिवार’ की शनिवासरीय भाषिक प्रस्तुति ‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत पाँच शब्दों को सोदाहरण समझने को मिलेगा। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की पाठक-पाठिकाएँ ‘नव दुनिया’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 31, 2021 0

हमारी पाठशाला के विद्यार्थी ‘पानी’ शब्द का प्रयोग प्राय: पेय-अपेय जल के रूप में करते आ रहे हैं और बहुत हुआ तो दो-चार कहावतों-मुहावरों के रूप में या फिर ‘पर्यायवाची’ के रूप में पढ़-लिखकर अपने […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 20, 2021 0

निम्नांकित वाक्य को कारणसहित शुद्ध करें :– वाक्य– वह महिला अत्यन्त विद्वान महिला है जिसकी विद्वता की चरर्चायें यत्र तत्र सर्वत्र अनुगूंज रही है अब आप ‘सकारण’ उत्तर ग्रहण करें, जो आपको ‘कहीं भी’ प्राप्त […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 12, 2021 0

कल (१३ मार्च) शनिवार होगा और आप प्रति सप्ताह की भाँति ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ के सप्तरंग पृष्ठ पर ‘हिंदी हैं हम’ के अन्तर्गत हमारी शनिवासरीय ‘भाषा की पाठशाला’ में यह ज्ञान […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 11, 2021 0

निम्नांकित दोहावली भारतेन्दु हरिश्चन्द की प्रसिद्ध कविता ‘निज भाषा’ से उद्धृत की गयी है। हिन्दी के अधिकतर भक्तगण हिन्दी-विषयक आयोजनों में “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा-ज्ञान के मिटत न […]

हिन्दी-अंकों को ‘शब्दों’ में लिखना सीखें

March 10, 2021 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला देश के ९९.९९ प्रतिशत विद्यार्थी-अध्यापक, साहित्यकार, भाषाकार, राजभाषाधिकारी, हिन्दी-अधिकारी, अनुवादक, भाषाविद्, वैयाकरण, व्याकरणाचार्य, प्रकाण्ड भाषापण्डित, भाषाशास्त्री, साहित्यकार, आलोचक, समालोचक, समीक्षक, टीकाकार, भाष्यकार, हिन्दी-संस्थानों-निदेशालयों के अध्यक्ष-निदेशक, समाचारपत्र-पत्रिकाओं और समाचार-चैनलों के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 25, 2021 0

आप नीचे एक कोश के आवरण-पृष्ठ और उसके आरम्भिक पृष्ठ के क्रमश: दो चित्रों को ध्यानपूर्वक देखें। इसे देश के प्रसिद्ध प्रकाशन-प्रतिष्ठान ‘डायमंड’ प्रकाशन, दिल्ली ने प्रकाशित किया है। यह हिन्दी का एक शब्दकोश है; […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 21, 2021 0

भाषा व्यक्तित्व को निखारती है और उसमें एक सुखद आकर्षण भी उत्पन्न करती है। आइए! अपने व्यक्तित्व को सँवारें। सौन्दर्य और सौन्दर्य-बोध की अवधारणा — कोई भी कविता ‘सुन्दर’ अथवा ‘nice’, ‘beautiful’, ‘great’ नहीं होती […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 19, 2021 0

कल (२० फ़रवरी) शनिवार रहेगा। ‘दैनिक जागरण-परिवार’ की शनिवासरीय प्रस्तुति ‘भाषा की पाठशाला’ में आप कल अनेक ऐसे शब्दों का अध्ययन करेंगे, जिनका ‘आप सभी’ अभी तक अशुद्ध अर्थ जानते-मानते-समझते तथा व्यवहार करते आ रहे […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 28, 2021 0

★उत्तरप्रदेश-विधानसभा समूह ‘ख’ की परीक्षा पर प्रश्नचिह्न★’हिन्दी-भाषा’ के प्रश्नपत्र तैयार करनेवालों की अयोग्यता सामने आयी विद्यार्थी किसी भी परीक्षा में इसलिए सम्मिलित होते हैं कि उनका परिश्रम सार्थक हो और वे परीक्षा की कसौटी पर […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 11, 2021 0

”देखिए! ये हसीं शाम ढलने को है,अब तो जाने की इजाज़त दे दो मुझे।” यह युगल गीत ‘राज़’ फ़िल्म का है, जिसे लता मंगेश्कर जी और मुकेश जी ने गाये हैं। यहाँ पर दो विचारणीय […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 19, 2020 0

★ शब्द-विचारज़िम्म:दार-ज़िम्म:वार— सही शब्द ‘ज़िम्म:दार’ और ‘ज़िम्म:वार’ है। अब प्रयोग के धरातल पर वही ‘जिम्मेदार’ और ‘जिम्मेवार’ बन गया है। दोनों ही ‘अरबी’ शब्द हैं। दोनों का एक ही अर्थ है। ज़िम्मा में क्रमशः ‘दार’ […]

‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ की ओर से सर्वसामान्य के लिए सूचना

December 17, 2020 0

•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••आप ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ में ‘हिंदी हैं हम’ के अन्तर्गत प्रकाशित होनेवाले साप्ताहिक (शनिवासरीय) स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ के लिए उन शब्दों को हमारे भेज सकते हैं, जिनके प्रयोग को लेकर […]

‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की प्रायोगिक पाठशाला’

December 11, 2020 0

◆ नीचे दिये गये ‘चित्र’ को गम्भीरतापूर्वक देखें।■ न हिन्दी और न ही अँगरेजी का बोध!‘बस-विभाग’ की मूढ़ता अथवा ‘वाराणसी विकास प्राधिकरण’ का प्रमाद कहा जाये– न हिन्दी का संज्ञान और न ही अँगरेज़ी का […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 5, 2020 0

■ ‘विरामचिह्नों के प्रयोग वाक्य में स्पष्टता लाने के लिए, अर्थात् अर्थ का भाव प्रकट करने के लिए विराम-चिह्नों के प्रयोग अनिवार्य माने गये हैं। निस्सन्देह, विरामचिह्न की स्वतन्त्र सत्ता नहीं होती; परन्तु महत्ता अवश्य […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 27, 2020 0

कल (२८ नवम्बर) शनिवार रहेगा और आपको देश के शीर्षस्थ दैनिक हिन्दी-समाचारपत्र ‘दैनिक जागरण’ और मध्यप्रदेश के पाठकप्रिय दैनिक हिन्दी-समाचारपत्र ‘नई दुनिया’ के कल के अंक में अतीव उपयोगी साप्ताहिक स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ (‘सप्तरंग’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 26, 2020 0

निर्देश– नीचे दिये गये प्रश्नों में पाँच शब्द अंकित हैं और उत्तर के रूप में उनके विकल्प भी। आप प्रश्न-प्रकृति को समझते हुए, दिये गये शब्दों के शुद्ध और उपयुक्त अर्थ बताइए।१- परिरम्भ :–(क) गाढ़ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 20, 2020 0

कल (२१ नवम्बर) शनिवार रहेगा और आपको देश के शीर्षस्थ दैनिक हिन्दी-समाचारपत्र ‘दैनिक जागरण’ और मध्यप्रदेश के पाठकप्रिय दैनिक हिन्दी-समाचारपत्र ‘नई दुनिया’ के कल के अंक में अतीव उपयोगी साप्ताहिक स्तम्भ ‘भाषा की पाठशाला’ (‘सप्तरंग’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 14, 2020 0

शुद्ध और उपयुक्त शब्द-प्रयोग :– दीपावली-दीवाली, दीया-दिया, प्रज्वलन, अधिकांश-अधिकतर, अवतरण-जन्म। ★ दीपावली-दीवाली– इन दोनों ही शब्द-प्रयोग को लेकर लोग भ्रम और संशय की स्थिति में रहते हैं। यही कारण है कि कुछ लोग ‘दीपावली’ तो […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 7, 2020 0

◆ निम्नांकित शब्द उत्तरप्रदेश के आंचलिक बोली-व्यवहार के अन्तर्गत आते हैं। आंचलिक शब्दों का कोई ‘सर्वमान्य’ व्याकरण नहीं है, इसीलिए स्थानिक भाषा का कोई स्वतन्त्र व्याकरण नहीं होता और उन्हें ‘बोली’ का नाम दे दिया […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 5, 2020 0

किशोर अजनानी की ‘सौ बात की एक बात’ का सचये हैं, किशोर अजनानी। ये वही साहिब हैं, जो समाचार-चैनल ‘News 18 इंडिया’ पर प्रतिरात्रि-दिन ‘सौ बात की एक बात’ के अन्तर्गत विविध प्रकार के समाचार […]

स्मृति-वातायन : उत्तरप्रदेश पी०सी०एस० (प्रा०) परीक्षा २०१८ सामान्य अध्ययन और हिन्दी-भाषा के प्रश्नों और वैकल्पिक उत्तरों में अक्षम्य अशुद्धियाँ

November 2, 2020 0

■ आज ही की तारीख़ में इसे सार्वजनिक किया था । ● उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग ने खड़ा किया ‘भयंकर अशुद्धियों’ का पहाड़! — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद्-समीक्षक) दशकों से उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग की अयोग्यता […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 23, 2020 0

◆ शब्द– अल्ला और अल्लाह। ★ अल्ला– यह ‘संस्कृत-भाषा’ का शब्द है, जो लिंग-निर्धारण के अन्तर्गत स्त्रीलिंग का शब्द है। अधिकतर कोशकार ‘अल्ला’ शब्द को ‘अरबी-भाषा’ बताते हैं, जो कि भयंकर दोष है। शब्दभेद की […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की भाषा की पाठशाला के उत्तर

October 22, 2020 0

उत्तर, प्रश्न-शृङ्खला के अन्त में अङ्कित हैं । निम्नांकित में से शुद्ध उत्तर का चयन कीजिए :—-(यदि आपको लगता है कि इनमें से कोई उत्तर शुद्ध नहीं है तो कृपया शुद्ध उत्तर अंकित करें।)१- परीक्षक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 29, 2020 0

यहाँ उन शब्दों के प्रयोग के लिए अनुरोध किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। कृपया अपने लेखन में उन शुद्ध शब्दों को स्थान देकर समाज का भाषिक मार्गदर्शन करें। ★ ‘प्रावधान’ के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 28, 2020 0

हमारे महान् साहित्यकार, समीक्षक, कवि-कवयित्री, शाइर आदिक बहुत गर्व के साथ मंचों के माध्यम से कहते हैं :—० मैंने अभी-अभी एक ताज़ी कहानी लिखी है।० मैं एक ताज़ी ग़ज़ल पेश करती हूँ।० मैंने एक ताजा […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 27, 2020 0

यहाँ सबसे ऊपर एक चित्र दिया गया है। इस चित्र के अन्तर्गत दिखाये गये समाचारों का व्याकरण के निकष पर हम भाषिक परीक्षण करेंगे। आइए! चलते हैं, अपनी ‘प्रायोगिक भाषिक कर्मशाला में। अब हमने समाचार-चैनल […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 22, 2020 0

★’उत्तरप्रदेशलोक सेवा आयोग’ के दामन पर कब तक लगता रहेगा दाग़?★ आर०ओ०-ए०आर०ओ० के सामान्य हिन्दी/व्याकरण के प्रश्नपत्र में अशुद्धियाँ-ही-अशुद्धियाँ! एक अर्से से उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग बदनामी की चादर ओढ़े हुए है। प्रतियोगी विद्यार्थियों का […]

देश की संसद् में ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ की प्रकारान्तर से जय-जयकार हुई

September 16, 2020 0

हमने सबसे पहले ‘सोसल डिस्टैंसिंग’ और ‘सामाजिक दूरी’ का मुखर विरोध करते हुए, स-तर्क ‘शारीरिक दूरी’ नामकरण किया था, जिसका हमारे ‘मुक्त मीडिया’ के सदस्यवृन्द ने स्वीकार भी किया था, वहीं अपने स्वभाव से विवश […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 2, 2020 0

समाचार-चैनल : ‘समाचार Plus’ का भाषिक अज्ञानइस चित्र को ध्यानपूर्वक देखिए। इसमें अंकित समाचार-शीर्षक को पढ़िए। पहली बात, यह समाचार-शीर्षक नहीं है, क्योंकि वही समाचार-शीर्षक उपयुक्त कहलाता है, जो क्रिया-रहित हो। यह तो एक वाक्य […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 1, 2020 0

★ ‘विज्ञानी’ और ‘वैज्ञानिक’ में अन्तर १- वह एक विज्ञानी है। √२- वह एक वैज्ञानिक है। ×३- वह वैज्ञानिक क्षेत्र का व्यक्ति है। √४- देवनागरी लिपि एक वैज्ञानिक लिपि है। √५- डॉ० होमीजहाँगीर भाभा एक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 31, 2020 0

★ कोश और कोष ‘कोश’ नैसर्गिक है, जबकि ‘कोष’ अनैसर्गिक/ कृत्रिम। आप ‘कोशिका’ का प्रयोग करते हैं; क्योंकि वह निसर्ग/ प्रकृति-जन्य है। आप उसे ‘कोषिका’ नहीं कह सकते। ‘कोष’ द्रव्यादिक से सम्बद्ध है। द्रव्यादिक नैसर्गिक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 19, 2020 0

ऊपर दी गयी संस्थान की टीन-पट्टिका को ध्यानपूर्वक देखें। वह संस्थान ‘भरद्वाज-आश्रम’, प्रयागराज के सामनेवाले मार्ग पर स्थित है। टीन की यह पट्टिका वर्षों से संस्थान के प्रवेशद्वार के ऊपर लगी हुई है। इस संस्थान […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 14, 2020 0

प्रिय शिष्यवृन्द! आप जब शोधप्रबन्ध अथवा निम्नांकित विषयगत आशय के कर्म कर रहे होते हैं तब शब्दप्रयोग के प्रति आपको सतर्क-सन्नद्ध-सावधान रहना होगा। ऐसा इसलिए कि शोधकर्म करने-कराने का अर्थ ही है कि सम्बद्ध विद्यार्थी […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 13, 2020 0

कृपया निम्न टंकित चार शब्दों को गम्भीरतापूर्वक समझें। १- बाह्य— बाहरी, बाहर का, बाहर की ओर२- वाह्य— वहन (ढोने) करने-योग्य; जैसे– वाहन, वाहक आदिक।३- अन्तर्राष्ट्रीय— अपने राष्ट्र में होनेवाला; अपने राष्ट्र की भीतरी बातों से […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 4, 2020 0

——० संरचना-पक्ष ०—– ★ रचना— किसी भी उस पद्य अथवा गद्य-कृति को ‘रचना’ कहते हैं, जिसका प्रवाह नैसर्गिक होता है और सर्जन करने के लिए किसी का आश्रय नहीं लेना पड़ता। ★ लेख— किसी विषय […]

‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ में जानिए ‘म्लेच्छ-भाषा’ क्या है?

July 23, 2020 0

‘म्लेच्छ-भाषा’ क्या है? अस्पष्ट भाषा/अपभ्रंश भाषा ‘म्लेच्छ-भाषा’ है। जिन वर्णों का उच्चारण व्यक्त न हो, वह ‘म्लेच्छ-भाषा’ कहलाती है। किरात, खस, बर्बर, पह्लव, पौण्ड्र, द्रविड, शक, शबर, सिंहल, यवन आदिक जातियाँ-जनजातियाँ- बर्बर जातियाँ ‘म्लेच्छ’ कहलाती […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 22, 2020 0

यहाँ उन शब्दों के प्रयोग के लिए अनुरोध किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। कृपया अपने लेखन में उन शुद्ध शब्दों को स्थान देकर समाज का भाषिक मार्गदर्शन करें। ★ ‘प्रावधान’ के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 18, 2020 0

जिन्होंने पी०सी०एस०-साक्षात्कार परीक्षा में हमारे विद्यार्थियों से प्रश्न किया है– मुख्यमन्त्री शब्द से पहले ‘श्री’ लगेगा अथवा नहीं, उनसे हमारा प्रश्न है– उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री का नाम हमने नीचे लिखा है। आपको इनमें से शुद्ध […]

‘आचार्य पं॰ पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ में आज सीखें किसी भी प्रकार की ‘लेखन’ और ‘रचना’ कैसे करें?

July 13, 2020 0

प्रथमत: ‘लेखन’ और ‘रचना’ की वस्तुपरकता और विषयपरकता पर दृष्टिनिक्षेपित करना अत्यावश्यक है। इन दोनों शब्दों की अर्थ, अवधारणा तथा परिभाषा में भिन्नता है। ‘लेखन’ तो किसी भी प्रकार का हो सकता है; परन्तु ‘रचना’ […]

‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’

June 29, 2020 0

आइए! शब्द-मन्थन कर, शब्द-सामर्थ्य अर्जित करें। ★ शब्द है— ‘आयाम’। प्राय: हमारे अधिकतर अध्यापक, विद्वज्जन, साहित्यकार, समीक्षक, मीडियाकर्मी आदिक ‘आयाम’ का अनुपयुक्त प्रयोग करते-कराते आ रहे हैं— चाहे वह वाचिक हो अथवा लिखित हो; फलत:, […]

‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’

June 19, 2020 0

‘अरबी-फ़ारसी’ शब्दों का शुद्ध प्रयोग करना सीखें आज हम लीक से हटकर उस मार्ग पर चलेंगे, जिस पर चलने का साहस हमारे ‘विद्वज्जन’ नहीं कर पाते हैं; और वह मार्ग है, ‘विलक्षण ज्ञानमार्ग’। हम जब […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 14, 2020 0

——– ‘नुक़्त:’ का प्रयोग ——– किस भाषान्तर्गत किस-किस शब्द में नुक़्त: (बिन्दी; अरबीभाषा का शब्द) का प्रयोग होगा, यह सतत अध्ययन और साधना का विषय है। बिना अध्ययन और अध्यवसाय के अनुचित प्रश्न-प्रतिप्रश्न करना, जड़बुद्धिता […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 10, 2020 0

कृपया ध्यान करें (‘ध्यान दें’ अशुद्ध प्रयोग है; क्योंकि ध्यान क्रियात्मक शब्द है। ध्यान किया जाता है; दिया नहीं जाता।) १- यथोचित स्थलों पर तिथि के बाद अल्प विरामचिह्न (,) लगाकर वर्ष लिखा जाता है; […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 21, 2020 0

शुद्ध शब्दप्रयोग (उदाहरण-सहित)यहाँ ‘से’ के स्थान पर ‘में’ का प्रयोग होता है; समझें :–★ मेरी समझ ‘में’ ऐसा ही है।★ तीव्र गति ‘में’ गाड़ी मत चलाओ।★ देर ‘में’ मत आना।★ गाड़ी देर ‘में’ आयेगी।★ क्रम […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 16, 2020 0

■ निम्नलिखित वाक्य को शुद्ध कीजिए।★ कल रुई(रूई) की खेती होती है। सकारण उत्तर–यह प्रश्न देखने में सहज लग रहा है, जबकि है नहीं। पहली बात, इस वाक्य में ‘कल’ शब्द का प्रयोग है, जो […]

पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 12, 2020 0

प्रश्न एक- महाभारत में कुल कितने श्लोक हैं?(क) ८८ हज़ार (ख) १ लाख (ग) १ लाख १० हज़ार (घ) इनमें से कोई नहीं। प्रश्न दो- महाभारत को किसने लिखा था?(क) ब्रह्मा ने (ख) विष्णु ने […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में जानिए ‘आरम्भ-प्रारम्भ-समारम्भ-परिरम्भ’

February 23, 2020 0

● शब्द-परिशीलन किसी भी कार्य की प्रथम अवस्था का अनुष्ठान अथवा सम्पादन ‘आरम्भ’ है। दूसरे शब्दों में— कोई भी कार्य जब पहली बार किया जाता है तब उसे ‘आरम्भ’ कहा जाता है। अब ‘आरम्भ’ शब्द-संरचना […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 21, 2020 0

भाषा व्यक्तित्व को निखारती है और उसमें एक सुखद आकर्षण भी उत्पन्न करती है। आइए! अपने व्यक्तित्व को सँवारें। सौन्दर्य और सौन्दर्य-बोध की अवधारणा :— कोई भी कविता ‘सुन्दर’ अथवा ‘nice’, ‘beautiful’, ‘great’ नहीं होती […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ◆ विषय : वर्णमाला

February 12, 2020 0

★ हिन्दी-वर्णमाला की कुल संख्या ★ वर्णमाला के अन्तर्गत वर्णों की कुल संख्या ‘हिन्दी-वर्णमाला’ में वर्णों की कुल कितनी संख्या है? इस प्रश्न का विस्तृत और विशद उत्तर लिखते हुए, विद्यार्थियों, यहाँ तक कि अधिकतर […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 14, 2019 0

यहाँ पृथक् प्रकार के तीन वाक्य दिये गये हैं, जो दोषपूर्ण हैं। वे दोष कई प्रकार के हैं। वाक्य की प्रकृति को समझते हुए, हमने उन सभी दोषों पर सांगोपांग विचार करते हुए, उनका दोषमुक्त […]

‘डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की प्रायोगिक पाठशाला’

December 11, 2019 0

◆ नीचे दिये गये ‘चित्र’ को गम्भीरतापूर्वक देखें। ■ न हिन्दी और न ही अँगरेजी का बोध! ‘बस-विभाग’ की मूढ़ता अथवा ‘वाराणसी विकास प्राधिकरण’ का प्रमाद कहा जाये– न हिन्दी का संज्ञान और न ही […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला : भाषा-संस्कार विकसित करें

December 8, 2019 0

प्रतिभाशाली विद्यार्थी वही होता है, जो शब्दानुशासन को सम्यक् रूपेण धारण करता हो। जिसके पास विद्या होती है, वही विद्यार्थी कहलाने का अधिकारी होता है; क्योंकि विद्यार्थी का मूल आभूषण ‘विनयशीलता’ है और विद्या ही […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में जायसी का ‘पद्मावत’ : एक अनुशीलन

November 20, 2019 0

‘पद्मावत’ महाकाव्य भारतीय परिभाषा के अन्तर्गत नहीं आता। उसे एक बृहद् खण्ड काव्य कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए कि उसमें कथा की धारा सर्गों में विभाजित न होकर, अविच्छिन्न रूप में प्रवहमान है, उसे […]

‘डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ की ओर से ‘अपनी भाषा सुधारिए!’ अभियान नवम्बर-माह के प्रथम सप्ताह से होगा शुरू

October 24, 2019 0

● ‘डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ की ओर से ‘अपनी भाषा सुधारिए!’ अभियान प्रयागराज में नवम्बर-माह के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ होगा। ★ अभियान का प्रथम चरण :– (समय : दस मिनट) हिन्दीभाषानुरागीजन प्रयागराज के […]

डॉ॰ पृथ्वीनाथ पाण्डेय जी की पाठशाला में जानिए कुछ ऐसे शुद्ध शब्द जिन्हें हम बहुधा अशुद्ध लिखते हैं

August 25, 2019 0

१. कार्यकर्त्री २. काबिलीयत ३. शख़्सीयत ४. आप्रवासी ५. दीप प्रज्वलित ६. एलान ७. रंग-विरंगे ८. नन्हे-मुन्ने ९. प्रविधान १०. आरोपित ११. जन्मतिथि १२. सौहार्द १३. मिष्टान्न भण्डार १४. एतिराज १५. बिलकुल १६. करगिल १७. […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 20, 2019 0

नीचे दी गयी संस्थान टीन-पट्टिका को ध्यानपूर्वक देखिए। वह संस्थान ‘भरद्वाज-आश्रम’, प्रयागराज के सामनेवाले मार्ग पर स्थित है। टीन की यह पट्टिका वर्षों से संस्थान के प्रवेशद्वार के ऊपर लगी हुई है। इस संस्थान में […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में जानिए वाक्य-विन्यास

July 16, 2019 0

आज ‘गुरु पूर्णिमा’ है। ★ आषाढ़-मास की ‘पूर्णिमा’ को ‘गुरु पूर्णिमा’ की संज्ञा दी गयी है। इस सारस्वत पर्व पर ‘गुरुस्मरण’ का विधान है। ● डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला हिन्दी-व्याकरण का नियम वाक्य-विन्यास :- […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में भाषा-विमर्श

June 27, 2019 0

लिपि : जिस प्रकार भाषा की उत्पत्ति कब से हुई है, इसका कोई सर्वमान्य उत्तर अब तक प्राप्त नहीं हो सका है उसी प्रकार लिपि की व्युत्पत्ति का प्रश्न मात्र ‘प्रश्न’ बनकर रह गया है। […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला में वाक्य-संरचना में ‘पूर्ण विराम’ का महत्त्व समझें और मनोरंजन करें

June 18, 2019 0

यह घटना बलिया ज़िले की है। गाँव ‘सुखपुरा’ है। एक कार्यक्रम के दौरान एक महिला मुझसे मिली थी। वह अर्द्ध-शिक्षिता थी। उसका पति झारखण्ड में कोयलरी (कोयला-कारख़ाना) में काम करता था। वह महिला अपने पति […]

‘डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ में रचना, लेख, निबन्ध तथा प्रबन्ध

August 5, 2018 0

● रचना— किसी भी पद्य अथवा गद्य-कृति को ‘रचना’ कहते हैं | ● लेख— किसी विषय पर सांगोपांग अथवा एकांगी दृष्टि से विषय-प्रधान और शास्त्रीय पद्धति में प्रकाशित गद्यबद्ध विचारों को प्रकट करनेवाली रचना को […]

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला – विचार, चिन्तन-अनुचिन्तन, ध्यान, ख़याल, भाव, मनन, स्मरण

March 17, 2018 0

विचार :– यह संस्कृत-भाषा का पुल्लिंग-शब्द है। शब्द-भेद की दृष्टि से यह संज्ञा-शब्द है। विचार में ‘वि’ उपसर्ग लगा हुआ है। वि का अर्थ ‘विशिष्ट’ है। यह ‘चर्’ धातु का शब्द है, जिसका अर्थ ‘चलना’ […]