नरेन्द्र मोदी! अपने भीतर के अपराधियों को संरक्षण क्यों?

ये अपराधी, जिनके विरुद्ध ई० डी० और सी० बी० आइ० के ग़ुलाम अधिकारी अपराध दर्ज़कर काररवाई कर रहे थे; परन्तु भारतीय जनता पार्टी मे शामिल होते ही पाक-साफ़ बना दिये गये हैं :–

● हेमन्त विस्व सरमा– मुख्यमन्त्री– असम (शारदा घोटाला-काण्ड)
● शुभेन्दु अधिकारी– बंगाल (शारदा घोटाला-काण्ड)
● मुकुल राय– बंगाल (शारदा घोटाला-काण्ड)
● जितेन्द्र तिवारी– बंगाल (कोयला-चोरी-काण्ड)
● नारायण राणे– महाराष्ट्र (आदर्श सोसाइटी-काण्ड)
● अजित पवार– महाराष्ट्र (सिंचाई-घोटाला-काण्ड)
● एकनाथ शिन्दे– मुख्यमन्त्री– महाराष्ट्र (स्ट्रीट फ़र्नीचर-निर्माण टेण्डर-काण्ड)
● प्रवीण डोरकर– महाराष्ट्र (मुम्बई कोऑपरेटिव बैंक-घोटाला-काण्ड)
● बी० एस० येदियुरप्पा– कर्नाटक (अवैध खनन-काण्ड)
● हार्दिक पटेल– गुजरात (राजद्रोही-कृत्य)

बेशक, किसी भी राजनैतिक दल के आरोपित नेताओं के विरुद्ध जाँच करानी चाहिए; परन्तु यहाँ तो सरकार अपने पापियों को ‘महाराज हरिश्चन्द्र’ के रूप मे महिमा-मण्डन करती आ रही है, जो कि पूर्णत: एक ‘कायर सरकार’ का लक्षण है।

◆ इस विषय पर शीघ्र एक पारदर्शी विश्लेषण प्रस्तुत करूँगा।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २१ मार्च, २०२४ ईसवी।