उत्तरप्रदेश का मुखिया वास्तविकता से आँखें न चुराये

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

उत्तरप्रदेश का मुखिया चन्द ज़िलों के कतिपय चिकित्सालयों में घूमकर और नाटकीय अन्दाज़ में चेहरे को करुण बनाकर ‘महामारी के सच’ को नहीं समझ सकता। उसे तो बक्सर, ग़ाज़ीपुर, वाराणसी आदिक में गंगानदी में अवैध रूप से बहाये जा रहे शवों की ओर भी देखने का ‘चरित्र’ विकसित करना होगा।

राज्य के मुखिया को उन कारागारों में क़ैद कालाबाज़ारियों से मिलना होगा, जिनके कारण ‘टीका’, ऑक्सीजन’, ‘वेण्टिलेटर’, ‘एम्बुलेंस’, ‘औषध’ तथा अन्य उपकरण दस गुने मूल्य पर बेचे जा रहे हैं।

उत्तरप्रदेश के मुखिया को राज्य के समस्त शासकीय- अशासकीय चिकित्सालयों और औषधालयों में, अपने नेतृत्व में निष्ठावान अधिकारियों-चिकित्सकों के आवश्यकतानुसार दल गठित कराकर आकस्मिक निरीक्षण-परीक्षण करने के लिए ‘प्रतिदिन’ भेजना होगा और कुव्यवस्था के लिए दोषी अधिकारी, चिकित्सक तथा अन्य कर्मचारियों को तत्काल बन्दी बनाने का आदेश कर किसी दूसरे ज़िले के कारागार में भेजवाना होगा और उन सभी पर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम’ के अन्तर्गत ‘मृत्युदण्ड’ पर विचार करना होगा; क्योंकि उनकी लापरवाहियों के कारण ही उत्तरप्रदेश के वे लाखों लोग मारे गये हैं, जो आज ज़िन्दा होते।

ऐसा यदि नहीं होता है तो योगी आदित्यनाथ लाख ‘दौरा’ कर लें, कुछ सुधरनेवाला नहीं है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १३ मई, २०२१ ईसवी।)